लालच में न आएं वरना सब कुछ डूब सकता है- पीयूष शंगारी ने किया आगाह


- वेथोनिक फाइनेंशियल सर्विसेज का जागरूकता अभियान
बीकानेर, 20 जून. हाल ही में बीकानेर के एक व्यक्ति के साथ शेयर मार्केट में हुई 92 लाख रुपये की धोखाधड़ी के बाद, वेथोनिक फाइनेंशियल सर्विसेज ने जनता को साइबर ठगी से बचाने के लिए एक जन-जागरूकता अभियान शुरू किया है। कंपनी के संस्थापक और सीईओ श्री पीयूष शंगारी ने लोगों से लालच में न आने और निवेश से पहले पूरी सावधानी बरतने की अपील की है।




मामला बीकानेर निवासी राहुल वर्मा (बदला हुआ नाम) का है, जिन्हें एक अज्ञात व्यक्ति ने खुद को शेयर ब्रोकर बताकर यह विश्वास दिलाया कि वह कुछ ही महीनों में उनके पैसे दोगुना कर देगा। फर्जी ऐप पर दिखाए गए मोटे मुनाफे, नकली ग्राफ्स, झूठे पोर्टफोलियो और हाई-रिटर्न स्कीम्स के झांसे में आकर राहुल ने बड़ी राशि ट्रांसफर कर दी।


हालांकि, एक अच्छी बात यह रही कि जब राहुल 35-40 लाख रुपये और निवेश करने जा रहे थे, तभी एक परिचित ने उन्हें वेथोनिक फाइनेंशियल सर्विसेज से संपर्क कराया। पीयूष शंगारी ने तुरंत मामले की गंभीरता को समझते हुए राहुल को आगाह किया। शंगारी ने बताया, “हमने राहुल को समझाया कि यह लालच नहीं, एक जाल है। हमने उसे सिर्फ रोका ही नहीं, बल्कि साइबर हेल्पलाइन पर रिपोर्ट करवाने और आगे की कानूनी प्रक्रिया में भी मदद की।”
पीयूष शंगारी का जनता के लिए स्पष्ट संदेश-
- लालच में न आएं, नहीं तो आपकी मेहनत की कमाई डूब सकती है।
- ऐप्स या वेबसाइट्स पर दिखाए जा रहे मुनाफे और डैशबोर्ड नकली हो सकते हैं – सतर्क रहें।
- अगर इतनी आसानी से पैसे बनते, तो दुनिया में कोई भी मेहनत क्यों करता?
- पैसा लगाने से पहले किसी भरोसेमंद जानकार या SEBI रजिस्टर्ड ब्रांड से राय जरूर लें।
- नई धोखाधड़ी की चालें – सतर्क रहें
पीयूष शंगारी ने नई तरह की धोखाधड़ियों के बारे में भी आगाह किया:
- नकली सेबी प्रमाणपत्र और फर्जी वेबसाइट: कुछ धोखेबाज खुद को बेहद भरोसेमंद दिखाते हैं, जाली सेबी प्रमाणपत्र और फर्जी वेबसाइट व मोबाइल ऐप्स बनाते हैं। दुर्भाग्य से, ज़्यादातर लोग इन प्रमाणपत्रों की दोबारा पुष्टि नहीं करते, और यहीं धोखा हो जाता है।
- NSE के अनलिस्टेड शेयरों में फर्जीवाड़ा: अब NSE के अनलिस्टेड शेयरों में भी धोखाधड़ी शुरू हो गई है। लोग इन शेयरों को कम दरों पर बेचकर अज्ञात खातों में पैसे मंगवाते हैं, जिसके बाद न तो शेयर मिलते हैं और न ही पैसे वापस आते हैं। यह धोखाधड़ी फोन कॉल, व्हाट्सएप मैसेज या फर्जी वेबसाइटों के जरिए की जा रही है।
शंगारी ने जोर देकर कहा, “इससे बचने के लिए हमेशा किसी जानकार व्यक्ति से ही संपर्क करें या किसी भरोसेमंद ब्रांड के साथ ही डील करें। नहीं तो आपका मेहनत का पैसा हमेशा के लिए जा सकता है।