एनआरसीसी में डॉ.सी.एम.सिंह की 101 वीं जयंती पर वेबीनार आयोजित
बीकानेर , 30 नवम्बर । भाकृअनुप-राष्ट्रीय उष्ट्र अनुसन्धान केन्द्र (एनआरसीसी) में आज दिनांक को राष्ट्रीय वेबीनार सह डॉ.सी.एम.सिंह 11 वीं स्मृति व्याख्यानमाला का आयोजन किया गया।
एनआरसीसी एवं डॉ.सी.एम.सिंह एन्डाउमेंट ट्रस्ट के संयुक्त तत्वावधान में हाईब्रीड मोड में आयोजित ‘इनोवेशन्स् इन एनीमल हैल्थ : करेंट चैलेन्जेज एण्ड फ्युचर प्रोस्पेक्टस् ’ विषयक इस वेबीनार में डॉ.के.एम.एल.पाठक, पूर्व डीडीजी, आईसीएआर, नई दिल्ली, सीएमएसईटी के सचिव डॉ.आर.सोमवन्शी एवं अध्यक्ष डॉ.एम.एल.महरोत्रा, डॉ. आर्तबन्धु साहू, निदेशक, एनआरसीसी, डॉ.राकेश रंजन, प्रधान वैज्ञानिक आदि कई गणमान्य जनों, एनआरसीसी वैज्ञानिकों तथा अपोलो वेटरनरी कॉलेज, जयपुर एवं अरावली वेटरनरी कॉलेज सीकर के विद्यार्थियों ने भाग लिया।
इस अवसर पर ऑनलाईन रूप से जुड़े मुख्य अतिथि के रूप में डॉ. के.एम.एल.पाठक ने डॉ.सी.एम.सिंह की 101 वीं जयंती पर उन्हें नमन करते हुए कहा कि वे कर्मयोगी तथा जमीन से जुड़े अनुपम व्यक्तित्व के धनी थे । उन्होंने वेबीनार के तहत ‘इनोवेशन्स् इन एनीमल हैल्थ’ विषयक अपने व्याख्यान में भारत एवं वैश्विक स्तर पर कृषि एवं पशुधन के क्षेत्र में वस्तुस्थिति को सामने रखते हुए कहा कि पशु स्वास्थ्य एवं उत्पादकता संबंधी महत्वपूर्ण चुनौतियां को देखते हुए हमें पशुधन के माध्यम बेहतर मानव जीवन की तलाश जारी रखनी होगी। डॉ.पाठक ने युवा उद्यमियों के लिए पशुधन के क्षेत्र को सुनहरा अवसर बताया।
इस अवसर पर केन्द्र निदेशक एवं वेबीनार के समन्वयक डॉ.आर्तबन्धु साहू ने ‘करंट ट्रेन्डस् इन कैमल प्रोडेक्शन एण्ड हैल्थ रिसर्च इन इंडिया’ विषय पर अपने व्याख्यान में कहा कि ऊँट को एक भविष्य के पशु के रूप में देखा जाना चाहिए क्योंकि इस प्रजाति की बहुआयामी उपयोगिता विविध पहलुओं के रूप में आज भी प्रासंगिकता को सिद्ध कर रही है। डॉ.साहू ने ऊँटनी के दूध में विद्यमान औषधीय गुणधर्मों तथा विभिन्न मानवीय रोगों यथा-मधुमेह, क्षय रोग, ऑटिज्म आदि में इसे लाभकारी बताते हुए ऊँट प्रजाति को ‘रेगिस्तान से दुधारू पशु’ के रूप में परिवर्तित किए जाने की आवश्यकता जताई ।
वेबीनार के दौरान डॉ.सी.एम.सिंह एन्डाउमेंट ट्रस्ट की ओर से अनुसंधान के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने पर डॉ.के.एम.एल.पाठक को ‘डॉ.सी.एम.सिंह सम्मान’ एवं डॉ.आर्तबन्धु साहू को ‘डॉ.सी.एम.सिंह-सालीहोत्रा सम्मान’ से पुरस्कृत किया गया तथा केन्द्र के वैज्ञानिकों जिनमें डॉ.राकेश रंजन, डॉ.अशोक सागर खुलापे, डॉ.श्याम सुन्दर चौधरी एवं डॉ.शान्तनु रक्षित को प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया ।
आयोजन सहायक समन्वयक डॉ.राकेश रंजन ने कार्यक्रम के अंत में डॉ.सी.एम.सिंह ट्रस्ट द्वारा प्रायोजित इस कार्यक्रम की महत्ता बताते हुए कहा कि यह आयोजन, नई पीढ़ी के वैज्ञानिकों एवं पशु-चिकित्सकों को उनके कार्यक्षेत्र संबंधी भावी रूपरेखा तैयार करने की दिशा में महत्ती सहयोग प्रदान कर सकेगा ।