आचार्य श्री तुलसी के 28 वें महाप्रयाण दिवस के उपलक्ष्य में प्रबुद्धजन सम्मेलन का आयोजन हुआ
- गुरुदेव तुलसी जीवन पर्यन्त मानव मात्र में नैतिक मूल्यों की स्थापना के लिए सतत प्रयासशील रहे- साध्वी श्री चरितार्थ प्रभा जी
- जीवन में सादगी और सरलता ही सब कुछ है- संभागीय आयुक्त
बीकानेर , 22 जून । आचार्य श्री तुलसी के 28 वें महाप्रयाण दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित सात दिवसीय आध्यात्मिक कार्यक्रमों की श्रृंखला में शनिवार को पांचवे दिन आचार्य तुलसी समाधी स्थल के सामने आशीर्वाद भवन में प्रबुद्धजन सम्मेलन आयोजित हुआ।
आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या जैन विश्व भारती विश्वविद्यालय, लाडनूं की पूर्व उप कुलपति साध्वी श्री चरितार्थ प्रभा जी एवं समणी डॉ. मंजूप्रभा जी के सान्निध्य में ‘द मोरल ऑफ द स्टोरी इज मोरलिटी’विषय पर आयोजित व्याख्यान माला में शहर के प्रबुद्धजनों ने भाग लिया।
कार्यक्रम की मुख्य वक्ता साध्वी श्री चरितार्थ प्रभा जी ने सम्बोधित करते हुए कहा कि गुरुदेव तुलसी महान सन्त पुरुष थे। जीवन पर्यन्त मानव मात्र में नैतिक मूल्यों की स्थापना के लिए सतत प्रयासशील रहे। चरितार्थ प्रभा जी ने कहा कि नैतिकता ही जीवन का आदर्श गुण है। अगर जीवन में नैतिकता आ जाए तो जीवन की दिशा ही बदल जाती है। नैतिकता के अभाव में व्यक्ति अपने जीवन की दिशा और दशा दोनों से भटक जाता है। उन्होंने उपस्थित प्रबुद्धजनों से जीवन में नैतिक मूल्यों का बनाए रखने का आह्वान किया। उन्होंने व्यापारियों , उद्योगपतियों व प्रोफेशनल व्यक्तियों से कहा कि जीवन में अगर नैतिकता को अपना लोगे तो सुख की नीद ले पाएंगे।समणी डॉ. मंजूप्रभा जी ने भी अपना संक्षिपत व्यक्तव्य दिया और जीवन में नैतिकता को अपनाने से अनेक फायदे होंगे।
मुख्य अतिथि संभागीय आयुक्त वंदना सिंघवी ने अपने संबोधन में कहा कि जैन कुल में जन्म लेना सौभाग्य की बात है। मुझे प्रारंभ से ही ऐसे संस्कार मिले जिससे मैंने अपने आज तक की 35 वर्ष की राजकीय सेवा में नैतिक और मानवीय मूल्यों को बनाए रखा। जीवन में सादगी और सरलता ही सब कुछ है। दिखावा और आडम्बर से बचना चाहिए। उन्होंने जैन समाज की शादियों में प्रदर्शन और आडम्बर को अनुचित बतलाते हुए कहा कि जो आडम्बर व प्रदर्शन करतें हैं वो नैतिक कैसे बने रह सकतें हैं।
वंदना सिंघवी ने समाज के सभी वर्गों को ऊपर उठाने की बात कही और कहा की वो स्वयं सिमित साड़ियों में अपना काम चला लेती हैं। समारोह में महिलायें बहुत काम थी फिर भी उन्होंने महिलाओं को लक्षित करते हुआ कहा कि प्रत्येक शादी में अलग – अलग साड़ी पहनने से क्या हासिल होगा ? कौन याद रखेगा की आपने दो दिन पहले किस रंग की साड़ी पहनी थी। समाज में अमीर व सामान्य परिवार में बढाती खाई पर प्रहार किया। सिंघवी ने कहा कि आज यहां आकर अत्यंत प्रसन्नता का अनुभव कर रही हूं। इस अवसर पर उन्होंने संस्थान के समाधि स्थल का निरीक्षण किया, चित्र दीर्घा का अवलोकन करने के साथ समाधि स्थल की व्यवस्थाओं को भी देखा ।
प्रबुद्धजन सम्मेलन में शहर के विभिन्न क्षेत्रों शिक्षा, चिकित्सा, अध्यात्म, साहित्य और अधिवक्ता सहित अनेक गणमान्यजनों की उपस्थिति रही। कार्यक्रम में मंगलाचरण सुश्री कोमल पुगलिया ने किया। संस्थान की गतिविधियों की जानकारी महामंत्री दीपक आंचलिया ने दी। कार्यक्रम में हंसराज डागा, विनोद बाफना, दीपक आंचलिया, किशन बैद, जेठमल बोथरा ने संभागीय आयुक्त को जैन पताका पहनाकर एवं साहित्य भेंट कर सम्मान किया। कार्यक्रम का संचालन भैरुदान सेठिया ने किया।मंचासीन व्यक्तित्व का परिचय ललित गुलगुलिया ने दिया। आभार किशन बैद ने ज्ञापित किया।