भेड़ एवं बकरी पालन में महिलाओं की अहम भूमिका- सुश्री सिद्धि कुमारी

बीकानेर, 2 जनवरी। स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय बीकानेर के पशुधन उत्पादन एवं प्रबंधन विभाग द्वारा भेड़ एवं बकरी पालन के माध्यम से उद्यमिता विकास विषय पर 7 दिवसीय प्रशिक्षण के समापन हुआ।

indication
L.C.Baid Childrens Hospiatl

इस अवसर पर आयोजित समारोह की मुख्य अतिथि के रूप में प्रशिक्षणार्थियों को संबोधित करते हुए बीकानेर पूर्व की विधायिका सुश्री सिद्धि कुमारी ने कहा कि भेड़ एवं बकरी पालन ग्रामीण क्षेत्रों में आजीविका का एक प्रमुख साधन है जिसमें महिलाएं भी अहम भागीदारी निभाती हैं। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे कुलपति डॉ. अरुण कुमार ने कहा कि लघु एवं सीमांत कृषकों को अपनी आमदनी बढ़ाने के लिए भेड़ एवं बकरी पालन को सह- व्यवसाय के रूप में लेना चाहिए। कृषि प्रबंधन संस्थान के निदेशक डॉ. आई.पी. सिंह ने कहा कि ग्रामीण युवा यदि वैज्ञानिक तरीकों से भेड़ एवं बकरी पालन करना सीख लें तो यह कम लागत से शुरू किया जाने वाला लाभकारी व्यवसाय है।

mmtc
pop ronak

कृषि महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ. पी. एस. शेखावत ने अपने स्वागत उद्बोधन में कहा कि बकरी की सिरोही नस्ल यहां के किसानों में लोकप्रिय है और धीरे-धीरे इनकी संख्या बीकानेर संभाग में बढ़ रही है। प्रशिक्षण समन्वयक डॉ. एन.एस. दहिया ने बताया कि प्रशिक्षण में गांव बेलासर के विरेंद्र कुमार लुणू जिन्हें राष्ट्रीय पशुधन मिशन द्वारा 525 बकरियों पर रुपये एक करोड़ की परियोजना 50% अनुदान के साथ स्वीकृत हुई है, ने प्रशिक्षणार्थियों को अपने अनुभव सांझा किये।

khaosa image changed
CHHAJER GRAPHIS

इस अवसर पर ड़ॉ. विमला डुकवाल, डॉ. ए.के. शर्मा, डॉ. वीर सिंह, डॉ. दाताराम, इंजीनियर जितेंद्र गौड़, डॉ. सुशील कुमार, डॉ. सीमा त्यागी, डॉ. मनमीत कौर, डॉ. कुलदीप सिंदे, सुधीर व्यास एवं रतन सिंह शेखावत मौजूद रहे।

bhikharam chandmal

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *