ऑपरेशन सिंदूर में यूसुफ अजहर-अब्दुल मलिक समेत 100 से ज्यादा आतंकी ढेर, ठिकाने भी तबाह, PC में बोले DGMO


नई दिल्ली ,11 मई। Operation Sindoor: भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर होने के एक दिन बाद यानी रविवार (11 मई) को DGMO लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने प्रेस कॉन्फ्रेंस किया. पीसी में उन्होंने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान और पीओके स्थित आतंकवादी ठिकानों पर सटीक मिसाइल हमला किया, और उन्हें तबाह कर दिया. सेना के हमले में लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी ठिकानों और खूंखार आतंकी यूसुफ अज़हर, अब्दुल मलिक रऊफ, मुदस्सिर अहमद समेत 100 से अधिक आतंकवादी मारे गए.




हमने पाकिस्तान के सभी हमले नाकाम किए- DGMO
प्रेंस कॉन्फ्रेंस में DGMO लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद से पाकिस्तान ने भारतीय भारतीय सैन्य अड्डों को निशाना बनाने की कई बार कोशिश की. उन्होंने कहा कि लेकिन दुश्मनों की अधिकांश कोशिशों को भारतीय सेना और डिफेंस सिस्टम ने नाकाम कर दिया. पाकिस्तान ने ड्रोन और मिसाइलों से हमला किया था, लेकिन भारतीय वायु रक्षा प्रणाली ने सभी को खत्म कर दिया. बता दें, पाकिस्तान की ओर से 300 से 400 की संख्या में ड्रोन भेजे गए जिसे डिफेंस सिस्टम ने खत्म कर दिया.


आतंकियों को किया ढेर
DGMO लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर के तहत सात मई को पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी ठिकानों पर भारतीय सैन्य बलों के हमलों में इन संगठनों के पांच मोस्ट वांटेड आतंकवादियों को ढेर कर दिया गया. मारे गए आतंकियों में 1999 में विमान आईसी-814 के अपहरण का मास्टरमाइंड भी शामिल था. मारे गए आतंकियों में मोहम्मद यूसुफ अजहर जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख मौलाना मसूद अजहर का रिश्तेदार था. युसूफ अजहर इंडियन एयरलाइंस के विमान आईसी-814 के अपहरण का मास्टरमाइंड था, जिसमें मसूद अजहर को दो अन्य आतंकवादियों के साथ इंडियन एयरलाइंस के विमान के यात्रियों और चालक दल के सदस्यों के बदले में रिहा किया गया था. विमान को आतंकवादियों द्वारा दक्षिणी अफगानिस्तान के कंधार ले जाया गया था.
यूसुफ अजहर हुआ ढेर
यूसुफ अजहर अपने परिवार के सदस्यों के साथ जैश-ए-मोहम्मद के बहावलपुर मुख्यालय में मौजूद था, जब भारतीय सशस्त्र बलों ने अड्डे पर सटीक हमला किया और उसे मलबे में तब्दील कर दिया. इस जगह पर यूसुफ अजहर आतंकवादियों को हथियार का प्रशिक्षण देता था.
अधिकारियों ने बताया कि मसूद अजहर का एक अन्य रिश्तेदार हाफिज मोहम्मद जमील भी हमले में मारा गया. वह बहावलपुर में मरकज सुभान अल्लाह का प्रभारी था, जो जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादियों के लिए एक बड़ा प्रशिक्षण केंद्र था. जमील युवाओं को कट्टरपंथी बनाने और जैश-ए-मोहम्मद के लिए धन जुटाने में सक्रिय रूप से शामिल था.
मुदस्सर खादियन भी खत्म
लश्कर-ए-तैयबा का आतंकवादी मुदस्सर खादियन खास उर्फ मुदस्सर उर्फ अबू जुंदाल मरकज तैयबा, मुरीदके का प्रभारी था. आतंकी संगठन के मुख्य अड्डे पर भारतीय सुरक्षा बलों द्वारा किए गए हमले में वह मारा गया.
अबू अकाशा भी ढेर
लश्कर का आतंकवादी खालिद उर्फ अबू अकाशा जम्मू-कश्मीर में कई आतंकवादी हमलों में शामिल था, इसके अलावा वह अफगानिस्तान से हथियारों की तस्करी भी करता था. फैसलाबाद में उसके अंतिम संस्कार में पाकिस्तानी सेना के वरिष्ठ अधिकारी और फैसलाबाद के उपायुक्त शामिल हुए.
मोहम्मद हसन खान भी मारा गया
इसके अलावा ऑपरेशन सिंदूर में पीओके में जैश-ए-मोहम्मद के ऑपरेशनल कमांडर मुफ्ती असगर खान कश्मीरी के बेटे मोहम्मद हसन खान को भी इस हमले में मार गिराया गया. अधिकारियों ने बताया कि खान ने जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी हमलों के समन्वय में अहम भूमिका निभाई थी.
7-10 मई के बीच पाकिस्तान के 35-40 जवान मारे गए
भारत के DGMO लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने बताया, “ऑपरेश सिंदूर के बाद कुछ हवाई क्षेत्रों और डंपों पर हवा से लगातार हमले हुए, सभी को विफल कर दिया गया. पाकिस्तानी सेना ने बताया है कि 7 से 10 मई के बीच नियंत्रण रेखा पर तोपखाने और छोटे हथियारों से गोलीबारी में उसके लगभग 35 से 40 जवान मारे गए हैं…”
श्रीनगर से नलिया तक पाक का एयर अटैक, सभी नाकाम
एयर मार्शल ए.के. भारती ने कहा, “8 और 9 की रात को, 10:30 बजे से हमारे शहरों पर ड्रोन, मानवरहित हवाई वाहनों का व्यापक हमला हुआ, जो श्रीनगर से शुरू होकर नलिया तक गया. हम तैयार थे और हमारी हवाई रक्षा तैयारियों ने सुनिश्चित किया कि जमीन पर या दुश्मन द्वारा नियोजित किसी भी लक्षित लक्ष्य को कोई नुकसान न पहुंचे.
लाहौर के पास से भारत पर किए जा रहे थे ड्रोन अटैक
उन्होंने आगे बताया कि पाकिस्तान के इस हमले के जवाब में हमने एक बार फिर गुजरांवाला में सैन्य प्रतिष्ठानों, निगरानी रडार स्थलों को निशाना बनाया. ड्रोन हमले सुबह तक जारी रहे, जिनका हमने मुकाबला किया. जबकि ड्रोन हमले लाहौर के निकट कहीं से किए जा रहे थे, दुश्मन ने अपने नागरिक विमानों को भी लाहौर से उड़ान भरने की अनुमति दे दी थी, न केवल उनके अपने विमान, बल्कि अंतर्राष्ट्रीय यात्री विमान को भी, जो काफी असंवेदनशील था और हमें अत्यधिक सावधानी बरतनी पड़ी.”
DGMO लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने यह भी बताया कि, “8-9 मई की रात को, पाकिस्तान ने सीमाओं के पार हमारे हवाई क्षेत्र में ड्रोन और विमान उड़ाए और कई सैन्य बुनियादी ढांचे को निशाना बनाने के बड़े पैमाने पर असफल प्रयास किए. पाकिस्तान द्वारा नियंत्रण रेखा पर उल्लंघन फिर से शुरू हुआ और भीषण गोलाबारी हुई.”
100 से अधिक आतंकी मारे गएः डीजीएमओ
प्रेस ब्रीफिंग की शुरुआत में DGMO लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने कहा कि उन 9 आतंकी ठिकानों पर किए गए. हमलों में 100 से अधिक आतंकवादी मारे गए. जिनमें यूसुफ अजहर, अब्दुल मलिक रऊफ और मुदासिर अहमद जैसे लक्ष्य शामिल थे, जो IC814 के हाईजैक और पुलवामा ब्लास्ट में शामिल थे.