प्रतिदिन सद्गुणों को बढ़ाने से जीवन लक्ष्य प्राप्ति संभव- स्वामी श्री विमर्शानंदगिरि
बीकानेर, 20 सितंबर। परम पूज्य ब्रह्मलीन श्रीस्वामी संवित् सोमगिरिजी महाराज की पावन स्मृति में श्रीलालेश्वर महादेव मंदिर में सप्तदिवसीय श्रीमद्भगवद्गीता-सत्संग का अधिष्ठाता पूज्य स्वामी विमर्शानंदगिरि जी महाराज के सान्निध्य में समापन हो गया।
इस अवसर पर पूज्य श्री स्वामी महाराज ने दैवी सम्पदा बढ़ाने की कला (अध्याय 16) के बारे में बताते हुए भगवान् ने 26 दैवी संपत्तियों को बताया है, जो मानव के अभ्युदय व निःश्रेयस में सहायक है तथा गीता का सार सात्विक त्याग है, गीता विश्व का संविधान है व अन्तःकरण की सम्यक् शुद्धि, ज्ञान और योग में दृढ़ स्थिति, अहिंसा आदि सहित सभी 26 गुणों को आत्मसात् कर अपनी इच्छा शक्ति, क्रिया-शक्ति, ज्ञान शक्ति व पंच महायज्ञ सहित सभी 26 बिंदुओं का विस्तार से व्याख्यान किया।
मानव प्रबोधन प्रन्यास के विजेन्द्र सिंह भाटी ने बताया कि इस सप्तदिवसीय श्रीमद्भगवद्गीता-सत्संग के अवसर पर संत सरोवर आबू पर्वत से पधारे स्वामी श्रीप्रपन्नगिरिजी महाराज तथा स्वामी श्री सुस्वाभानन्दगिरि जी महाराज का भी आशीर्वाद प्राप्त हुआ। इस 7 दिवसीय सत्संग के सफल आायोजन में अनेक कार्यकर्ताओं का सहयोग रहा।