तेरापंथ की साध्वी श्री गंगानगर से विहार करके साध्वी डॉ. चरितार्थ प्रभा नोखा पहुंची
साध्वी राजीमती बोलीं- तेरापंथ आपसी स्नेह, करुणा, सौहार्द, सेवा, समर्पण की मिसाल है
नोखा , 11 फरवरी। तेरापंथ के मर्यादा महोत्सव में भाग लेने जैन विश्व भारती विश्वविद्यालय की पूर्व कुलपति तेरापंथ धर्म संघ की साध्वीश्री चरितार्थप्रभा के नोखा पहुंचने पर स्वागत समाररोह आयोजित किया गया।
स्वागत समारोह को सान्निध्य प्रदान करते हुए साध्वी राजीमती ने कहा कि तेरापंथ आपसी स्नेह, करुणा, सौहार्द, सेवा, समर्पण की मिसाल है । उन्होंने कहा कि संयमी, आध्यात्मिकता का मिलन अद्भुत होता है। डॉ साध्वी चरितार्थ प्रभा कुलपति पद पर रही।
श्री गंगानगर से विहार कर बीकानेर का चक्कर लेकर पहुंची यह विशेष बात है। धर्म संघ की प्रभावना करते रहो। ये विचार नोखा के महावीर चौक स्थित तेरापंथ भवन में साध्वी राजीमती ने आशीर्वाद में साध्वी डॉ चरितार्थ प्रभा के अभिनंदन में व्यक्त किए ।
डा० चरितार्थ प्रभा ने संयम रत्न अनमोल बताते हुए साध्वी श्री राजीमती को अनमोल हीरा व अखूट खजाना बताया। उन्होंने कहा कि जीवन भार नहीं उपहार बनना चाहिए। तन-मन की शांति को आवश्यक बताते हुए उन्होंने कहा कि अध्यात्म के साथ जीवन निखारना चाहिए।
तेरापंथ महिला मंडल, तेरापंथ युवक परिषद ने अभिनंदन गीत से स्वागत भाव रखे। गीतिका से सारोबार कर दिया। साध्वी प्रभातप्रभा, साध्वी पुलकित यशा, साध्वी विधि प्रभा ने डॉ चरितार्थप्रभा के सिंघाड़े के प्रति आहोभाव गितिका से रखें। डॉ चरितार्थ प्रभा ने सयंम रत्न को अनमोल बताते हुए साध्वी राजीमती को अनमोल हीरा बताया।
सभा अध्यक्ष इंदरचंद बैद , डॉ प्रेमसुख मरोठी, महिला अध्यक्ष सुमन मरोठी, मंत्री प्रीति मरोठी, सुनील व अनुराग बैद ने मर्यादा सेवाभाव तेरापंथ की विशेषता बताते हुए स्वागत किया। आगन्तुक साध्वी वैभव यशा, आगम प्रभा, कृतार्थप्रभा, आर्यप्रभा ने साध्वी राजीमती के दर्शन लाभ पर भावांजलि अर्पित की। संचालन प्रीति मरोठी ने किया।