श्रद्धालुओं की भारी उपस्थिति में शासन श्री साध्वी सोमलता जी की स्मृति सभा का आयोजन
दादर,12 मार्च। शासन श्री साध्वी सोमलताजी तेरापंथ धर्म संघ की एक विरल साध्वी थी। ये उदगार आचार्यश्री महाश्रमण जी ने अपने सन्देश में वयक्त किये। साध्वी प्रमुखाश्री विश्रुत विभा जी ने साध्वी श्री सोमलता जी को प्रतिभा सम्पन्न साध्वी बतलाया। तथा कहा उनमें गुरु निष्ठा विलक्षण थी । उग्रविहारी तपोमूर्ति मुनि श्री कमल कुमार जी, सुनि श्री जम्बूकुमार जी, साध्वी श्री शकुंतला कुमारी जी, साध्वी श्री पुण्ययशा जी आदि – 14 ठाणो के सान्निध्य में शासन श्री साध्वी सोमलता जी की स्मृति सभा का आयोजन दादर( मुम्बई ) में हुआ ।
उग्रविहारी तपोमूर्ति मुनि श्री कमल कुमारजी ने अपने कहा– साध्वी श्री सोमलता जी मेरी संसार पक्षीया ज्येष्ठ भगिनी थी। उन्होंने मुझे परमानन्द की राह पर चलने की प्रेरणा दी। मुनिश्री ने अपने उदगार व्यक्त करते हुए कहा कि साध्वी श्री जी के जीवन में तीन अंकों का अधिक योग था । तीन-तीन गुरुओं व तीन-तीन साध्वी प्रमुखाओं का वरद हस्त रहा । जन्म के पहले तीन भाई व मृत्यु के समय भी तीन भाई समीप थे । माता-पिता के नाम में तीन अक्षर (रतन – केशर ) थे । तीन अग्रगण्यों के पास रही तो अपने सहगामी तीन साध्वियों के ग्रुप लीडर बनाया । तीन क्षेत्र की साध्वियां साथ में थी । वेले के प्रत्याख्यान में अनशन व जिस क्षेत्र में सदा के लिए निवास किया उसमें तीन अक्षर।
मुनि श्री जम्बूकुमार जी ने शासन श्री साध्वी श्री कंचन प्रभा जी के संदेश का वाचन करते हुए कहा साध्वी श्री जी के साथ निकटता से बात करने का काम पिंपरी चिंचवड़ पड़ी । उस समय से लेकर आज तक उनमें मैंने ‘मां’ की छवि देखी । अंतिम समय में वे समाधि मरण प्राप्त कर आत्मा में तल्लीन हो गये ।
मुनि श्री अमन कुमारजी, नमि कुमारजी ने अपने भावों की अभिव्यक्ति दी । मुनि श्री मोहजीत कुमार जी, मुनि रमेश कुमारजी, मुनि सुमति कुमार जी के भी संदेश प्राप्त हुए। मुनि पुनीत कुमार जी, मुकेश कुमारजी ने मौन मूक’ श्रद्धाञ्जलि दी।
साध्वी श्री शकुंतला कुमारी जी ने कहा – गणाधिपति गुरुदेव तुलसी की कृपा से 41 वर्ष तक साध्वी श्री जी की छत्र छांव में रही । उन्होंने मुझे जो दिया उसे शब्दों में बांधना मेरे लिए कठिनतम है।
साध्वी श्री पुण्य यशा जी ने कहा- साध्वी श्री सोमलता जी ने असहनीय वेदनीय कर्म के उदय को समता “भाव से झेला । अंत में वेदनीय कर्म को पराजित कर इहलोक से तीसरे मनोर्थ के साथ बिदा ली ।साध्वी श्री संचितयशा जी ने विविध प्रकार के संस्मरणों का उल्लेख करते हुए कहा वे परपीड़ा को हरण करने वाले थे । पवित्र चित्तवाले थे। आत्मस्थ व गुरु के प्रति समर्पित थे ।
साध्वी श्री जागृतप्रभा जी ने साध्वी शासन श्री साध्वी संघ मित्रा जी के संदेश का व साध्वी श्री रक्षितयशा जी ने गुरुदेव के संदेश का वाचन किया तथा अपने स्वरचित गीत के द्वारा शासन श्री के जीवन के प्रति मंगल- कामना की।
साध्वी श्री वर्धमान श्री जी ने साध्वी निर्वाणश्री व योगक्षेम प्रभा जी द्वारा रचित गीत का, महिला मंडल ने साध्वी श्री राकेशकुमारजी (बायतु) के गीत का संगान किया । साध्वी श्री बोधिप्रभाजी ने बोधित्व प्राप्त करने की कामना की ।
शासन गौख साध्वी श्री राजीमती जी, कनक श्री जी, शासन श्री संघमित्रा जी, विद्यावती जी, साधना श्री जी, विमल प्रभा जी, सरोज कुमारीजी, मधुरेखा जी, जिनरेखा जी, यशोधरा जी, प्रशमवतीजी, शिवमाला जी, अमितप्रभाजी, मधुस्मिता जी, पियूष प्रभा जी, पंकज श्री जी, काव्यलताजी , प्रज्ञा श्री जी, प्रवल यशा जी, परमथशाजी व भाभी साध्वी श्री विनम्रयशा जी आदि साध्वियों ने साध्वी श्री जी के प्रति मंगल संदेश प्रेषित किए ।
संसार पक्षीय भाई जसकरण , विजय बैद , भतीजा महेन्द्र बैद, भतीजी कांता नाहटा , भाभी तारा, लक्ष्मी, सुधा , राखी, लीला ने भगिनी महाराज को भावांजलि अर्पित की। चातुर्मास व्यवस्था समिति के अध्यक्ष मदन लाल तातेड़, मुम्बई सभा अध्यक्ष नवरतन गन्ना, मंत्री दीपक डागलिया, महासभा के पूर्वाध्यक्ष सुरेशजी गोयल, मुम्बई सभा के पूर्वाध्यक्ष नरेन्द्र तातेड़, महाप्रज्ञ कूल के पूर्वाध्यक्ष किशन डागलिया, प्रेक्षा इंटरनेशनल मंत्री गौख कोठारी, दादर सभा अध्यक्ष गणपतजी, मंत्री छोटुलाल जैन, । तेयुप अध्यक्ष अरविंद, मंत्री पीयूष जैन, महिला मण्डल अध्यक्षा इंदु, वरिष्ठ श्रावक सुमतिजी गोठी, दिलीपजी सरावगी, भंवरलाल कर्णावट, विमल सोनी, सूरजमल दुगड़, निर्मल भंसाली, अशोक मेहता, विनोद ‘बोहरा, पंजाब प्रान्त के अध्यक्ष केवल गोयल, मनोहर , मुम्बई महिला मंडल पूर्व भारती सेठिया, नीलेश चण्डालिया, शिल्पा आर्या, राखी जैन, सुनीता जैन व सम्पूर्ण श्रावक-श्राविका समाज ने श्रद्धाञ्जलि अर्पित की । अंत में चार लोगस्स के ध्यान के साथ कार्यक्रम पूरा हुआ।
गंगाशहर के साध्वी सेवा केन्द्र में व्यवस्थापिका साध्वीश्रीचरितार्थ प्रभा जी व साध्वी श्री प्रांजल प्रभा जी के सानिध्य में स्मृति सभा में साध्वी श्री सोमलता जी को भावांजलि अर्पित करते हुए चार चार लोगस्स का ध्यान सामूहिक रूप से किया गया।