भीनासर में साध्वीश्री जिनबालाजी का चातुर्मासिक प्रवेश, अध्यात्म और संयम की शुरुआत


बीकानेर, 27 जून। भीनासर स्थित तेरापंथ भवन में शुक्रवार को युगप्रधान आचार्यश्री महाश्रमणजी की सुशिष्या साध्वीश्री जिनबालाजी म.सा. का भव्य चातुर्मासिक प्रवेश हुआ। अध्यात्म रैली के रूप में हुए इस प्रवेश का भीनासर-गंगाशहर के श्रावक-श्राविकाओं ने गर्मजोशी से स्वागत किया। इस अवसर पर श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा, भीनासर के अध्यक्ष विशाल सेठिया ने बताया कि इस चातुर्मास में साध्वीश्री जिनबालाजी के साथ ठाणा-4 में साध्वीश्री करुणाप्रभाजी, साध्वीश्री भव्यप्रभाजी और साध्वीश्री प्राचीप्रभाजी भी विराजमान रहेंगी। यह चातुर्मास तप, त्याग, साधना और आत्मविकास का एक महत्वपूर्ण अध्याय बनेगा।




स्वागत समारोह में साध्वीश्री जिनबालाजी ने कहा, “यह स्वागत हमारे त्याग, श्रद्धा, समर्पण और भिक्षव शासन का है। गुरु की आज्ञा में चलना ही सच्ची सफलता का मार्ग है।” आचार्य तुलसी शांति प्रतिष्ठान के मुख्य न्यासी महावीर रांका ने कहा कि रांका परिवार की दो साध्वियां इस चातुर्मास में भीनासरवासियों को अध्यात्मिक लाभ प्रदान करेंगी। उन्होंने विश्वास जताया कि यह सान्निध्य लोगों को बुरे व्यसनों और अनैतिक प्रवृत्तियों से दूर रहने की प्रेरणा देगा।


प्रतिष्ठान के अध्यक्ष गणेशमल बोथरा ने कहा, “भीनासरवासियों का यह सौभाग्य है कि उन्हें साध्वीवृंदों का पावन सान्निध्य प्राप्त हो रहा है, जिससे धर्म और संयम के नए अध्याय खुलेंगे।” जैन इंटरनेशनल ट्रेड ऑर्गनाइजेशन की महिला चेयरपर्सन ममता रांका ने इसे पुण्य का परिणाम बताते हुए कहा कि चारित्र आत्माओं के दर्शन और उनकी अमृतवाणी सुनने का अवसर विरलों को ही मिलता है।
इस अवसर पर एकता, विशाखा पुगलिया, जैनम भुगड़ी, मान्या भुगड़ी, महिला मंडल अध्यक्ष शशि गोलछा, गंगाशहर सभा मंत्री जतनलाल संचेती, अशोक बोथरा, शारदा बैद आदि ने गीत, वंदना और सम्बोधन के माध्यम से साध्वीवृंदों का अभिनंदन किया ज्ञानशाला के बच्चों द्वारा दी गई प्रस्तुतियां विशेष आकर्षण रहीं। कार्यक्रम का संचालन सभा मंत्री चैनप्रकाश गोलछा ने किया। यह चातुर्मास भीनासर के धर्मप्रेमी समाज के लिए आध्यात्मिक साधना, नैतिक जागरूकता और आत्मशुद्धि की दिशा में एक विशेष अवसर बनकर रहेगा।