मटका बेचने वाले को 10 करोड़ का नोटिस, सोचिए तो फिर कितना होगा पैसा… या कुछ और ……..


- दूसरों के नाम के बैंक खातों में काम करने का संगीन मामला
जयपुर, 16 अप्रैल। वर्तमान में लोगों के आधार कार्ड और पैनकार्ड यूज करके उनके नाम से कंपनी का रजिस्ट्रेशन करवा लिया जाता है। इसके बाद उन कंपनियों में करोड़ों रुपए का ट्रांजेक्शन होता है। जबकि हकीकत में आधार कार्ड धारक को इस बारे में जानकारी नहीं होती है। जब उन्हें इनकम टैक्स का नोटिस मिलता है तो पूरी हकीकत सामने आती है। कुछ ऐसा ही मामला राजस्थान के बूंदी जिले से सामने आया है।



कौन है वीष्णु कुमार प्रजापत-जिसे मिला 10 करोड़ का नोटिस
यहां मटका बनाने वाले एक युवक को इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के द्वारा 10 करोड़ 61 लाख रुपए के लेनदेन करने का नोटिस भेजा गया। युवक का नाम विष्णु कुमार प्रजापत है। जिसे नोटिस में बताया गया कि सुरेंद्र सिंह बाबेल नामक व्यक्ति को उसके द्वारा 10 करोड़ 61 लाख 83 हजार रुपए का लेनदेन किया गया है। जबकि विष्णु ऐसे किसी आदमी को जानता ही नहीं है।



मुंबई महाराष्ट्र में खड़ा किया करोड़ों का कारोबार
जब इस बारे में जानकारी जुटाई गई तो सामने आया कि 19 मार्च 2020 को मुंबई महाराष्ट्र में भूमि का ट्रेडिंग के नाम से एकल स्वामित्व फर्म का रजिस्ट्रेशन करवाया गया। जिसमें विष्णु के आधार, पैन कार्ड और अन्य डॉक्यूमेंट लगाए गए हैं। इसके अतिरिक्त एक अन्य कंपनी के द्वारा भी 2.83 करोड रुपए का लेनदेन किया गया। बरहाल अब विष्णु इस नोटिस को लेकर कभी कोटा तो कभी बूंदी में इनकम टैक्स ऑफिस के चक्कर लगा रहा है लेकिन उसे कोई राहत नहीं मिल रही।
अजमेर जिले के सरवाड़ इलाके में 143 करोड़ का लेनदेन
बता दें कि इस तरह का यह पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी राजस्थान के अजमेर जिले के सरवाड़ इलाके में एक ऐसा ही मामला सामने आया था जहां एक गरीब किसान को 143 करोड़ रुपए के लेनदेन का नोटिस भेज दिया गया। जिसमें बताया गया कि 2020 से 21 के बीच उसके एकाउंट से 143 करोड़ रुपए का लेनदेन हुआ। साथ ही बताया गया कि उसके नाम से एक कंपनी भी रजिस्टर्ड है। बताया जाता है कि यह सब करने के लिए जिनका एकाउंट उपयोग किया जाता है उनको एकाउंट उपयोग करने वाले का नाम की जानकारी नहीं हो पाती है परन्तु इनको एकाउंट उपयोग करने का शुल्क\ किराया प्रति माह प्राप्त हो जाता है।