मेरी मातृभूमि-मेरी जिम्मेदारी अभियान के तहत ‘प्रशासन भामाशाह समन्वय संवाद’ आयोजित
- विधायक व्यास ने भामाशाहों से शहरी क्षेत्र के विकास में भागीदारी का किया आह्वान
बीकानेर, 23 जून। ‘मेरी मातृभूमि-मेरी जिम्मेदारी’ अभियान के तहत ‘प्रशासन भामाशाह समन्वय संवाद’ रविवार को जिला उद्योग संघ सभागार में आयोजित हुआ। इस दौरान उद्योगपतियों ने शहरी क्षेत्र के विकास के लिए हरसंभव सहयोग का विश्वास दिया। वहीं प्रशासनिक अधिकारियों ने इनसे जुड़ी सभी औपचारिकताएं प्राथमिकता से करवाने की प्रतिबद्धता जताई।
बीकानेर (पश्चिम) विधायक जेठानंद व्यास) की पहल पर शुरू हुए अभियान के दौरान पहली बार सौ से अधिक भामाशाह और सरकारी अधिकारी एक मंच पर जुटे। विधायक ने कहा कि अगले पांच वर्षों में शहर में विकास के नए सौपान तय करने हैं। इसमें भामाशाहों का योगदान बहुत महत्वपूर्ण होगी। इसके मद्देनजर उन्होंने भामाशाहों का आह्वान किया कि शहरी क्षेत्र के अस्पतालों, स्कूलों, उद्यानों, चौराहों और सर्कल्स के सुदृढ़ीकरण, खेल सुविधा विकास, पौधारोपण जैसे कार्यों में मदद करें।
उन्होंने कहा कि यहां नए उद्योग स्थापित हों, इसके लिए सभी सरकारी औपचारिकताएं प्राथमिकता से करवाई जाएंगी। भामाशाहों द्वारा करवाए जाने वाले कार्यों के लिए आवश्यक प्रशासनिक अथवा सरकारी अनुमति प्राथमिकता से दिलवाई जाएगी। उन्होंने कहा कि जिला अस्पताल में सभी आधुनिक सुविधाएं और जांच उपकरण मुहैया करवाए जाएंगे। सरकारी फंड के साथ सांसद एवं विधायक कोटे से संसाधन बढ़ाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि बीकानेर के भामाशाह देशभर में आर्थिक सहयोग कर रहे हैं।
बीकानेर को भी इनका लाभ मिले, इसके लिए आवश्यक अनुमति के लिए इन्हें सरकारी कार्यालयों के चक्कर नहीं लगाने पड़े, इसके लिए एकल खिड़की की तर्ज पर आवश्यक व्यवस्था की जाएगी। उन्होंने बीकानेर की दानशील प्रकृति के बारे में बताया और कहा कि युवाओं को इस परंपरा को आगे बढ़ाना है।
जिला उद्योग संघ के अध्यक्ष और अभियान के प्रवासी समन्वय प्रभारी द्वारका प्रसाद पचीसिया ने कहा कि विधायक की पहल पर चला यह अभियान भामाशाह और प्रशासन के बीच सेतू का काम करेगा। उन्होंने कहा कि बीकानेर के उद्यमी देश और दुनिया में अपनी छाप छोड़ चुके हैं। मातृभूमि के प्रति कुछ सहयोग करना इनकी मंशा भी है। अभियान से इसकी राह आसान होगी। उन्होंने कहा कि अभियान के तहत देश के अलग अलग कोने में रहने वाले बीकानेर वासियों से संपर्क किया जाएगा।
समाजसेवी और अभियान के कार्य चिह्नीकरण समिति के प्रभारी राजेश चूरा ने कहा कि बीकानेर भामाशाहों और दानदाताओं की भूमि है। सहयोग यहां की प्रवृत्ति में है। उन्होंने कहा कि विभिन्न विभागों के माध्यम से किए जाने योग्य कार्यों को चिह्नित किया गया है। कार्यों की यह सूची भामाशाहों के समक्ष रखी जाएगी।
अतिरिक्त जिला कलेक्टर (नगर) उम्मेद सिंह रतनू ने विश्वास दिलाया कि प्रशासनिक स्तर पर प्रत्येक कार्यवाही को सर्वोच्च प्राथमिकता से किया जाएगा। अभियान में सरकार से जुड़े सभी विभाग सकारात्मक सहयोग करते हुए शहर के विकास में भागीदारी निभाएंगे।
हाथोंहाथ आए कई प्रस्ताव
उद्यमी अशोक मोदी ने बताया कि उनके द्वारा 50 बीघा भूमि पर लगभग 50 करोड़ रुपए की लागत से स्तरीय खेल मैदान बनाया जाएगा। इसके लिए सक्षम स्तर पर अनुमति की प्रक्रिया प्रगतिरत है। उन्होंने यहां जनता क्लिनिक, प्राकृतिक, आयुर्वेदिक, यूनानी और होम्योपैथ अस्पताल, प्राथमिक स्कूल, संस्कृत और इंग्लिश मीडियम स्कूल और अधिकारियों के लिए 8 कक्षों का अत्याधुनिक रेस्ट हाउस बनवाने का विश्वास दिलाया।
उन्होंने कहा कि इनसे जुड़ी प्रशासनिक कार्यवाही प्राथमिकता से हो जाए। सुनीलम पुरोहित ने सिने अभिनेता बीएम व्यास की स्मृति में शहर के किसी क्षेत्र में सिंहद्वार बनवाने की अनुमति चाही और कहा कि इस पर आने वाला समूचा व्यय उनके परिवार द्वारा वहन किया जाएगा। बाबू लाल मोहता ने शहरी क्षेत्र के विकास में माहेश्वरी समाज के योगदान के बारे में बताया और कोठारी अस्पताल तिराहा से चूंगी चौकी तक सौंदर्यकरण कार्य हाथ में लिए जाने का प्रस्ताव रखा। वहीं मनोज बजाज, सुरेंद्र जैन, वीरेंद्र किराडू और ओम करनानी ने विभिन्न कार्यों की सहमति दी।
इससे पहले विधायक ने दीप प्रज्वलित कर अभियान की शुरुआत की। अभियान समन्वयक डॉ. चन्द्र शेखर श्रीमाली ने आभार जताया। कार्यक्रम का संचालन संजय पुरोहित ने किया।
इस दौरान नगर विकास न्यास सचिव सुभाष कुमार, उद्योग एवं वाणिज्य केंद्र महाप्रबंधक मंजू नैन गोदारा, अति. जिला शिक्षा अधिकारी सुनील बोड़ा, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. राजेश गुप्ता, जिला अस्पताल अधीक्षक डॉ. सुनील हर्ष, नरेश मित्तल, सुरेंद्र जैन, अनंतवीर जैन, विजय नौलखा, सुशील बंसल, रामरतन धारणिया, पार्षद पुनीत शर्मा, जगदीश चौधरी, शिवरतन पुरोहित, दिलीप रंगा, पिंटू राठी, अरविंद चौधरी, पारस डागा, राजाराम सारडा, श्रीधर शर्मा, समुंद्र सिंह राठौड़, राजेन्द्र डीडवानिया, किशन मूंधड़ा, महेश दम्माणी, विमल दम्माणी, पूनमचंद कच्छावा, मांगीलाल सुथार, सुरेश गुप्ता, भंवरलाल चांडक, महेंद्र चौधरी, अनन्त कोठारी, विपिन मुसरफ सहित अनेक भाभामशाह मौजूद रहे।