श्री वीर हनुमान वाटिका में भागवत कथा शुरू

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  • भागवत भगवत प्रेम को बढ़ाने वाली-पंडित भाईश्री

बीकानेर, 27 अप्रैल। भगवान श्रीकृष्ण के भक्तजनों की ओर से शास्त्री नगर की वीर हनुमान वाटिका परिसर में शनिवार को भागवत कथा रसोत्सव प्रभु नाम संकीर्तन, मंडप शुद्धिकरण व पूजन, षोडश मातृका, नवग्रह, भागवत, श्रीकृष्ण, श्री हनुमान आदि देवों का पूजन के साथ शुरू हुआ। कथा स्थल पर भागवत का मूल पाठ व द्वादश अक्षर मंत्र का जाप शुरू हुआ।

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कथा का वाचन विवेचन करते हुए श्री मरूनायक व्यास पीठाधीश्वर पंडित भाईश्री ने कहा कि भागवत कथा भक्ति, ज्ञान व वैराग्य को प्रदान करने वाली, पाप रोग,शोक, दुख व दारिद्र दूर करने वाली,कलयुग में भव सागर से तारने वाली अनुपम औषधि है। इसके व्याख्यान को सुनकर उस पर मनन करने से प्रभु भक्ति बढ़ती है तथा आत्म व परमात्म तत्व की प्राप्ति होती है।

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पंडित भाईश्री ने कहा कि कलयुग में आत्म व परमात्मा की प्राप्ति का सरल व सुगम साधन प्रभु भक्ति है। परमात्म भक्ति से जीवन में आने वाली कष्ट, विकार व समस्याएं दूर होती है। जीवन में नकारात्मकता भाव मिटते है तथा प्रभु व प्राणी मात्र के प्रति सकारात्मक भाव जागृत होती है। भाव से ही भगवान मिलते है। अनन्य भाव से परमात्मा को भजने वाले अनेक भक्तों को प्रभु की प्राप्ति होती है। उन्होंने 24 अवतारों की कथा सुनाते हुए कहा कि भगवान ने अधर्म को नष्ट करने, सनातन धर्म की स्थापना करने व भक्तों की रक्षा के लिए सभी अवतार लिए। भगवान के अवतारों की सभी लीलाएं लौकिक के साथ अलौकिक व सर्व कल्याणकारी है। उन्होंने गौकर्ण कथा, राजा परीक्षित का जन्म व जन्म व सुखदेव जी महाराज के आगमन के प्रसंग को भक्ति गीतों के साथ, प्रभु नाम स्मरण करवाते हुए किया।

भागवत पुराण, षोडश मातृका, नवग्रह आदि का पूजन श्रीमती अंजू-डॉ.प्रमोद ठकराल, निशा-मनोज जैन, गुड्डू व निशा मारू, रेखा व मुकुल खत्री ने करवाई। कथा नियमित दोपहर सवा तीन बजे से शाम सवा छह बजे तक नियमित एक सप्ताह चलेगी। कथा श्रवण करने के लिए पवनपुरी, ड्यूप्लेक्स कॉलोनी, शास्त्री नगर सहित शहर के विभिन्न मोहल्लों व कॉलोनियों के श्रद्धालु पहुंच रहे है। पंडित भाई श्री के भजनों के साथ महेश चूरा व रमण सांखला ने संगत की।

माजीसा मंदिर में सत्संग समारोह- समय को प्रभु भक्ति में लगावें-स्वामी सत्यानंद महाराज
बीकानेर, 27 अप्रैल। महामंडलेश्वर स्वामी विवेकानंद महाराज के आशीर्वाद से शनिवार को ओड़ों के बास के माजीसा मंदिर में संत समागम व सत्संग समारोह स्वामी सत्यानंद महाराज की अध्यक्षता में हुआ। संत समागम में स्वामी प्रणवादंन, स्वामी अरुण स्वरूप, गोपाल दास महाराज ने भागीदारी निभाई।
सोहम आश्रम के स्वामी सत्यानंद महाराज ने प्रवचन में कहा कि समय का सदुपयोग करें तथा उसको धर्म, ध्यान, प्रभु भक्ति में लगावें । अपने सभी कार्यों को परमात्म के प्रति समर्पित होकर करें। पूजा, पाठ व प्रभु भक्ति विधि विधान से हर्षोल्लास से करें। पूजा पाठ व परमात्म भक्ति में भाव व द्रव्य की कंजूसी नहीं करें, शॉर्टकट का माध्यम नहीं अपनावें।

उन्होंने राजस्थानी में भजन ’’गलियां तो चारों बंद पड़ी’’ के माध्यम से कहा कि हमें अच्छे कर्म करने चाहिए। बुरे कर्म का नतीजा बुरा ही होता है। जो जैसी करनी करता है, उसको वैसी ही करने का फल भोगना पड़ता है। इसलिए सभी को अच्छा कार्य व व्यवहार करना चाहिए तथा बुरें कृत्यों से बचना चाहिए। स्वामीजी का स्वागत माजीसा मंदिर के पुजारी महावीर स्वामी, सुप्रसिद्ध भवई नर्तक पन्नालाल स्वामी, डॉ.रामदेव अग्रवाल आदि ने किया। स्वामीजी ने नत्थूसर बास स्थित ब्रह्म बगेचा,शोभासर गौशाला, धरणीधर मंदिर में भी दर्शन किया। ब्रह्म बगीचा में कथाकार राजेन्द्र जोशी, डॉ.सोमनारायण पुरोहित आदि ने उनका स्वागत व वंदन किया। अनेक स्थानों पर स्वामीजी का शॉल, पुष्पहार आदि से अभिनंदन किया गया।

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