सिंधु समझौता पर रोक, अटारी बॉर्डर बंद, भारत ने अपनाया कड़ा रुख, लिए गए ये 5 बड़े फैसले


जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले के बाद बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आवास पर…



नई दिल्ली , 23 अप्रैल। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले के बाद बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आवास पर कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (सीसीएस) की उच्च स्तरीय बैठक की गई। यह बैठक करीब ढाई घंटे तक चली। इस बैठक में देश के सुरक्षा हालात और हमले के जवाब में रणनीति पर गहन चर्चा हुई। बैठक में गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, विदेश मंत्री एस जयशंकर, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।


पहलगाम आतंकी हमले के बाद हुई कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (सीसीएस) की बैठक में भारत सरकार ने पांच बड़े फैसले लिए। पहला, 1960 के सिंधु जल संधि को तत्काल प्रभाव से रोकने का निर्णय लिया गया, जब तक पाकिस्तान आतंकवाद के खिलाफ ठोस कदम नहीं उठाता। दूसरा, जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बलों को और सशक्त करने के लिए अतिरिक्त 10,000 जवानों की तैनाती और ड्रोन-आधारित निगरानी बढ़ाने का फैसला। तीसरा, आतंकी संगठनों के वित्तीय स्रोतों पर नकेल कसने के लिए अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान के खिलाफ सख्त कूटनीतिक कार्रवाई शुरू करना। चौथा, कश्मीर घाटी में आतंकवाद से निपटने के लिए एनआईए को विशेष जांच शक्तियां प्रदान करना। पांचवां, प्रभावित परिवारों के लिए तत्काल आर्थिक सहायता और पुनर्वास पैकेज की घोषणा, जिसमें प्रत्येक मृतक के परिवार को 50 लाख रुपये की अनुग्रह राशि शामिल है।
पहलगाम की बैसरन घाटी में मंगलवार को हुए इस आतंकी हमले में कम से कम 26 लोग मारे गए, इनमें अधिकांश पर्यटक थे। मृतकों में 14 राज्यों के पर्यटकों के साथ-साथ नेपाल और यूएई के दो नागरिक भी शामिल हैं। हमले में भारतीय नौसेना के एक अधिकारी लेफ्टिनेंट विनय नरवाल, जो हरियाणा के रहने वाले थे और हाल ही में शादी के बंधन में बंधे थे, भी शहीद हो गए। इसके अलावा 17 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। आतंकवादियों ने पर्यटकों पर अंधाधुंध गोलीबारी की, जिसे 2019 के पुलवामा हमले के बाद कश्मीर घाटी में सबसे घातक हमला माना जा रहा है। इस हमले की जिम्मेदारी प्रतिबंधित पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा के छद्म संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट ने ली है।
प्रधानमंत्री मोदी ने सऊदी अरब की अपनी यात्रा को बीच में छोड़कर दिल्ली लौटते ही यह बैठक बुलाई। सूत्रों के अनुसार, सीसीएस ने जम्मू-कश्मीर की सुरक्षा स्थिति, आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई और सीमा पार आतंकवाद पर चर्चा की। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने हमले को “कायराना” करार देते हुए कड़ा जवाब देने की बात कही। गृह मंत्री अमित शाह ने श्रीनगर में पीड़ितों के परिजनों से मुलाकात की और हमले की जांच के लिए राष्ट्रीय जांच एजेंसी की एक टीम पहलगाम पहुंची।
जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने भी श्रीनगर में एक आपातकालीन कैबिनेट बैठक बुलाई, जिसमें पर्यटन क्षेत्र पर हमले के प्रभाव पर चर्चा हुई। हमले के बाद क्षेत्र में तलाशी अभियान तेज कर दिया गया है, और कुलगाम के तंगमार्ग में सुरक्षा बलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ शुरू हो गई है, जिसमें दो आतंकी मारे गए।बैठक के बाद विदेश मंत्रालय ने शाम 7 बजे एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की घोषणा की, जिसमें हमले पर भारत के रुख और अगले कदमों की जानकारी दी जा सकती है। देशभर में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है, और दिल्ली सहित प्रमुख शहरों में हाई अलर्ट जारी है।
पहलगाम हमले के बाद भारत का पाकिस्तान पर सबसे कड़ा फैसला
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमले के बाद भारत सरकार एक्शन मोड में आ गई है. पीएमओ में हुई सीसीएस की बैठक के बाद सरकार ने पाकिस्तान को बड़ा झटका दिया है. सरकार ने सिंधु जल समझौते को खत्म कर दिया है. विदेश सचिव ने कहा कि पाकिस्तान में भारतीय दूतावास को बंद करने का फैसला किया गया है. इसके अलावा भारत में मौजूद पाकिस्तानी नागरिकों को 48 घंटे में देश छोड़ने का निर्देश दिया गया है.
पहलगाम आतंकी हमले के बाद हुई कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (सीसीएस) की बैठक में भारत सरकार ने पांच बड़े फैसले लिए।
- अटारी-बाघा बॉर्डर चेक पोस्ट को बंद कर दिया गया है.
- पाकिस्तान से सिंधु जल समझौता भी खत्म कर दिया गया है.
- पाकिस्तान हाई कमीशन से 5 सपोर्ट स्टाफ हटाए गए.
- भारत में पाकिस्तान उच्चायोग को बंद करने का निर्देश दे दिया गया है.
- तीनों सेनाए हाई अलर्ट पर हैं. हमले में पाकिस्तान का साथ है.
- पाकिस्तान में भारतीय उच्चायोग के कर्मचारी वापस बुलाए गए.