मूंगफली उद्योगों को संरक्षण मिले

shreecreates

बीकानेर , 26 अप्रैल। बीकानेर जिला उद्योग संघ के अध्यक्ष द्वारकाप्रसाद पचीसिया, सचिव वीरेंद्र किराडू एवं उद्यमी बृजमोहन चांडक ने कृषि मंत्री राजस्थान सरकार किरोड़ीलाल मीणा को पत्र भिजवाकर मूंगफली उद्योगों को संरक्षण देने बाबत माँग रखी |

indication
L.C.Baid Childrens Hospiatl
DIGITAL MARKETING

पत्र में बताया गया कि पूरे बीकानेर जिले में लगभग 2 करोड़ बोरी यानि 7 लाख टन मूंगफली का उत्पादन होता है | जिसकी ज्यादातर खपत तेल व दाना बनाने में होती है और कुछ मूंगफली गुजरात के व्यापारी ले जाते हैं | इसमें बीकानेर के लिए यह दुर्भाग्य है कि बीकानेर से गई मूंगफली गुजरात से दाना बनकर वापस राजस्थान में आती है जिससे यहाँ के उद्योगों व किसानों दोनों को काफी नुकसान झेलना पड़ रहा है | इस हेतु कृषि विभाग बीकानेर को यह निर्देशित किया जाना चाहिए कि यहाँ के उद्योगों द्वारा मूंगफली दाना बीज के रूप में किसानों को दिलवाया जाए |

pop ronak

बीकानेर की मूंगफली का गुजरात जाना और वहां से दाना बनकर वापस राजस्थान में बिकने के लिए आने से यहाँ का मूंगफली उद्योग गुजरात की तुलना में पिछड़ रहा है और मूंगफली उद्योग से जुड़े लगभग 25 से 30 हजार श्रमिकों की आजीविका पर प्रभाव भी पड़ रहा है | साथ ही बीकानेर से मूंगफली दाना यूरोप, वियतनाम, बांग्लादेश, नेपाल, रूस, चीन, इंडोनेशिया आदि देशों में निर्यात किया जाता है | वर्तमान में बीकानेर में गिरनार 4 क्वालिटी का आईसीएआर द्वारा बीज विकसित किया है जो आने वाले दिनों में किसानों व उद्योगों दोनों के लिए फायदेमंद होगा | यह बीज जमीन पानी व वातावरण के अनुसार तैयार किया गया है। इससे उत्पादन भी बढ़ेगा |

वर्तमान में जमीन में पोषक तत्वों की कमी की वजह से मूंगफली में टिकी की बहुत अधिक समस्या आ रही है इस कारण देश और विदेश में माल बिकने में समस्या आ रही है और सारा माल स्टॉक में पड़ा हुआ है | मूंगफली में बोरोन की कमी के लिए लेब टेस्ट करवाना आवश्यक है इसके लिए सरकार को गाँव गाँव केम्प लगाकर जमीन व पानी की गुणवत्ता की जांच करवाकर उसमें होने वाली कमी की पूर्ती करवाई जानी चाहिए |

स्व. श्रीमती भंवरी देवी नाहर

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *