आचार्यश्री जिन पीयूष सूरीश्वरजी का उदयरामसर में दर्शन, वंदन व स्वागत
- शनिवार को रेलदादा बाड़ी पहुंचेंगे, नगर प्रवेश कल
बीकानेर, 14 जून। जैन श्वेताम्बर खरतरगच्छ के आचार्यश्री जिन पियूष सागर सूरीश्वर अपने सहवृति मुनियों के साथ शुक्रवार को उदयरामसर की दादाबाड़ी व गांव के भगवान कुंथुनाथजी के मंदिर में दर्शन वंदन किए।
जैन श्वेताम्बर श्री संघ उदयरामसर की ओर से मंदिर व गांव में अनेक स्थानों पर गंवली सजाकर व जयकारा लगाकर आचार्यश्री व मुनिवृद की वंदना की। आचार्यश्री नोखा रोड़ के अखिल भारतीय जैन श्वेताम्बर खरतरगच्छ संघ के पूर्व अध्यक्ष हरखचंद नाहटा के निवास ’’हरखमणि’’ में प्रवास किया। बीकानेर मूल के दिल्ली प्रवासी ललित नाहटा सहित अनेक श्रावकों ने उनका स्वागत वंदन किया।
उदयरामसर में आचार्यश्री व उनके सहवृति 17 मुनियों ने दादाबाड़ी में दादा गुरुदेव जिनदत्त सूरीश्वर व वहां के मंदिर में दर्शन वंदन कर श्रावक-श्राविकाओं के समूह के साथ गांव के कुंथुनाथ मंदिर पहुंचे। उन्होंने श्रावक-श्राविकाओं ने मंदिर परिसर के विकास, धर्म-ध्यान करने वाले श्रावक-श्राविकाओं के बारे में चर्चा की। उन्होंने कहा कि वरिष्ठ श्रावक-श्राविकाएं बच्चों को मंदिर में नियमित जाने, देव, गुरु व धर्म के प्रति प्रेरणा व जैन संस्कार प्रदान करें। उदयरामसर में राजेन्द्र बोथरा, श्रीमती तारा बोथरा, पवन बोथरा, सौरभ बोथरा, लहर चंद बोथरा, पीयूष, मुकेश बोथरा, सुरेश व नरेश भंडारी, विनोद शर्मा, त्रिलोकचंद टॉक, बैंगलूर के विजयराज डोसी व बीकानेर के अनेक श्रावक-श्राविकाओं ने दर्शन वंदन किया। आचार्यश्री ने बच्चों से भी बातचीत की तथा उनसे धार्मिक व एकेडमिक शिक्षा के बारे में जानकारी हासिल करते हुए कहा कि वे मोबाइल का उपयोग कम करने की सलाह दी ।
आचार्य श्री ने बताया कि 2001 में बीकानेर में मुनिश्री सम्यक रत्न सागर म.सा. की दीक्षा के बाद 2017 में संक्षिप्त प्रवास पर बीकानेर आए थे। मुनिश्री सम्यक रत्न सागर दीक्षा के 24 वें वर्ष में प्रवेश के वर्ष पहलीबार उनके साथ बीकानेर में चातुर्मास कर रहे है। उनके साथ बीकानेर के ही मुनि संवेग रत्न सागर, सवार्थ मुनि, मुनि संवर रत्न उनके साथ भी बीकानेर में शिवबाड़ी के गंगेश्वर पार्श्वनाथ मंदिर तीर्थ के अंजन श्लाका व प्रतिष्ठा महोत्सव में शामिल होंगे।
मंदिर के जीर्णोंद्धार व विकास तथा अंजनश्लाका व प्रतिष्ठा महोत्सव के प्रति श्री जैन श्वेताम्बर खरतरगच्छ संघ, श्री सुगनजी महाराज का उपासरा ट्रस्ट, श्री गंगेश्वर पार्श्वनाथ प्रतिष्ठा समिति, श्री पार्श्वनाथ जैन मंदिर जीर्णोद्धार समिति एवं श्री जिनेश्वर युवक परिषद व समस्त श्रावक-श्राविकाओं तथा सकलश्री संघ के आग्रह व उत्साह से मरु नगर बीकानेर में पहुंचे है ।
उन्होंने कहा कि श्री सुगनजी महाराज का उपासरा ट्रस्ट, श्री गंगेश्वर पार्श्वनाथ प्रतिष्ठा समिति, श्री पार्श्वनाथ जैन मंदिर जीर्णोद्धार समिति के सदस्य व वरिष्ठ श्रावक मुनिश्री सम्यक रत्न सागर के सांसारिक पिता धर्मनिष्ठ सुश्रावक भीखम चंद बरड़िया की कमी रहेगी। अपने सांसारिक मुनि पुत्र के बीकानेर प्रवेश से पूर्व ही संसार से कुछ दिन पूर्व विदा होना निश्चित ही अनहोनी घटना है। उन्होंने कहा कि वर्षो की विनती व चातुर्मास की स्वीकृति पर बरड़िया परिवार का उल्लास व हर्ष देखते ही बनता था।
बीकानेर में उनके साथ 17 मुनियों व बड़ी संख्या में साध्वीवृंद का चातुर्मास व गंगेश्वर पार्श्वनाथ मंदिर की अंजन श्लाका व प्रति मरुधरा पर एक इतिहास बन रहा है। लेकिन इस चातुर्मास के इतिहास के साक्षी स्वर्गीय बरड़िया नहीं हांंगे। बरड़ियाजी की याद व कमी हमेशा खटकती रहेगी। देव, गुरु व धर्म के प्रति समर्पित बरड़िया जी की आत्मा को सद्गति व मोक्ष मिले यही कामना व प्रार्थना है।
सुगनजी महाराज के उपासरे में श्रद्धांजलि
रांगड़ी चौक के सुगनजी महाराज के उपासरे में शुक्रवार को आयोजित सुश्रावक भीखम चंद बरड़िया के असामयिक देवलोक गमन पर श्रद्धाजलि व गुणानुवाद सभा विचक्षण ज्योति साध्वीश्री चन्द्रप्रभा की शिष्या साध्वी चंदन बालाश्रीजी, साध्वी मृगावतीश्रीजी, साध्वी नित्योदयाश्रीजी,श्री सुगनजी महाराज का उपासरा ट्रस्ट के मंत्री रतन लाल नाहटा, श्री जिनेश्वर युवक परिषद के मंत्री मनीष नाहटा आदि उनको देव, गुरु व धर्म के प्रति समर्पित सरल स्वभाव का श्रावक बताया। साध्वी चिन्मया श्रीजी ने भजन के माध्यम से भाव व्यक्त किए।