अमर सिंह राठौड़ स्तुति संग्रह पुस्तक का हुआ विमोचन

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  • लोक परंपराओं और संस्कृति को जीवंत बनाए रखना हमारा सामूहिक दायित्व

बीकानेर, 27 अप्रैल। अमर सिंह राठौड़ रम्मत के स्तुति संग्रह का विमोचन रविवार को ब्रह्म बगीचा परिसर में हुआ। मुक्ति संस्थान द्वारा आयोजित कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जनसंपर्क विभाग के उपनिदेशक डॉ. हरिशंकर आचार्य थे। उन्होंने कहा कि लोक परंपराओं और संस्कृति को जीवंत बनाए रखना हमारा सामूहिक दायित्व है। इन परम्पराओं को भावी पीढ़ी तक पहुंचाना भी जरूरी है। इसमें संग्रहित पुस्तकों की भूमिका महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि इस पुस्तक के माध्यम से अमर सिंह राठौर की रम्मत से जुड़ी विभिन्न जानकारियां आम जन को मिल सकेंगी।

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कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए वरिष्ठ साहित्यकार राजेंद्र जोशी ने कहा कि बीकानेर में रम्मतों के मंचन की समृद्ध परंपरा है। आज भी इसका निर्वहन पूरे जोश और उत्साह के साथ होता है। उन्होंने कहा कि होली के अवसर पर आयोजित होने वाली है रम्मतें देश और दुनिया के लिए उत्सुकता का विषय रहती हैं। उन्होंने कहा कि अन्य रम्मत आयोजक संस्थाएं भी ऐसे संकलन तैयार करें तो यह परम्परा और अधिक समृद्ध होगी।

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मुक्ति संस्थान के अध्यक्ष वरिष्ठ अधिवक्ता हीरालाल हर्ष ने कहा कि सोशल मीडिया के दौर में बीकानेर की रम्मतों सहित अन्य पारंपरिक आयोजनों की पहुंच दुनिया भर में हुई है। ऐसे में वैश्विक बनी इन गतिविधियों में और अधिक निखार लाने की जरूरत है जिससे दुनिया भर में बैठे लोगों को इनका समृद्ध रूप दिख सके।

लोक कलाकार मदन जेरी ने कहा कि बीकानेर बारह महीने तीज-त्योहार मनाने वाला शहर है। यहां की जीवन तथा बीकानेर को अन्य शहरों से अलग विशेष स्थान दिलाती है। कर सलाहकार संतोष व्यास ने स्वागत उद्बोधन दिया। उन्होंने आचार्य चौक की वीर रस प्रधान अमर सिंह राठौड़ रम्मत की पृष्ठभूमि के बारे में बताया।

स्तुति संग्रह के संपादक जितेंद्र आचार्य ने बताया कि पुस्तक में गणेश वंदना, राय भवानी की स्तुति विभिन्न प्रार्थनाएं तथा भैरव स्तोत्र आदि संकलित किए गए हैं। इसका उद्देश्य रम्मत से जुड़ी जानकारी जन-जन तक पहुंचना है। इस दौरान बृजगोपाल जोशी, सुभाष जोशी, अमरनाथ व्यास, शंभू रंगा सहित अन्य लोग मौजूद रहे।

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