साध्वी मरुतप्रभा की स्मृति में पंचान्हिका महोत्सव
सांसारिक चक्र से मुक्ति के लिए सिद्धचक्र महापूजन, 108 पार्श्वनाथ पूजन हुआ
बीकानेर। जैन श्वेताम्बर मूर्तिपूजक श्री पार्श्वचन्द्रसूरि गच्छ की साध्वीश्री मरुतप्रभा की स्मृति में आसानियों के चौक के रामपुरिया मोहल्ले के श्री पार्श्वचन्द्रगच्छ बड़ा उपासरा में पांच दिवसीय (पंचान्हिका महोत्सव.) के दूसरे दिन रविवार को साध्वीश्री पद्मप्रभा व सुव्रताश्री के सान्निध्य नवग्रह, दस दिगपाल व सिद्ध चक्र महापूजन हुआ। पूजा स्थल पर सिद्धचक्र का रंगोली से विधान मंडल बनाया गया।
श्री जैन श्वेताम्बर मूर्तिपूजक श्री पार्श्वचन्द्र सूरि गच्छ के अध्यक्ष रविन्द्र कुमार रामपुरिया ने बताया कि पूजन विधि विधान का कार्य साध्वीश्री सुव्रताश्रीजी के नेतृत्व में संघ के सुश्रावक (आई.पी.एस.), पुलिस उपायुक्त,.दिल्ली पुलिस, राजा बांठिया, प्रमोद गोलछा व सौरभ राखेचा ने जैन विधि व आगम के मंत्रों से करवाया। शनिवार व रविवार शाम को भक्ति संगीत व सांस्कृतिक कार्यक्रम हुए,जिसमें श्रावक-श्राविकाओं व बच्चों ने जैन धर्म, संस्कृति से सम्बद्ध रोचक प्रस्तुतियां दी। वीरेन्द्र बांठिया पप्पूजी, पार्श्वचन्द्र महिला मंडल ने एक सी गणवेश में भक्ति गीतों की प्रस्तुतियां दी।
साध्वीश्री सुव्रताश्रीजी ने प्रवचन में कहा कि मोह चक्र से वशीभूत प्राणी को सांसारिक चक्र से पार करने के लिए सिद्धचक्र की आराधना करनी चाहिए। सिद्धचक्र का विधान मैना सुन्दरी श्रीपाल राजा ने किया था। उन्होंने कहा कि सिद्धचक्र महामंडल विधान, विधानों का राजा है। विधान में व्यक्ति विशेष की नहीं बल्कि सिद्ध परमेष्ठी भगवान की आराधना की जाती है। सकारात्मक और सफल जीवन के लिए सभी लोगों को अपने जीवन में धर्म को महत्व देना चाहिए।
श्री जैन श्वेताम्बर मूर्तिपूजक श्री पार्श्वचन्द्र सूरि गच्छ के सूरि गच्छ के सचिव प्रताप रामपुरिया ने बताया कि नवगृह पूजन सुश्रावक बंशीलाल, प्रताप कुमार व मधुदेवी रामपुरिया परिवार की ओर से दश दिगपाल पूजा प्रकाशचन्द्र, राजेश कुमार, मनीष राखेचा परिवार की ओर से, अष्ट मंगल पूजन के लाभार्थी त्रिभुवन, अरुण व राजीव रामपुरिया परिवार तथा सिद्धचक्र महापूजन, नेमचंद संजय कुमार रामपुरिया परिवार ने करवाया। सोमवार को सुबह नौ बजे श्री 108 पार्श्वनाथ महापूजन, मंगलवार को सुबह नौ बजे दादा गुरुदेव श्री पार्श्वचन्द्र सूरि का महापूजन होगा। पूजा के लाभार्थी त्रिलोकचंद, हीरालाल, पारसमल, रविन्द्र कुमार रामपुरिया परिवार होगा।
सांस्कृतिक कार्यक्रम में नाट्य प्रस्तुति
पार्श्वचन्द्र सूरि गच्छ श्रीसंघ व महिला मंडल के तत्वावधान में हुए सांस्कृतिक कार्यक्रम में बच्चों, श्रावक-श्राविकाओं ने भक्ति गीतों के साथ नृत्य व नाटक की प्रस्तुतियां दी। ’’नाटक धर्म का प्रभाव’’ ’’अधर्म से धर्म की ओर प्रस्थान’’ में बताया गया कि हमें देव,, गुरु व धर्म के प्रति आस्था व विश्वास रखते हुए पूर्ण जैना भाव से जीवन जीना चाहिए। नाट्य निदेशक श्रीमती सोनू व भारती रामपुरिया ने सूत्रधार की भूमिका निभाते हुए धर्म-संस्कृति के संस्कारों से बच्चों को जोड़ने के लिए अनेक लघु प्रसंग, कविताएं पेश की । इन दोनों ने नवंकार महामंत्र के धुन के साथ भक्ति नृत्य किया। खुशी व महक ने कॉमेडी के माध्यम से सामाजिक बुराइयों से बचने का संदेश दिया। जैनाचार्य की भूमिका विपुल रामपुरिया ने निभाते हुए बताया कि धर्म व संस्कारों को धारण करने से हम अनेक बुराइयों से बच सकते हैं। पार्श्वचन्द्र महिला मंडल व वीरेन्द्र बांठिया ने भजनों की प्रस्तुतियां दी।
छह शताब्दी अधिक प्राचीन भगवान महावीर के मंदिर में ज्ञान वाटिका के बच्चों ने की स्नात्र पूजा
बीकानेर । श्री चिंतामणि जैन मंदिर प्रन्यास के तत्वावधान में रविवारीय जिनालय पूजा कार्यक्रम के तहत रविवार को श्री जैन श्वेताम्बर खरतरगच्छ संघ के बालक-बालिकाओं व उनके अभिभावकों ने छह शताब्दी से अधिक बैदों के बाजार क्षेत्र के भगवान महावीर स्वामी के मंदिर में सविधि भक्ति गीतों के साथ स्नात्र पूजा की ।
श्री चिंतामणि जैन मंदिर प्रन्यास के अध्यक्ष निर्मल धारीवाल ने बताया कि रविवारीय जिनालय पूजा व दर्शन कार्यक्रम से बच्चों में देव, गुरु व धर्म के प्रति आस्था में निरन्तर वृद्धि हो रही है। अनेक बच्चों ने पूजा विधि व भजनों को कंठस्थ कर लिया। ज्ञान वाटिका की श्रीमती सुनीता नाहटा, पवन खजांची व ज्ञानजी सेठिया के नेतृत्व में बच्चों ने करीब दो घंटें तक भक्ति से सराबोर होकर पूजा की। भगवान महावीर के आदर्शों का स्मरण किया ।
पूजा करने वाले बच्चों व श्रावक-श्राविकाओं का श्री जैन श्वेताम्बर भगवान महावीर का मंदिर ट्रस्ट व सुश्रावक भागचंद, नवरतन सुराणा चांदमल, कमल चंद कोचर, हरिसिंह, पद्म सिंह पारख, जैना मंत्रा परिवार, बंशीलाल, प्रमोद गुलगुलिया परिवार ने प्रभावना से अभिनंदन किया