बीकानेर में गलत इंजेक्शन से युवक की मौत का आरोप , डाक्टरों के खिलाफ कार्रवाई की मांग

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महावीर जयंती की शुभकामनाएं
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  • परिजन पीबीएम हॉस्पिटल में धरने पर बैठे, 50 लाख मुआवजा सहित कई मांग

बीकानेर , 3 जनवरी। जिले के नोखा थाना क्षेत्र के दावा गांव में एक दर्दनाक घटना सामने आई है। स्थानीय युवक हनुताराम की कथित तौर पर गलत इंजेक्शन लगाए जाने के कारण मौत हो गई। परिजनों का आरोप है कि सरकड़ा अस्पताल में इलाज के दौरान डॉक्टरों की लापरवाही के चलते हनुताराम की हालत बिगड़ी और बाद में उनकी जान चली गई। जानकारी के अनुसार हनुताराम को शरीर में संक्रमण की शिकायत के बाद उसे सोमवार को सरकड़ा अस्पताल ले जाया गया, जहां इंजेक्शन लगाने के तुरंत बाद उसकी तबीयत और बिगड़ गई और संक्रमण पूरे शरीर में फैल गया। गंभीर स्थिति को देखते हुए हुनताराम को बीकानेर के लिए रैफर कर दिया गया, लेकिन इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।

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बीकानेर के पीबीएम हॉस्पिटल में युवक को गलत इंजेक्शन लगाने का आरोप लगाते हुए ग्रामीणों ने हंगामा किया। परिजनों और ग्रामीणों ने शव लेने से मना कर दिया और 50 लाख रुपए मुआवजा देने और दोषी डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। देहात कांग्रेस भी इस धरने में शामिल हो गई। युवक की मौत के बाद उसके परिजनों ने डॉक्टर पर लापरवाही और गलत इंजेक्शन लगाने का आरोप लगाया और पीबीएम अस्पताल की मोर्चरी के सामने धरना देते हुए शव का पोस्टमार्टम कराने से इंकार कर दिया। परिजनों का कहना है कि जब तक आरोपी डॉक्टर की गिरफ्तारी और आर्थिक सहायता का आश्वासन नहीं दिया जाएगा, वे आंदोलन जारी रखेंगे। घटना की जानकारी मिलने के बाद स्थानीय प्रशासन मौके पर पहुंचा और परिजनों को समझाने का प्रयास किया लेकिन अब तक कोई ठोस परिणाम सामने नहीं आए हैं। प्रशासन अपने स्तर पर मामला सुलझाने के प्रयास में है।नोखा के दावां गांव में रहने वाले हणुताराम (30) के शरीर में एलर्जी हो गई थी। पीबीएम में शुक्रवार शाम मौत हो गई।

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पीबीएम में इलाज नहीं मिलने का लगाया आरोप
युवक के पिता दुलाराम मेघाल का कहना है- बेटे को एलर्जी होने पर डॉ. सुभाष नैण को दिखाया गया था। अपने निजी क्लिनिक में डॉक्टर ने एक इंजेक्शन लगाया था। इससे पूरे शरीर में इंफेक्शन हो गया। इस पर वापस डॉक्टर को दिखाया तो उन्होंने कुछ ट्यूब और टेबलेट्स दी। इसके बाद भी ठीक नहीं हुआ तो नोखा के सरकारी हॉस्पिटल में दिखाया, जहां से पीबीएम हॉस्पिटल रैफर किया गया। पीबीएम में शुक्रवार को मरीज का समय पर इलाज नहीं हो सका और मौत हो गई।

परिजनों ने दिया धरना

युवक की मौत के बाद परिजनों ने शव लेने से मना कर दिया। उन्होंने दोषी डॉक्टर पर कार्रवाई और मुआवजे की मांग की। धरना स्थल पर देहात कांग्रेस अध्यक्ष बिशनाराम सियाग भी पहुंचे। बिशनाराम ने कहा- मृतक महज 30 साल का था। उसके परिवार में पत्नी और बच्चे भी है। डॉ. सुभाष नैण और पीबीएम हॉस्पिटल के डॉक्टरों की लापरवाही से मौत हुई है। परिजनों की ये तीन मांगे है कि दोषी डॉक्टर तुरंत गिरफ्तार हो। परिवार को 50 लाख रुपए का मुआवजा मिले। परिवार के एक सदस्य को संविदा नौकरी मिले।

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