सोमवार को बन्द की घोषणा, देशनोक हादसे के पीड़ितों को न्याय दिलाने की मांग तेज


- देशनोक हादसे के पीड़ितों को न्याय दिलाने की मांग तेज, कलेक्ट्रेट पर कांग्रेस नेताओं का धरना लगातार चौथे दिन भी जारी रहा
बीकानेर, 20 अप्रैल। बीकानेर के देशनोक ओवरब्रिज पर एक माह पूर्व हुए दर्दनाक सड़क हादसे में सैन समाज के छह लोगों की मौत के बाद अब तक उनके आश्रितों को कोई सरकारी सहायता नहीं मिलने से नाराजगी बढ़ती जा रही है। इस मामले में मुआवजे की मांग को लेकर बीकानेर कलेक्ट्रेट पर कांग्रेस नेताओं का धरना लगातार चौथे दिन भी जारी रहा।



धरने के दौरान नेताओं ने प्रशासन पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाया और कहा कि मृतकों के परिजनों के साथ अन्याय हो रहा है। आंदोलन को और अधिक प्रभावशाली बनाने के लिए सोमवार, 21 अप्रैल को नोखा बंद का आह्वान किया गया है। शनिवार रात को हुई बैठक में व्यापारिक संगठनों ने इस बंद का समर्थन किया है।



बैठक में किराणा व्यापार मंडल के अध्यक्ष बजरंग लाल पाणेचा, फल-सब्जी यूनियन के अध्यक्ष जुगलकिशोर भार्गव, कच्चीआढ़त व्यापार संघ के अध्यक्ष शिवकुमार डेलू, महावीर इंटरनेशनल केंद्र के चेयरमैन सुरेंद्र हीरावत और पशुआहार व्यापार मंडल के अध्यक्ष मनोज कुलड़िया समेत कई संगठनों के प्रतिनिधि मौजूद रहे।
22 अप्रैल को कलेक्ट्रेट पर महापड़ाव, 21 अप्रैल को बंद का आह्वान
शनिवार रात नोखा सैन मंदिर में आयोजित बैठक में समाज के सदस्यों ने प्रशासन की उदासीनता पर गहरी नाराजगी जताई। देशनोक हादसा संघर्ष समिति ने बीकानेर, नोखा, लूणकरणसर और देशनोक सहित विभिन्न क्षेत्रों में 21 अप्रैल को बंद का आह्वान किया है। इसके साथ ही 22 अप्रैल को बीकानेर कलेक्ट्रेट पर महापड़ाव की घोषणा की गई है।
इस महापड़ाव में सर्व समाज के लोग एकजुट होकर न्याय की मांग को बुलंद करेंगे। प्रदर्शनकारियों की मुख्य मांग है कि पुल निर्माण में हुई खामियों की निष्पक्ष जांच कर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए, साथ ही पीड़ित परिवारों को शीघ्र और समुचित मुआवजा दिया जाए। हादसे को लेकर समाज में आक्रोश गहराता जा रहा है और यदि प्रशासन ने शीघ्र कार्रवाई नहीं की तो आंदोलन और अधिक उग्र हो सकता है।