साहित्यकार नवनीत पाण्डे द्वारा किए गए राजस्थानी अनुवाद का लोकार्पण

बीकानेर/ 20 जनवरी. प्रसिद्ध कथाकार नासिरा शर्मा के साहित्य अकादमी से पुरस्कृत हिंदी उपन्यास ‘पारिजात’ का वरिष्ठ साहित्यकार नवनीत पाण्डे द्वारा किए गए राजस्थानी अनुवाद का लोकार्पण वरिष्ठ कहानीकार भंवरलाल ‘भ्रमर’, प्रसिद्ध व्यंग्यकार बुलाकी शर्मा और आलोचक डॉ. नीरज दइया द्वारा किया गया।

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सरोकार संस्था की ओर से पवनपुरी स्थित प्रतीक्षा में शनिवार को आयोजित लोकार्पण कार्यक्रम के अध्यक्ष वरिष्ठ कहानीकार भंवरलाल ‘भ्रमर’ ने कहा कि नवनीत पाण्डे ने इस उपन्यास का राजस्थानी अनुवाद बहुत सहजता, सरलता और सरसता के साथ किया है जिससे मूल कृति का आस्वाद अंत तक बना रहता है। साहित्य अकादमी नई दिल्ली ने इसका प्रकाशन कर सराहनीय कार्य किया है।

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कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रसिद्ध व्यंग्यकार बुलाकी शर्मा ने कहा कि नवनीत पाण्डे ने इस उपन्यास को अनुवाद के माध्यम से राजस्थानी पाठकों तक पहुंचाने का प्रशंसनीय कार्य किया है क्योंकि इस उपन्यास को लेखिका की अब तक की सृजनात्मकता-यात्रा का निचोड़ कहा जा सकता है और यह हिंदी ही नहीं, भारतीय साहित्य की अनुपम कृति है।

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विशिष्ट अतिथि वरिष्ठ आलोचक -अनुवादक डॉ. नीरज दइया ने नवनीत पाण्डे को सार्थक और सफल अनुवाद के लिए बधाई देते हुए कहा कि राजस्थानी में प्रायः छोटे कलेवर के उपन्यास लिखने की प्रवृति रही है और उन्होंने पारिजात जैसे वृहत औपन्यासिक फलक के उपन्यास का राजस्थानी में मौलिक सदृश्य अनुवाद कर हमारी राजस्थानी भाषा की सामर्थ्य को प्रमाणित किया है।

अनुवादक नवनीत पाण्डे ने अनुवाद प्रक्रिया को साझा करते हुए कहा कि ‘पारिजात’ हमारे इतिहास, परंपरा और विश्वास के साथ आधुनिकता को आत्मसात किए यथार्थ की धरती पर लिखी गई एक ऐसी विशद कथा है जिससे एक बार गुजरने के बाद भूलना असंभव है। उन्होंने उपन्यास के एक अंश का प्रभावी वाचन भी किया।

कार्यक्रम में कपिल विश्नोई, विनोद मंडल, निखिल जोशी, वरुण व्यास, धवल जोशी, सचिन विश्नोई, लक्ष्य जल, विकास कुमावत, मनीष चौहान, रूपेश कुमावत, जयदेव, भागीरथ सिद्ध, वीरेंद्र भादू, आर्यन जोशी, सुभाष विश्नोई, विकास सारस्वत, कानाराम पंवार सहित अनेक साहित्य प्रेमी और पाठक उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन निपुण आत्रे ने किया और आभार प्रदर्शन अनिल कुमार ने व्यक्त किया।

 

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