बेटियों के लिए मिसाल बने पूनमचंद राठी – 108 करोड़ की संपत्ति दान कर रच दिया इतिहास

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बीकानेर में खुलेगा राजस्थान का पहला बालिका सैनिक स्कूल, राठी ने कहा – बेटियों को भी चाहिए बंदूक थामने का हक

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बीकानेर, 11 जुलाई। जहां दुनिया अपनी संपत्ति जोड़ने में लगी है, वहीं एक शख्स ने अपनी पूरी संपत्ति समाज को सौंप दी – वो भी बेटियों को ‘फौजी’ बनाने के लिए! यह कहानी है बीकानेर मूल के उद्योगपति पूनमचंद राठी की, जिन्होंने 108 करोड़ रुपये की अपनी संपत्ति राजस्थान के पहले बालिका सैनिक स्कूल के निर्माण के लिए दान कर दी। उनकी इस पहल से जयमलसर गांव भारत-पाक सीमा के करीब एक नई क्रांति का केंद्र बनने जा रहा है। “बेटों के लिए सब करते हैं, मैंने बेटियों को चुना”
कोलकाता में व्यवसाय करने वाले पूनमचंद राठी का दिल आज भी बीकानेर की मिट्टी से जुड़ा है। उन्होंने यह स्कूल अपने माता-पिता रामनारायण और रामादेवी राठी की स्मृति में बेटियों को समर्पित किया है। उनका कहना है, “बेटों के लिए तो सब सोचते हैं, मैंने सोचा बेटियों को भी सेना में जाने का सपना क्यों न दिया जाए? अगर देश की सीमाएं बेटियों से सुरक्षित हो सकती हैं, तो उन्हें बराबरी का प्रशिक्षण देना हमारा कर्तव्य है।”

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हाईटेक सुविधाओं से सुसज्जित होगा सैनिक स्कूल
राठी द्वारा दान की गई भूमि और भवन पर बनने वाला यह स्कूल राजस्थान बोर्ड के माध्यम से चयन परीक्षा कर छात्राओं को प्रवेश देगा। आधुनिक हॉस्टल, खेल परिसर, लाइब्रेरी और अत्याधुनिक प्रशिक्षण संसाधनों से लैस यह स्कूल साल 2026 से पहला शैक्षणिक सत्र शुरू करेगा।

भारत-पाक सीमा के पास बेटियों की फौज तैयार करने की पहल
बीकानेर जिले के जयमलसर गांव, जो कि पाकिस्तान सीमा से महज 150 किलोमीटर दूर है, में बनने वाला यह सैनिक स्कूल न केवल राजस्थान बल्कि पूरे भारत के लिए एक प्रेरणा बनकर उभरेगा। राजस्थान सरकार ने अपने बजट में कुल 9 सैनिक स्कूल खोलने की घोषणा की है, जिनमें कोटा, जयपुर, अजमेर, अलवर, उदयपुर, जैसलमेर और भरतपुर में बालिका सैनिक स्कूल शामिल हैं। गंगानगर के मिर्जावाला में एक सामान्य सैनिक स्कूल भी प्रस्तावित है। पूनमचंद राठी का यह निजी योगदान समाज के सहयोग से बने शैक्षिक संस्थानों की मिसाल कायम करेगा । पूनमचंद राठी रामनारायण राठी चेरिटेबल ट्रस्ट, कोलकाता के माध्यम से 108 करोड़ रुपये की लागत से भूमि व भवन सहित देश का पहला बालिका सैनिक विद्यालय – पूज्या रामी देवी रामनारायण राठी राजकीय बालिका सैनिक विद्यालय – जयमलसर, बीकानेर में शिक्षा विभाग को समर्पित कर चुके हैं।

विद्यालय लोकार्पण कार्यक्रम 11 जुलाई को
इस ऐतिहासिक विद्यालय का लोकार्पण समारोह 11 जुलाई 2025 को प्रातः 11 बजे विद्यालय प्रांगण, जयमलसर में आयोजित होगा। कार्यक्रम में राजस्थान सरकार के शिक्षामंत्री मदन दिलावर मुख्य अतिथि होंगे। खाजूवाला विधायक डॉ. विश्वनाथ मेघवाल विशिष्ट अतिथि होंगे, जबकि अध्यक्षता सुप्रसिद्ध उद्योगपति डॉ. विट्ठल दास मूंधड़ा करेंगे। इस अवसर पर रामेश्वरलाल तापड़िया, द्वारकाप्रसाद राठी सहित अन्य गणमान्य लोग भी उपस्थित थे। यह पहल न केवल बीकानेर अपितु समस्त राजस्थान के लिए एक प्रेरणादायी उदाहरण बन चुकी है, जो शिक्षा और चिकित्सा क्षेत्र में सामाजिक उत्तरदायित्व की सशक्त मिसाल प्रस्तुत करती है।

एडमिशन के लिए एंट्रेंस एग्जाम देना होगा

सैनिक स्कूल में एडमिशन के लिए अखिल भारतीय सैनिक स्कूल प्रवेश परीक्षा (AISSEE) पास करना होगा। जो नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) आयोजित करती है। कक्षा 6 और 9 में प्रवेश के लिए ये परीक्षा होती है। परीक्षा में सफल होने के बाद स्टूडेंट का मेडिकल टेस्ट और काउंस​लिंग भी होगी।ये एंट्रेंस एग्जाम एनटीए हर साल करवाता है, जिसे शिक्षा विभाग मैनेज करेगा। इस स्कूल में हर क्लास में 80 छात्राओं को प्रवेश दिया जाएगा।

एक प्रेरणा, एक युगदृष्टा

राष्ट्रीय सेवा, नारी सशक्तिकरण और शिक्षा – इन तीनों को एक साथ जोड़ने वालायह कार्य पूनमचंद राठी को सिर्फ एक दानी नहीं, बल्कि युग निर्माता की श्रेणी में खड़ा करता है। आज जब समाज बेटियों की शिक्षा और सुरक्षा को लेकर सवाल करता है, तब पूनमचंद राठी जैसे लोग सवालों के जवाब नहीं, समाधान बनकर खड़े होते हैं।

थार एक्सप्रेस का कहना है कि यह सिर्फ एक स्कूल नहीं, यह है भारत की बेटियों को हथियार थमाने की शुरुआत। यह है एक समाजसेवी का सपना, जो अब देश का गौरव बनेगा। सलाम है पूनमचंद राठी को – जिन्होंने संपत्ति को नहीं, संकल्प को अमर बनाया।

 

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