इबारत एक महफिल का विमोचन और परिचर्चा का आयोजन
बीकानेर , 21 जनवरी। इबारत एक महफिल महज एक संकलन नहीं है , वरन एक ऐसा युगीन दस्तावेज है। जो ना केवल दुर्लभ है बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए बेहतरीन शोध सामग्री का स्रोत भी है।
डॉक्टर सीमा भाटी ने कहा कि ऐसी शोध से सृजित किताबें समाज का आईना होती है। डॉ सीमा भाटी का जो अस्मत अमीन हाउस अमरसिंहपुरा में इबारत एक महफिल किताब के विमोचन और परिचर्चा कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि आमंत्रित थी ।
कार्यक्रम के प्रारंभ में अपने स्वागत उद्बोधन में हाजी जिया उर रहमान आरिफ ने कहा की उनके पिता मोहम्मद जमान आरिफ जिन्होंने इस किताब के लिए आलेख लिखे थे। उनके जीवन काल में यह किताब नहीं आ सकी। इसका अफसोस हमेशा रहेगा लेकिन अब क्योंकि उनको श्रद्धांजलि स्वरुप यह किताब समाज को अर्पित कर रहे हैं तो निश्चित रूप से यह किताब युवाओं के लिए प्रेरक होगी।
इबादत एक महफिल कृति पर पत्र वाचन करते हुए नदीम अहमद नदीम ने किताब को अनछुए पहलुओं से ओत प्रोत बताते हुए कहा की जमान साहब ने शायरों और कवियों का सिर्फ कलाम ही संकलित नहीं किया वरन उनकी जीवनियां भी संक्षिप्त में पाठकों के लिए लिखी है ,जो पाठको की जिज्ञासाओं को शांत करती है ।
इबारत एक महफिल पर अपने विचार प्रकट करते हुए आ नूरुल हसन मदनी ने कहा कि शीघ्र ही इस किताब का दूसरा भाग भी प्रकाशित किया जाएगा क्योंकि यह किताब साहित्यिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण किताब है जो शोधकर्ताओं के लिए लाभप्रद भी है। अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में डाइट में उप्राचार्य मोहम्मद मूसा ने कहा की सोशल मीडिया के इस युग में कागज पर लिखी इबारत और उसकी खुशबू हम महसूस कर पा रहे हैं यह हमारे लिए एक उम्मीद की किरण कहीं जा सकती है ।
सोशल प्रोगेसिव सोसायटी बीकानेर द्वारा इस अवसर पर नूरुल हसन मदनी और जियाउर रहमान आरिफ का सम्मान किया गया । संस्था की ओर से रवि पुरोहित, इसरार हसन कादरी ,शमशाद अली, डॉक्टर आदित्य शर्मा, अजय सहगल, घनश्याम गहलोत, मोनिका गौड़, मनीषा आर्य सोनी, अरमान नदीम ने माल्यार्पण , श्री फल और साहित्य भेंट कर संकलनकर्ताओं का सम्मान किया ।
कार्यक्रम का संचालन करते हुए साहित्यकार आत्माराम भाटी ने किताब पर अपनी टिप्पणी करते हुए कहा कि यह किताब साहित्यिक विरासत का एक बेहतरीन नमूना है। कार्यक्रम में अजय सहगल, संजय जनागल, इसरार हसन कादरी,रवि पुरोहित ,आत्माराम भाटी ,शिवनाम सिंह, डॉक्टर मोहम्मद फारूक चौहान, मोहम्मद जफर, अल्लाह दीन निर्बान , घनश्याम गहलोत, रऊफ राठौड़, मुफ्ती सद्दाम हुसैन ,असद अली असद, रिजवान ,डॉक्टर आदित्य शर्मा , विजय शर्मा , बाबूलाल छंगाणी बमचक्री ,मनीषा आर्य सोनी , मोनिका गौड़, मकसूद हसन कादरी ,शमशाद अली , आज़िम हुसैन , तसनीम बानो, अरमान नदीम की गरिमामय उपस्थिति रही। अतिथियों आभार व्यक्त करते हुए सोशल प्रोग्रेसिव सोसायटी के साहित्यिक प्रभारी इमरोज नदीम ने कहा की उपयोगी और बेहतरीन किताबें उपलब्ध करवाना संस्था का सर्वोच्च उद्देश्य है ।