अमावस्या दो दिन तक, लेकिन दिवाली 12 को ही क्यों ? जाने पूजन के शुभ मुहूर्त

हरिनारायण व्यास “मनासा ”
आज 12 नवंबर है। यानी दिवाली। आज की खास बात यह रहेगी कि शाम को लक्ष्मी पूजा के वक्त पांच राजयोग रहेंगे। इनके साथ आयुष्मान, सौभाग्य और महालक्ष्मी योग भी बनेंगे। इस तरह आठ शुभ योगों में मनेगी 12 नवंबर-23 की दिवाली। इसके साथ ही दिवाली पूजन का श्रेष्ठ मुहूर्त प्रदाेष काल में 5.46 से 8.20 बजे तक रहेगा। इसमें भी सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त 6.02 से 6.15 बजे तक रहेगा। इस मुहूर्त में स्थिर वृषभ लग्न तथा कुंभ का स्थिर नवांश भी रहेगा। दिवाली पर शुभ योगों की ऐसी स्थिति पिछले 700 सालों में नहीं बनी। इतने शुभ संयोग बनने से ये लक्ष्मी पर्व सुख-समृद्धि देने वाला रहेगा।

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दिवाली पर बन रही ग्रह स्थिति देश की तरक्की का शुभ संकेत दे रही है। दिवाली के बाद कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा से नया साल शुरू होता है। दिवाली से ही जैन समाज का महावीर निर्वाण संवत भी शुरू होता है।
5 राजयोग कौन से होंगे : गजकेसरी, हर्ष, उभयचरी, काहल और दुर्धरा नाम के पांच राजयोग बन रहे हैं। जो शुक्र, बुध, चंद्रमा और गुरु की स्थिति से बनेंगे। ज्योतिष में गजकेसरी योग को सम्मान और लाभ देने वाला माना जाता है। हर्ष योग धन लाभ, संपत्ति और प्रतिष्ठा बढ़ता है। काहल योग स्थिरता और सफलता देता है। वहीं, उभयचरी योग से आर्थिक संपन्नता बढ़ती है। दुर्धरा योग शांति और शुभता बढ़ाता है।

रविवार को सुबह चतुर्दशी, दोपहर 2:30 बजे बाद अमावस्या

12 तारीख को सुबह रूप चौदस रहेगी। दोपहर 2.30 बजे बाद अमावस्या तिथि लग जाएगी। लक्ष्मी पूजन अमावस्या की रात में ही होता है, इस कारण दिवाली की पूजा 12 को ही होगी। पूजा के ज्यादातर मुहूर्त दोपहर 3 बजे से ही रहेंगे। अमावस्या सोमवार को दोपहर 2.57 बजे तक रहेगी, इसलिए अगले दिन सोमवार को सोमवती अमावस्या भी मनाई जाएगी। अमावस्या का स्नान दान वगैरह सोमवार को ही होगा।

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अमावस्या दो दिन तक, लेकिन दिवाली 12 को ही क्यों ?
कार्तिक महीने की अमावस्या रविवार और सोमवार दोनों ही दिन रहेगी, लेकिन दिवाली 12 तारीख को मनेगी। रविवार की रात में अमावस्या होने से लक्ष्मी पूजन इसी तारीख को किया जाएगा। सोमवार को अमावस्या दिन में ही खत्म हो जाएगी।
ग्रंथों में इस बात का जिक्र है कि जिस दिन प्रदोष काल यानी सूर्यास्त के वक्त अमावस्या हो तब लक्ष्मी पूजन किया जाना चाहिए। इस बात का ध्यान रखते हुए ज्योतिषियों का कहना है कि दिवाली 12 नवंबर को ही मनाएं।

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उदयकालीन प्रतिपदा तिथि में अन्नकूट महोत्सव 14 को मनेगा
प्रतिपदा तिथि मंगलवार 14 नवंबर को दोपहर 2:37 तक रहेगी। उदयकालीन प्रतिपदा तिथि होने से मंगलवार को अन्नकूट महोत्सव मनेगा । महिला-पुरुष कहीं अल सुबह और कहीं संध्या में घर के आंगन में गोबर के गोवर्धन बनाकर पूजा अर्चना करेगी। घर से लेकर मंदिरों तक गोवर्धन पूजा का दौर चलेगा। इसी दिन ठाकुर जी के छप्पन भोग का प्रसाद चढ़ाकर भक्तों को अन्नकूट वितरित किया जाएगा।
भाई दूज पर 15 नवंबर को दिनभर शुभ मुहूर्त

भाई-बहन के प्यार का त्योहार भाई दूज 15 नवंबर को मनाया जाएगा। दूज तिथि दोपहर 1:48 तक रहेगी। उदय कालीन द्वितीया तिथि बुधवार को होने से इसी दिन भैया दूज का पर्व भी मनाया जाएगा। मन्नासा के अनुसार इस बार भाई दूज पर पूरा दिन ही शुभ रहेगा। बहनें अपने भाई के तिलक लगाकर मुंह मीठा कराएंगी। इसे यम द्वितीया और भ्रातृदितिया भी कहते हैं। इस दिन यमुना स्नान करने का महत्व है।

ये रहेगा पूजन का शुभ मुहूर्त
प्रदाेष काल : 5.46 से 8.20 बजे तक
वृश्चिक लग्न :- सुबह 7.18 से 9.36 बजे तक
कुम्भ लग्न :- दोपहर 1.23 से 2.52 बजे तक
वृषभ लग्न :- शाम 5.55 से रात 7.52 तक
सिंह लग्न :- रात 12.25 से रात 2.42 बजे तक।

ये रहेंगे चौघड़िए
लाभ का चौघड़िया
सुबह 9:39 – 10:59
अमृत का चौघड़िया
सुबह 11:00 – 12:21
अभिजित मुहूर्त
सुबह 11:59 – 12:42
शुभ का चौघड़िया
दोपहर 01:42 – 03:03
शुभ का चौघड़िया
शाम 05:45 – 07:24
अमृत का चौघड़िया
शाम 07:25 – 09:03
चर का चौघड़िया
रात 09:03 – 10:4

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