अब अंतरिक्ष भी बना युद्ध का मैदान: जानिए वे चार देश जो लड़ सकते हैं अंतरिक्ष की जंग


नई दिल्ली, 22 जून। जहां पहले जंग जल, थल और नभ तक सीमित थी, अब वहीं विज्ञान और तकनीक की तेज़ रफ्तार ने युद्ध के नए मैदान के रूप में अंतरिक्ष को भी सामने ला दिया है। आज दुनिया के कई बड़े देश अपने स्पेस डिफेंस सिस्टम को तेजी से मजबूत कर रहे हैं और कुछ ने तो अंतरिक्ष में अपनी सैन्य ताकत का प्रदर्शन भी कर दिया है। आइए जानें उन चार देशों के बारे में, जो अंतरिक्ष में युद्ध लड़ने की न केवल तैयारी कर चुके हैं, बल्कि सैटेलाइट नष्ट कर अपनी शक्ति का परिचय भी दे चुके हैं।




1. अमेरिका – अंतरिक्ष युद्ध क्षमता में सबसे आगे


- अमेरिका अंतरिक्ष में जंग की क्षमता रखने वाले देशों की सूची में सबसे ऊपर है। उसके पास अत्याधुनिक एंटी-सैटेलाइट (ASAT) मिसाइल टेक्नोलॉजी है।
- 1985 में अमेरिका ने अपने एक उपग्रह को F-15 फाइटर जेट से दागी गई मिसाइल से नष्ट कर दुनिया को चौंका दिया था।
- अमेरिका के पास GPS, जासूसी और निगरानी उपग्रहों का सबसे बड़ा नेटवर्क है, जो सैन्य दृष्टिकोण से बेहद महत्वपूर्ण है।
2. रूस – पुराना खिलाड़ी, नई तकनीक के साथ
- रूस भी इस क्षेत्र में किसी से पीछे नहीं है। सोवियत काल से ही अंतरिक्ष अनुसंधान और सैन्य परीक्षणों में वह अग्रणी रहा है।
- 2021 में अमेरिका ने आरोप लगाया था कि रूस ने एंटी-सैटेलाइट मिसाइल से एक सैटेलाइट को गिराकर अंतरिक्ष में हजारों टुकड़ों का मलबा फैला दिया।
- रूस के ऐसे परीक्षण वैश्विक सुरक्षा के लिए चिंता का विषय बनते जा रहे हैं।
3. चीन – तेजी से बढ़ती अंतरिक्ष शक्ति
- चीन ने अंतरिक्ष में अपनी सैन्य शक्ति का प्रदर्शन सबसे पहले 2007 में किया, जब उसने एक निष्क्रिय मौसम उपग्रह को अपनी एंटी-सैटेलाइट मिसाइल से नष्ट किया।
- यह कदम अंतरराष्ट्रीय मंच पर बहुत चर्चा में रहा क्योंकि इससे अंतरिक्ष मलबे की गंभीर समस्या खड़ी हो गई थी।
- आज चीन लगातार अपने सैन्य उपग्रह लॉन्च कर रहा है, जिससे उसकी स्पेस डिफेंस क्षमता में भारी इजाफा हुआ है।
4. भारत – मिशन शक्ति से दिखाई ताकत
- भारत ने 27 मार्च 2019 को ‘मिशन शक्ति’ के तहत दुनिया को बताया कि वह भी अंतरिक्ष में आत्मरक्षा की क्षमता रखता है।
- इस मिशन में भारत ने एक लो-ऑर्बिट सैटेलाइट को एंटी-सैटेलाइट मिसाइल से सफलतापूर्वक गिराया।
- इस उपलब्धि ने भारत को उन चुनिंदा देशों की सूची में ला खड़ा किया, जो अंतरिक्ष में रक्षा के लिए पूरी तरह सक्षम हैं।
निष्कर्ष:
जहां एक समय अंतरिक्ष को विज्ञान और शांति का क्षेत्र माना जाता था, वहीं अब यह भी संभावित युद्ध क्षेत्र बनता जा रहा है। अमेरिका, रूस, चीन और भारत जैसे देश अंतरिक्ष में अपनी सैन्य क्षमताओं को लगातार मजबूत कर रहे हैं — और यह दर्शाता है कि भविष्य की जंग केवल जमीन पर नहीं, बल्कि अंतरिक्ष में भी लड़ी जाएगी।