आचार्य श्री महाश्रमण जी का 52 वां दीक्षा दिवस युवा दिवस के रूप में मनाया गया


गंगाशहर, 11 मई । युगप्रधान आचार्य श्री महाश्रमण जी का 52 वां दीक्षा दिवस “युवा दिवस” के रूप में उग्रविहारी तपोमूर्ति मुनिश्री कमलकुमार जी स्वामी, मुनिश्री श्रेयांस कुमार जी स्वामी के पावन सान्निध्य में बोथरा भवन में स्थानीय तेरापंथ युवक परिषद् के द्वारा मनाया गया।
उग्रविहारी तपोमूर्ति मुनिश्री कमलकुमार जी स्वामी ने इस विषय पर अपने उद्गार व्यक्त करते हुए फरमाया कि जिस परिवार, समाज, देश में युवा शक्तिशाली होता है वह परिवार, समाज, देश उन्नति करता हैै। आज के दिन परिषद् के सदस्य अगर पांच पांच युवकों से सम्पर्क कर उन्हें परिषद् से जोड़े तो बड़ा काम हो सकता है। यहां के युवक सक्रिय और संस्कारी है अगर परिषद् से जुड़े तो उनका और परिषद् का दोनो का महत्व बढ़ सकता है। आचार्य श्री महाश्रमण जी इस भीषण गर्मी में भी यात्रा करके गांव गांव जो जागरण कर रहे है वह प्रशंसनीय ही नहीं सबके लिए अनुकरणीय है।



मुनिश्री ने बताया कि मुनिश्री नमि कुमार जी के आज 18 की तपस्या है। मिनाक्षी सामसुखा ने 21 की तपस्या, सपना डागा नेे 17 की तपस्या का पचखान किया। मोन की पचरंगी, सामायिक की पचरंगी, आदि त्याग पचखान का क्रम बराबर चल रहा है। मुनिश्री श्रेयांस कुमार जी, मुनिश्री विमलविहारी जी, मुनिश्री नमिकुमार जी, मुनिश्री मुकेश कुमार जी ने अपने उद्गार व्यक्त किये। तेरापंथ युवक परिषद् के अध्यक्ष महावीर फलोदिया, अखिल भारतीय तेरापंथ युवक परिषद् के समिति सदस्य ललित राखेचा, तरापंथी सभा से रतन छलाणी, आचार्य तुलसी शान्ति प्रतिष्ठान से राजेन्द्र पारख, तेरापंथ न्यास के ट्रस्टी , युवक रत्न राजेन्द्र सेठिया, महिला मण्डल से श्रीमती जयश्री भूरा, श्रीमती कनक गोलछा, पांची बाई, धारा भंसाली, अणुव्रत समिति के सदस्य ने अपने उद्गार व्यक्त किये।

