आदर्श गुरु समाज का पथ-प्रदर्शक होता है- स्वामी विमर्शानंदगिरिजी महाराज

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बीकानेर, 3 मई । परम पूज्य स्वामी ब्रह्मलीन स्वामी संवित् सोमगिरिजी महाराज का चतुर्थ निर्वाण दिवस 3 मई को श्रीलालेश्वर महादेव मंदिर, शिवमठ, शिवबाड़ी में श्रद्धा व समर्पण से मनाया गया। इस उपलक्ष्य में प्रातः 8ः00 से 10ः00 बजे मंदिर अधिष्ठाता पूज्य स्वामी श्रीविमर्शानंदगिरि जी महाराज के सान्निध्य में समाधि मन्दिर पर पूज्य नथमल जी पुरोहित एवं सभी संतो, महात्माओं व साधकों द्वारा पूजन व अभिषेक किया गया। 10ः00 बजे से 12ः00 बजे तक संत सभा का आयोजन हुआ, जिसमें नोएडा से गोस्वामी सुशील जी महाराज, महेश्वर से महंत स्वामी समानन्द गिरि जी महाराज, स्वामी सदाशिवानंदजी महाराज, विलासनाथ जी महाराज, महंत डॉ. करणी प्रताप आदि संत, महापुरुषों का आशीवर्चन हुआ।

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इस अवसर पर मंदिर अधिष्ठाता पूज्य स्वामी विमर्शानंदगिरि जी महाराज ने कहा कि गुरु सर्वव्यापक तत्व होता है अर्थात् जब शिष्य में श्रद्धा व समपर्ण होता है तब वह गुरु-तत्व किसी व्यक्ति, पुस्तक, मूर्ति, नदी, पेड़ आदि का अवलंब लेकर अपने व्यक्त-व्यक्ताव्यक्त व अव्यक्त रूप को प्रकट करता है, यही कारण है कि सनातन ने माँ को प्रथम गुरु, प्रथम देवता, प्रथम मित्र माना है। मानव प्रबोधन प्रन्यास के विजेन्द्र सिंह भाटी ने बताया कि सायं 5ः00 से 7ः00 बजे तक गुरु भजन संध्या का आयोजन किया गया। दिनांक 4, 5 एवं 6 मई को मंदिर अधिष्ठाता पूज्य स्वामी विमर्शानंदगिरि जी महाराज तथा महेश्वर, मध्यप्रदेश से पधारे पूज्य स्वामी समानंदगिरि जी महाराज के सान्निध्य में त्रिदिवसीय आवासीय शिविर का आयोजन किया जाएगा।

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