आत्महत्या मुक्त संसार” की परिकल्पना को साकार करने की दिशा में संकल्पबद्ध अभियान, मंत्रियों ने की सराहना


बीकानेर, 26 जून। “आत्महत्या मुक्त संसार” की प्रेरणास्पद परिकल्पना को लेकर कार्यरत एसएफयू संकल्प समिति के राष्ट्रीय संयोजक संजय जैन सांड ने बुधवार को बीकानेर आगमन पर राजस्थान सरकार के शिक्षा एवं पंचायतीराज मंत्री मदन दिलावर और सहकारिता एवं नागरिक उड्डयन मंत्री गौतम कुमार दक से भेंट कर अभियान की जानकारी दी और उन्हें अभियान से जुड़ने का आग्रह किया। संजय जैन ने बताया कि यह अभियान आचार्य श्री विजयराज जी म.सा. की प्रेरणा से प्रारंभ हुआ है, जिसका उद्देश्य देशभर में अवसादग्रस्त लोगों को सहायता देना, जनमानस में जागरूकता लाना, और आत्महत्या जैसे दुखद निर्णयों को रोकना है। इस मुहिम के तहत जन-जन को आत्महत्या न करने की शपथ दिलाई जा रही है, तथा निःशुल्क काउंसलिंग सेंटर खोले जा रहे हैं। उन्होंने यह भी बताया कि आगामी 10 सितंबर को ‘विश्व आत्महत्या मुक्त दिवस’ के अवसर पर एक राष्ट्रव्यापी जागरूकता अभियान चलाने की योजना है।




मंत्रियों ने की अभियान की सराहना


शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने अभियान की प्रशंसा करते हुए कहा “यह एक अत्यंत आवश्यक और प्रेरणादायक पहल है। आज का युवा वर्ग कई बार जीवन की चुनौतियों से घबराकर अवसाद में चला जाता है और आत्महत्या जैसा महापाप कर बैठता है। इस अभियान के माध्यम से युवाओं को नई दिशा मिलेगी।” सहकारिता एवं नागरिक उड्डयन मंत्री गौतम दक ने अभियान से जुड़ते हुए संकल्प पत्र भरा और कहा “मैं स्वयं आचार्य श्री विजयराज जी म.सा. के दर्शन और विचारों से प्रभावित रहा हूं। उन्होंने जो संदेश दिया है कि किसी भी परिस्थिति में हार नहीं माननी चाहिए, वह आज के युग में अत्यंत प्रासंगिक है। यह अभियान समाज को सकारात्मक सोच की दिशा में आगे बढ़ा रहा है।”
सकारात्मक सोच की आवश्यकता पर बल
गौतम दक ने यह भी कहा कि आत्महत्या के पीछे छिपे मानसिक दबावों को समझकर समाज में सकारात्मक विचारधारा को बढ़ावा देना जरूरी है। खासकर युवा वर्ग को मानसिक मजबूती और प्रेरणा देने की दिशा में यह अभियान अनुकरणीय है।
राष्ट्रव्यापी जागरूकता का संकल्प
संजय जैन ने बताया कि शांतक्रांति संघ के सैकड़ों कार्यकर्ता देशभर में निरंतर जन-जागरूकता अभियान चला रहे हैं, ताकि प्रत्येक नागरिक को यह संदेश पहुंचे कि हर परिस्थिति में जीवन सर्वोपरि है, और आत्महत्या किसी भी समस्या का समाधान नहीं। इस अवसर पर समिति की ओर से मंत्रियों को अभियान से संबंधित साहित्य भी भेंट किया गया। यह अभियान ना केवल मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ा रहा है, बल्कि समाज को संवेदनशील और सहायक बनाने की दिशा में भी मजबूत कदम है।