हीरालाल सोभागमल रामपुरिया उच्च माध्यमिक विद्यालय में वार्षिकोत्सव आयोजित हुआ
बीकानेर , 9 फ़रवरी। विद्यालय का वार्षिक उत्सव एवं पारितोषिक वितरण एवं विद्यालय पत्रिका मुकुल के 65 वे अंक का विमोचन समारोह जे०आर०एम० रामपुरिया भवन, महावीर चौक, गंगाशहर, बीकानेर में आयोजित हुआ ।समारोह के मुख्य अतिथि डा०महेन्द्र खडगावत आई०ए०एस० निदेशक पुरातत्व एवं संग्रहालय विभाग, राजस्थान जयपुर, समारोह के विशिष्ट अतिथि माणक चंद सेठिया कलकत्ता के सुप्रसिद्ध समाज सेवी एवं झॅवरलाल गोलछा अध्यक्ष अणुव्रत समिति बीकानेर थे।
समारोह की अध्यक्षता अभयकुमार रामपुरिया, अध्यक्ष हीरालाल सोभागमल रामपुरिया विद्यानिकेतन प्रबंधकारिणी समिति, गंगाशहर बीकानेर द्वारा सम्पन्न की गई । इस समारोह में राजेन्द्र रामपुरिया, श्रीमती मंजुला देवी रामपुरिया एवं सुधा देवी रामपुरिया अपने पूरे रामपुरिया परिवार के साथ उपस्थित रहे ।
समारोह में विद्यालय के पूर्व विद्यार्थी किशोर सिंह राजपुरोहित , अजय सेठिया, राजू मूलचंदानी, अनिल सेठिया, जय सेठिया, आदि उपस्थित रहे । समारोह के प्रारंभ में उपस्थित अतिथियों ने मां सरस्वती के माल्यार्पण कर दीप प्रज्जवलन् कर सरस्वती पूजन एवं वन्दना से समारोह का आरंभ किया । इस अवसर पर विद्यालय की छात्राओं ने समारोह में पधारे अतिथियों के सम्मान में स्वागत गान की प्रस्तुति प्रस्तुत की । शाला के अध्यापक प्रेमनारायण तिवाडी ने समारोह मे पधारे अतिथियों का परिचय देने हेतु इनका माल्यापर्ण एवं सम्मान कार्यक्रम सम्पन्न कराया ।
शाला प्रधानाचार्या श्रीमती अनुराधा जैन ने विद्यालय प्रगति प्रतिवेदन प्रस्तुत करते हुए अवगत कराया कि यह विद्यालय वर्ष 1954 से प्रारंभ किया गया । आज यह विद्यालय अपने स्वयं के विशाल भवन में नर्सरी से कक्षा 12वी तक सह शिक्षा के रूप में संचालित है । विद्यालय से अपनी प्रतिभा विकसित कर आज इसके विद्यार्थी उच्च पदो पर अपनी विशिष्ट पहचान बनाये हुए है। पूर्व विद्यार्थियों का इस विद्यालय एवं गुरुजनो के प्रति मान सम्मान है, जिसका जीता जागता उदाहरण आज हमारे आमंत्रण पर उपस्थित हुए ये सभी पूर्व विद्यार्थी है। विद्यालय निरंतर प्रगति की ओर अग्रसर है ओर हम आगे इसे ओर अधिक प्रगति के पथ पर ले जाने हेतु प्रयासरत है।
शाला प्रगति प्रतिवेदन वाचन प्रस्तुति के बाद शाला की वार्षिक पत्रिका मुकुल के 65वे अंक का उपस्थित अतिथियों के कर कमलो से विमोचन किया गया। समारोह मे विद्यालय के अध्ययन खेलकूद एवं अन्य गतिविधियों में अव्वल रहने वाले विद्यार्थियो को उपस्थित अतिथियो के कर कमलो से पारितोषिक वितरण किया गया। समारोह में विद्यालय के छात्र छात्राओ ने सांस्कृतिक कार्यक्रमो की प्रस्तुतियां प्रस्तुत करते हुए समारोह को रंगा रंग बना दिया। विद्यार्थियो द्वारा प्रस्तुत राजस्थानी डांसए ईसरो थीम, पंजाबी डांस, कश्मीरी डांस, मराठी डांस, कालबेलिया डांस, देशभक्ति डांस, लेजी डांस आदि की प्रस्तुति का करतल ध्वनि से स्वागत हुआ तथा इन प्रस्तुतियों की सभी ने मुक्त कंठ से सराहना की ।
समारोह में उपस्थित मुख्य अतिथि डा०महेन्द्र खडगावत ने अपने सम्बोधन में इस विद्यालय में अध्ययन के समय के संस्मरण से अवगत कराते हुए इस विद्यालय मे बिताये अपने बचपन की यादो का उल्लेख करते हुए इस विद्यालय की निरंतर उन्नति की कामना की। माणकचन्द सेठिया ने भी अपने कलकत्ता स्थित जैन समाज की धार्मिक संस्थाओं में जुडे होने के संस्मरणो एवं उपलब्यिों से अवगत कराते हुए पार्शनाथ रथ यात्रा एवं स्वधार्मिक वात्सल्य से संबंधित जानकारियो से अवगत कराया। उन्होने भी विद्यालय की प्रगति की कामना करते हुए इसके निरंतर उन्नति की ओर अग्रसर रहने की कामना की ।
झंवरलाल गोलछा ने अपने संबोधन में अवगत कराया कि विद्यालय को अणुव्रत समिति बीकानेर द्वारा गोद लिया हुआ है। इस विद्यालय में आचार्य तुलसी के अणुव्रत सिद्धांतो एवं पर्यावरण, नशा उन्मूलन कार्यक्रम आयोजित किये जाते रहते है। अणुव्रत समिति द्वारा विद्यालय मे पर्यावरण कार्यक्रम के तहत अणुव्रत वाटिका का निर्माण कराया गया है। विद्यालय के विद्यार्थियो स्टाफ के साथ अभी माह दिसम्बर 23 में मेवाडी अंचल शैक्षणिक भ्रमण का आयोजन कराया गया । इस यात्रा में उदयपुर, राजसमंद, भीनमाल, नाकोडा, जालौर आदि के प्रमुख जैन तीर्थो का दर्शन कराया गया। आगे भी इस विद्यालय के विकास मे समिति का हर संभव सहयोग प्रदान कराने हेतु आश्वस्त किया।
समारोह के अध्यक्ष अभय कुमार रामपुरिया ने आज आयोजित इस समारोह मे पधारे सभी अतिथियों का आभार प्रकट करते हुए इस भव्य समारोह के आयोजन एवं व्यवस्था से जुड़े सभी कार्मिको का इतने सुन्दर कार्यक्रम की प्रस्तुति के लिए धन्यवाद दिया। उन्होने विद्यालय के विकास में हर संभव सहयोग प्रदान करने हेतु आश्वस्त किया ।
अरूण कुमार राय प्रधानाध्यापक द्वारा धन्यवाद ज्ञापन एवं राष्ट्रगान के साथ आज का यह भव्यय समारोह सम्पन्न हुआ ।