पीबीएम के हार्ट हॉस्पिटल में हुआ हादसा एक की मौत
बीकानेर , 11 अगस्त। हल्दीराम मूलचंद हार्ट हाॅस्पिटल में शुक्रवार देर रात एक हृदय राेगी पैनल के स्पेस से 15 फीट नीचे गिर पड़ा, जिससे उसकी माैके पर ही माैत हाे गई। डाॅक्टराें ने रात ही बुजुर्ग का शव उनके बेटे काे साैंप दिया, जिसे लेकर वह नागाैर चला गया। नागाैर निवासी 65 वर्षीय हीर सिंह काे हृदय राेग की समस्या हाेने के कारण शनिवार रात करीब नाै बजे हल्दीराम मूलचंद हार्ट हाॅस्पिटल में भर्ती किया गया था।
बेटा रेवंत सिंह भी उसके साथ था। हीर सिंह काे टाॅयलेट जाने की इच्छा हुई। वार्ड का टाॅयलेट बंद हाेने के कारण ड्यूटी पर माैजूद नर्सिंग स्टाफ ने पास काॅटेज वार्ड के टाॅयलेट में जाने का कहा। देर रात एक बजे के आस-पास हीर सिंह की वापस टाॅयलेट जाने की इच्छा हुई। गलती से काॅटेज वार्ड की जगह उस गेट काे खाेला, जिसमें बिजली के पैनल लगे हुए थे।
अंधेरा हाेने के कारण उन्हें गेट के अंदर कुछ नजर नहीं आया। उन्हाेंने साेचा नीचे फर्श हाेगा, लेकिन वहां स्पेस खाली था। पैर रखते ही नीचे चले गए। फाल्स सीलिंग ताेड़ते हुए फर्स्ट फ्लाेर पर कैथ लैब के वार्ड में स्थित पत्थर के काउंटर से टकराकर फर्श पर गिर पड़े। सिर फटने से की उनकी माैके पर ही माैत हाे गई। पास ही ड्यूटी स्टाफ भी बैठा था।
अचानक हुए इस हादसे से वह भी हक्का बक्का रह गया। सेकंड फ्लाेर पर पहुंचकर नर्सिंग स्टाफ ने मृतक के पुत्र काे जगाया। पिता की लाश देख उसकी रुलाई फूट पड़ी। सूचना मिलने पर सदर थाना पुलिस भी माैके पर पहुंची। उन्हाेंने घटना स्थल का मुआयना किया। इस दाैरान वहां माैजूद डाॅक्टराें ने समझाबुझा कर रेवंत सिंह काे शव देकर रवाना कर दिया। रेवंत सिंह अकेला था। प्राइवेट एंबुलेस में पिता का शव लेकर अपने गांव बाेसेरी चला गया।
बेटा बोला-काश मुझे जगाया हाेता
पिता हीर सिंह के यूं अचानक हादसे का शिकार हाेने का दुख जीवन भर पुत्र रेवंत सिंह काे सालता रहेगा। बकाैल रेवंत सिंह, दाे मिनट के लिए ही मेरी आंख लगी थी। बेड के पास ही नीचे फर्श पर ही लेटा था। पिताजी काे बाथरूम जाना था ताे मुझे जगा ही लेते। पहले मां चली गई। अब पिता का साया भी सिर से उठ गया। रेवंत सिंह ने बताया कि वे दाे भाई हैं।
बड़ा भाई फर्नीचर का काम करता है। उसने बताया कि घटना के बाद ड्यूटी पर माैजूद एक ही डाॅक्टर आया। कुछ देर में पुलिस भी आ गई। काेई बड़ा डाॅक्टर देखने नहीं आया। पुलिस ने बाेला, आप कहेंगे जैसा कर देंगे। रेवंत सिंह का कहना है कि शव काे वहां रखने से काेई मतलब नहीं निकलता।
डाॅ. गुंजन साेनी, प्रिंसिपल, एसपी मेडिकल काॅलेज ने कहा कि “हार्ट हाॅस्पिटल की घटना दुखद है। घटना की जांच के आदेश दिए गए हैं। इसमें किसकी लापरवाही रही, जांच से पता चलेगा। एचआडी और डायरेक्टर से तथ्यात्मक रिपाेर्ट मांगी है।
जगदीश मीणा, एएसआई, सदर थाना ने कहा कि घटना की सूचना मिलते ही हम माैके पर पहुंच गए थे। डाॅक्टराें ने शव वारिस काे साैंप दिया था। उसने काेई मुकदमा दर्ज नहीं कराया। हादसा दर्दनाक था।”
बताया जा रहा है कि हीर सिंह अस्पताल के दूसरी मंजिल के कॉटेज वार्ड नंबर 210 में भर्ती था। देर रात वह लघुशंका के लिए उठा लेकिन कॉटेज का शौचालय खराब होने के कारण वह 212 नंबर कॉटेज में बने शौचालय में जा रहा था। भूलवश वह कॉटेज से पहले बने सेफ्टी गेट में चला गया, इसी दौरान उसका संतुलन बिगड़ गया और वह दो मंजिल नीचे आ गिरा। आसपास मौजूद लोग उसे इलाज के लिए ट्रोमा सेंटर ले गए, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया।