कृषि मासिक तकनीकी कार्यशाला आयोजित

  • खरीफ सीजन के मध्यनजर कृषि आदान निरीक्षक बीज, उर्वरक, पेस्टीसाइड के लक्ष्य अनुसार अधिकाधिक नमूने लिए जाना सुनिश्चित करें- अतिरिक्त निदेशक (कृषि)

बीकानेर, 25 जुलाई। कृषि अनुसंधान केन्द्र, स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय में गुरुवार को अतिरिक्त निदेशक (कृषि) डॉ. सुरेन्द्र सिंह शेखावत, क्षेत्रीय अनुसंधान निदेशक डॉ एस आर यादव और काजरी अध्यक्ष डॉ. नवरत्न पंवार की अध्यक्षता में मासिक तकनीकी कार्यशाला आयोजित हुई।

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मासिक तकनीकी कार्यशाला में जुलाई में की गए कृषि क्रियाओं की प्रगति की समीक्षा की गई। आगामी अगस्त में कृषकों द्वारा की जाने वाली कृषि व उद्यानिकी तकनीकी पर चर्चा की गई। कृषि वैज्ञानिक प्रो. अमर सिंह गोदारा, डॉ. एच एल देशवाल, डॉ. बीडीएस नाथावत, डॉ. दीपक सरोलिया ने खरीफ फसल प्रबन्धन, कीट व व्याधि प्रबन्धन व पैकेज ऑफ प्रैक्टिसेज खरीफ पर चर्चा की।

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कृषि विभाग द्वारा वैज्ञानिकों के साथ तीन टीमें बनाकर विभिन्न क्षेत्रों में सर्वेक्षण कार्य करते हुए किसानों को कीट व्याधि पहचान, सर्वे व रोकथाम के आवश्यक उपायों के बारे में बताया गया। उन्होंने कहा कि मौसम में उतार-चढाव के कारण व अधिक तापमान व वातावरणीय नमी की अनुकूलता के कारण खरीफ फसलों में प्रकोप की सम्भावना रहती है। उन्हों बताया कि रेपिड रोविंग सर्वे में कपास की फसल में क्षेत्र में कुछ स्थानों पर सफेद मक्खी का प्रकोप सामने आया है।

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आर्थिक हानि स्तर से अधिक प्रकोप होने पर फसल उत्पादन में नुकसान की सम्भावना रहती है। मूंगफली फसल में कुछ स्थानों पर सफेद लट एवं काॅलर रूट बीमारी का प्रकोप पाया गया, जो कि आर्थिक हानि स्तर से कम पाया गया है। सफेद मक्खी उपचार के लिए इमिडाक्लोप्रिड 17.8 प्रतिशत एसएल की 0.3 एमएल मात्रा या मिथायल डेमोटॉन 25 प्रतिशत ईसी की 2 एमएल प्रति लीटर प्रति हैक्टेयर के हिसाब से 400-500 लीटर पानी की मात्रा में घोल बनाकर छिड़काव कर नियंत्रण करें। सफेद लट नियंत्रण हेतु इमिडाक्लोप्रिड 300 एमएल प्रति हेक्टेयर की दर से सिंचाई के पानी के साथ देने हेतु किसानों को निर्देशित किया गया। लोह तत्व की कमी के कारण खरीफ फसलों में पीलापन की समस्या के लिए फेरस सल्फेट 5 प्रतिशत व 1 प्रतिशत सिटिर्क अम्ल का 500 लीटर पानी में मिलाकर छिडकाव करें।

मासिक तकनीकी कार्यशाला में खण्ड बीकानेर के कृषि, उधानिकी, आत्मा के वरिष्ठ अधिकारीगण व विश्वविद्यालय के कृषि वैज्ञानिक गणों ने भाग लिया।
कार्यशाला में कृषि विभागीय अधिकारी संयुक्त निदेशक कैलाश चौधरी, डॉ दयाशंकर शर्मा, उपनिदेशक यशवन्ती, अमर सिंह, भैराराम गोदारा, रधुवर दयाल सुथार, राजूराम डोगीवाल, सुभाष विश्नोई कृषि अधिकारी मुकेश गहलोत, ओमप्रकाश तरड, प्रदीप चौधरी, ममता, कन्हैया लाल सारस्वत आदि ने भाग लिया।

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