राजस्थान में भाजपा की जमीन खिसक रही सांसद राहुल कस्वां कांग्रेस में शामिल

कस्वां ने कहा- बीजेपी में सामंतवादी सोच हावी हो रही है, किसानों को अनसुना किया जा रहा

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नयी दिल्ली , 11 मार्च। चूरू से बीजेपी सांसद राहुल कस्वां सोमवार को कांग्रेस में शामिल हो गए। सोमवार को दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने अपने निवास पर दोपहर 1:30 बजे दुपट्टा पहनाकर राहुल कस्वां को कांग्रेस की सदस्यता दिलाई। इस मौके पर कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली भी मौजूद थे।

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राहुल कस्वां ने कहा कि बीजेपी में रहते हुए यह महसूस किया कि सामंतवादी सोच आगे बढती जा रही थी। किसान की आवाज को अनसुना किया जा रहा था, इसलिए मैंने फैसला किया और कांग्रेस जॉइन की है। कांग्रेस में रहकर अपने क्षेत्र के लोगों की मजबूती के लिए काम करता रहूंगा।

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कांग्रेस चूरू से राहुल कस्वां को लोकसभा का टिकट देने की तैयारी में है। कांग्रेस हाईकमान के स्तर पर इसे लेकर चर्चा हो चुकी है। राहुल कस्वां ने भाजपा से इस्तीफा दे दिया है।

टिकट कटने से बीजेपी से मोहभंग
राहुल कस्वां ने टिकट कटने के बाद सोशल मीडिया पर पोस्ट करके सवाल उठाते हुए पूछा था कि उनका दोष क्या है? इसके बाद शुक्रवार को सादुलपुर में समर्थकों को जुटाकर टिकट कटने पर सवाल उठाते हुए इशारों में पूर्व नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ पर जमकर निशाना साधा था।

कस्वां ने समर्थकों के सामने टिकट कटने पर सवाल उठाते हुए कहा था कि पहले लगता था कि पार्टी लोगों का समूह होती है। कोई बात होगी तो सुनी जाएगी। पहले पिता की टिकट कटवाई, इसके बाद एक व्यक्ति के कहने पर मेरी टिकट काटी गई। वो व्यक्ति नहीं, चूरू की जनता फैसला करेगी। शुक्रवार को राहुल कस्वां ने अपने समर्थकों को जुटाकर पार्टी छोड़ने के संकेत दे दिए थे।

राजेंद्र राठौड़ ने कस्वां पर लगाए थे भीतरघात के आरोप
विधानसभा चुनावों में नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ तारानगर से चुनाव हार गए थे। राठौड़ ने राहुल कस्वां और उनके पिता पर भीतरघात करके चुनाव हरवाने के आरोप लगाए थे। राठौड़ ने इसे लेकर खुलकर कहा था कि जयचंदों ने हरवाने में भूमिका निभाई है। राठौड़ ने बीजेपी हाईकमान से इसकी शिकायत की थी।

राहुल कस्वां का चूरू से लोकसभा टिकट कटने के पीछे यही बड़ा कारण रहा। राहुल कस्वां के पिता पूर्व सांसद रामसिंह कस्वां और राजेंद्र राठौड़ के बीच भी सियासी मतभेद रहे हैं। कुछ समय दोनों के बीच सुलह हो गई थी, लेकिन बाद में फिर तल्खी बढ़ गई।

कांग्रेस का राहुल कस्वां के जरिए बीजेपी को जवाब देने का प्रयास
कांग्रेस के दर्जन भर से ज्यादा नेता रविवार को ही पार्टी छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए हैं। कांग्रेस अब लोकसभा चुनाव से पहले राहुल कस्वां को पार्टी में शामिल करके बीजेपी काे सियासी जवाब देने के प्रयास में है। रविवार को पूर्व मंत्री लालचंद कटारिया, राजेंद्र यादव, पूर्व विधायक रिछपाल मिर्धा, विजयपाल मिर्धा सहित कई नेता बीजेपी में शामिल हुए हैं।

अब कांग्रेस भी बीजेपी को जवाब देने की तैयारी में है। राहुल कस्वां को बीजेपी से टिकट कटने के बाद अपनी सियासी जमीन बचाए रखने के लिए चुनाव लड़ना जरूरी है। उधर कांग्रेस को भी बीजेपी से एक बड़े चेहरे को तोड़कर सियासी मैसेज देने का मौका मिलेगा। चूरू से कांग्रेस लगातार हार रही है। राहुल कस्वां को टिकट देकर कांग्रेस बीजेपी के सामने कड़ी चुनौती देने की रणनीति में है।

राहुल कस्वां का सांसद पद और बीजेपी से इस्तीफा, मोदी-शाह को दिया धन्यवाद
राहुल कस्वां ने कांग्रेस जॉइन करने से पहले भाजपा से इस्तीफा दे दिया है। राहुल कस्वां ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करके लोकसभा सदस्यता और बीजेपी से इस्तीफे की घोषणा की।

खड़गे बोले- बीजेपी कहीं की नहीं रहेगी
कांग्रेस अध्यक्ष मल्ल्किार्जुन खड़गे ने कहा कि सामंतवादी लोगों से लड़ने के लिए राहुल कस्वां ने कांग्रेस जॉइन की है। ऐसी विचारधारा के लोग ज्यादा से ज्यादा कांग्रेस से जुड़ेंगे तो बीजेपी कहीं की नहीं रहेगी। ऐसी सोच रखने वाले राहुल कस्वां जैसे नेताओं की कांग्रेस को जरूरत है। मोदी और शाह तो पहले भी डराते धमकाते रहे हैं, अब भी नेताओं को डराने धमकाने का काम कर रहे हैं।

राहुल कस्वां जिन उसूलों को लेकर कांग्रेस में आए हैं, उन पर काम करेंगे। राहुल कस्वां को कांग्रेस में शामिल करने से पहले सभी नेताओं की राय लेकर सर्वसम्मति बनाई गई। मैंने सोनिया गांधी, राहुल गांधी, सचिन पायलट, सुखजिंदर रंधावा, अशोक गहलोत, गोविंद सिंह डोटासरा, टीकाराम जूली सहित सभी नेताओं से राहुल कस्वां को लेने के बारे में पूछा है और सर्वसम्मति बनाकर इन्हें पार्टी में लिया है।

डोटासरा बोले- बीजेपी ने राहुल कस्वां को टॉर्चर किया
कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि किसान परिवारों से आने वाले लोग बीजेपी से असहज महसूस कर रहे हैं। केंद्र की बीजेपी सरकार किसानों के खिलाफ काम कर रही थी। किसानों से समझौता करके मुकर गई। हमारी रेसलर बेटियों के साथ किस तरह का बर्ताव हुआ? पूरा किसान वर्ग बीजेपी की गलत नीतियों से परेशान था।

हद हो गई जब राहुल कस्वां को किसान का बेटा होने के कारण टॉर्चर किया। जब किसान के मुद्दे उठाने की बात की तो न मुद्दे उठाने की इजाजत दी और न जवाब दिया। हमें जब पता लगा कि किसान का बेटा परेशान है, राहुल गांधी की यात्रा और उसमें उठाए जा रहे मुद्दों से प्रभावित है तो हमने पार्टी में लिया। इनका परिवार 50 साल से राजनीति में रहकर जनता की सेवा कर रहा है। राहुल कस्वां के आने से राजस्थान में कांग्रेस और मजबूत होगी।

बीजेपी में जाने वाले जनाधारविहीन और हारे हुए लोग
डोटासरा ने कहा- 10 मार्च को जो नेता बीजेपी में गए हैं, उनका जनाधार नहीं बचा, जो हार गए हैं, वे कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में गए हैं। इधर कांग्रेस में देखिए, कल ही किसान परिवार से आने वाले हरियाणा के बीजेपी सांसद ने पार्टी छोड़कर कांग्रेस जॉइन की है। आज एमपी राहुल कस्वां ने कांग्रेस जॉइन की है। ​किसानों की बेकद्री और केंद्र की नीतियों से परेशान होकर बीजेपी के सांसद कांग्रेस में आ रहे हैं।
अशोक गहलोत ने ट्वीटी करके राहुल कस्वा का कांग्रेस में स्वागत किया।

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