जैन पब्लिक स्कूल में भामाशाहों का सम्मान

बीकानेर में अंग्रेजी माध्यम कॉलेज की दरकार

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बीकानेर, 24 दिसम्बर। जैन पाठशाला सभा से सम्बद्ध जैन स्नातकोत्तर महाविद्यालय, जैन कन्या महाविद्यालय व जैन पब्लिक स्कूल आदि शिक्षण संस्थाओं में शैक्षणिक विकास के सहयोगी भामाशाहों का रविवार को जैन पब्लिक स्कूल परिसर में सम्मान किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि शांतिलाल सांड, विशिष्ट अतिथि उदयरामसर मूल के चेन्नई प्रवासी अशोक सिपानी, जयचंद लाल दफ्तरी, कार्यक्रम अध्यक्ष चंपक मल सुराणा ने कम्प्यूटर लैब, आर्ट गैलरी, तकनीकी कक्ष का लोकार्पण किया।

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मुख्य अतिथि देशनोक मूल के बैंगलोर निवासी अनेक शैक्षणिक, धार्मिक व सामाजिक संस्थाओं के संरक्षक व संयोजक शांति लाल सांड ने कहा कि संपन्न लोग धन को तिजोरी में नहीं रखकर मां सरस्वती की प्रार्थना व भक्ति करते हुए शैक्षणिक विकास में खर्च करें। वक्त के साथ पढ़ने, पढ़ाने,विषयों का चयन करने के तौर तरीकों में भी बदलाव आया है। समय के परिवर्तन को पहचानते हुए सी.ए., इंजीनियर व चिकित्सा शिक्षा की लालसा को छोड़कर वैशविक स्तर पर उपयोगी तकनीकी शिक्षा के लिए विद्यार्थियों को प्रेरित करें।

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उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों के उज्जवल भविष्य के लिए खेलकूद व अन्य रचनात्मक गतिविधियों के लिए प्रोत्साहित करें। भामाशाह जयचंद लाल डागा ने कहा कि जैन कॉलेज का भवन भव्य बनें तथा इसके विद्यार्थी कॉलेज व बीकानेर का नाम देश-विदेश में करें, इसके लिए प्रयास व पुरुषार्थ की जरूरत है।

जयचंद लाल डागा, उद्योगपति कन्हैयालाल बोथरा, चार्टर्ड एकाउंटेंट इंद्रमल सुराणा, पूर्व बैंक अधिकारी निहाल चंद कोचर ने 117 वर्ष पुरानी जैन पाठशाला से सम्बद्ध संस्थाओं के विकास व विशेषताओं से अवगत करवाया । इन वक्ताओं ने बीकानेर में अंग्रेजी माध्यम की कोई निजी व सरकारी कॉलेज नहीं होने पर, अंग्रेजी माध्यम से स्कूली शिक्षा पूरी करने पर शिक्षण की समस्याओं के निराकरण के लिए बीकानेर में अंग्रेजी माध्यम की कॉलेज खोलने की आवश्यकता प्रकट की। भामाशाहों ने इसके लिए तकमीना व कार्य योजना बनाने का सुझाव दिया तथा अंग्रेजी माध्यम कॉलेज संचालित करने में जैन पाठशाला सभा की प्रबंध कार्यकारिणी व कॉलेज मैनेजमेंट को सहयोग का आश्वासन दिया।

जैन पाठशाला सभा के अध्यक्ष विजय कोचर व सचिव सी.ए. माणक कोचर ने करोना काल के विपरीत समय में स्कूल के विकास में सहयोग करने वाले भामाशाहों का स्वागत करते हुए कहा कि 2010 में शुरू हुई जैन पब्लिक स्कूल में स्कूल की सी.ओ.सीमा जैन, प्रधानाचार्या श्रीमती रूपश्री सिपानी, भामाशाहों, स्कूल के शिक्षक-शिक्षिकाओं व स्टाफ के समर्पण व सहयोग से वर्तमान में 3000 छात्र छात्राएं अध्ययनरत है। स्कूल में विषय विशेषज्ञ शिक्षक-शिक्षिका, कम्प्यूटर, विज्ञान, कला विंग सहित अत्याधुनिक सुविधाएं है। उन्होंने कहा कि विपरीत करोना कॉल की विपरीत परिस्थिति व स्कूल के विकास में भामाशाहों का अनुकरणीय सहयोग रहा है। स्कूल की सी.ओ. सीमा जैन, प्रधानाचार्य श्रीमती रूपश्री सिपानी और दो दिन हुए वार्षिकोत्सव के सांस्कृतिक कार्यक्रमों की समन्वयक शिक्षिका हनी माथुर का नकद राशि व स्मृति चिन्ह से सम्मान किया।

इनका हुआ सम्मान
कार्यक्रम में अतिथियों के साथ भामाशाह स्वतंत्रता सेनानी स्वर्गीय रामरतन कोचर परिवार, रस रसना एवं रस मधुर परिवार, जयचंद लाल दफ्तरी, चंपक मल सुराणा, बसंत कुमार डागा, विजयचंद बांठिया परिवार के राजकुमार व जयश्री बांठिया, चन्द्र प्रकाश नवलखा, अशोक सिपानी, सुरेन्द्र जैन बद्धाणी, श्रीमती पुष्पा बद्धाणी, पुखराज मुकिम, श्रीमती मगन देवी सुखलेचा, रतन चंद कोचर, कंवर लाल डागा, डॉ.मानमल बेगानी, निर्मल पारख, श्रीचंद बेगानी, जेठमल बोथरा आदि शामिल थे। इनका सम्मान बसंत नवलखा, चन्द्र प्रकाश नवलखा, श्रीचिंतामणि जैन मंदिर प्रन्यास के अध्यक्ष निर्मल धारीवाल, डॉ.धनपत कोचर, अमित डागा, कमल कोचर, बल्लभ कोचर आदि जैन समाज के गणमान्य लोगों ने शॉल, स्मृति चिन्ह व माला से किया। पूंर्व में स्कूल के विद्यार्थियो ने नवकार महामंत्र व सरस्वती वंदना प्रस्तुत की। अतिथियों को स्कूल के एन.सी.सी. कैडेट ने भी ऑनर दिया। इस अवसर पर तकनीकी व विज्ञान मॉडलों व चित्रों की प्रदर्शनी लगाई गई।

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