आधे-अधूरे का सफल मंचन हुआ
बीकानेर , 11 मार्च। संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार के सहयोग से आर्टिस्ट संस्था, बीकानेर द्वारा कल शाम टाऊन हॉल, बीकानेर में बीकानेर के वरिष्ठ रंगकर्मी दलीप सिंह भाटी के निर्देशन में मोहन राकेश लिखित बहुचर्चित नाटक आधे-अधूरे का सफल मंचन हुआ।
आधे अधूरे मध्यवर्गीय परिवार की ऐसी कहानी है जो एक समकालीन यर्थाथपरक नाटक है। आधे अधूरे एक स्त्री -पुरुष के बीज के तनावों का दस्तावेज है। इस नाटक की मुख्य पात्रा सावित्री एक बेल की भांति है जो अपने जीवन में एक ऐसे पुरुष की तलाश में है जो संपूर्ण पुरुष हो। मोहन राकेश द्वारा लिखित नाटक में ऐसे परिवार की कहानी है जिसका हर पात्र अपने जीवन में आधा-अधूरा है।
नाटक की कहानी एक ऐसे परिवार के इर्दगिर्द घूमती है। जिसमें रिश्तों के टूटने की पीड़ा है एक दूसरे से जुड़ने का सुखद अहसास भी नाटक संदेश देता है कि जो कुछ मिला है उसमें संतुष्ट रहिए अन्यथा जो है वह भी हाथ से चला जाएगा। एक शादीशुदा महिला जो कि अपनी जिंदगी से खुश नहीं है, लेकिन फिर भी वह परिवार को बिखरने से बचाना चाहती है परिवार के सभी सदस्य का भला चाहती है।
नाटक यह भी बताता है कि जहां आज छोटी सी कमी होने पर रिश्ते हमेशा के लिए टूट जाते है वही सावित्री नए रिश्तों को जोड़ने के साथ ही पुराने रिश्तों को भी जोडें रखना चाहती है। नाटक समाज में यह संदेश भी देता ही कि हर इंसान के जीवन में कुछ न कुछ कमियां अवश्य ही पाई जाती है पर उन सभी कमियों को पूरा करते हुए ज़िन्दगी जीना ही जीवन है।
नाटक में मंच पर अभिनय करने वाले एलिश मेहरा,अमित पारीक,गुनगुन सिंह,संजय भुल,अनमोल प्रीत काॅर, विनोद पारीक, पंकज व्यास, जितेंद्र सिंह (सन्नी) एवं मंच पार्श्व में संगीत, दलीप सिंह भाटी प्रकाश आमिर हुसैन प्रदर्शन प्रभारी शंकर सेवग, वस्त्र सज्जा शिल्पा पारीक,रूप सज्जा चन्द्रकला भाटी,मंच व्यवस्था दीपक स्वामी,मनोज भाटी,हसन खान आदि की रही। संस्था प्रदर्शन प्रभारी शंकर सेवग ने बताया की नाटक का पुनः मंचन कल शाम 7 बजे टाऊन हॉल, बीकानेर में किया जाएगा कल भी सभी के लिए प्रवेश निशुल्क रहेगा।