रामनवमी एवं 265वॉ श्री भिक्षु अभिनिष्क्रमण दिवस का हुआ आयोजन

श्रीराम भारतीय संस्कृति के आदर्श पुरुष और आचार्य भिक्षु क्रान्तिकारी महापुरुष थे – मुनि दीपकु

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चेन्नई/ चिदम्बरम 17अप्रैल। तमिलनाडु के चिदम्बरम शहर के श्री महावीर जैन भवन में युगप्रधान आचार्य श्री महाश्रमणजी के सुशिष्य मुनि श्री दीपकुमारजी ठाणा 2 के सान्निध्य में रामनवमी एवं 265वॉ भिक्षु अभिनिष्क्रमण दिवस मनाया गया।

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धर्मपरिषद् को सम्बोधित करते हुए मुनि श्री दीपकुमार ने कहा कि श्रीराम भारतीय संस्कृति के आदर्श पुरुष है। जनता में जितना पूज्यनीय नाम श्रीराम का है, उतना अन्य महापुरुषों का कम दिखाई देता है। श्री राम का दृष्टिकोण सम्यक् था। उन्होंने विपरीत परिस्थितियों को भी अनुकूल रूप मे ग्रहण किया। उनके जीवन में वनवास का प्रसंग बहुत ही रोमांचकारी है।

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मुनिश्री ने आगे कहा कि तेरापंथ के आध्यप्रवर्तक आचार्यश्री भिक्षु क्रान्तिकारी महापुरुष थे। उन्होंने विचार क्रान्ति को माध्यम बनाकर आचार क्रांति की थी। उनके जीवन में बहुत कष्ट आए, पर उनका समभाव खंडित नहीं हुआ। 5 वर्ष तक पूरा आहार-पानी उपलब्ध नहीं हुआ, तो भी घबराएं नहीं। वे भगवान महावीर वाणी के प्रति पूर्ण समर्पित थे। उनमें सिद्धांत निष्ठा थी। वे स्वदोषदर्शी थे।

मुनिश्री काव्यकुमारवी ने कहा कि आचार्य भिक्षु में धैर्य की शक्ति थी। प्रतिकूलताओं में भी उनका धैर्य डोला नहीं।

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