अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मध्यस्थता से भारत और पाकिस्तान युद्धविराम के लिए सहमत, दोनों सरकारों ने पुष्टि की


नई दिल्ली,10 मई। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बड़ा दावा किया है। उन्होंने कहा है कि भारत और पाकिस्तान तत्काल प्रभाव से सीजफायर के लिए तैयार हो गए हैं। ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रूथ सोशल पर इस बात की जानकारी दी। बता दें कि भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव काफी बढ़ गया है। पीटीआई ने सूत्रों के हवाले से ट्रंप ने लिखा, ‘अमेरिका की मध्यस्थता में लंबी कोशिश के बाद मुझे यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि भारत और पाकिस्तान पूर्ण और तत्काल युद्धविराम पर सहमत हो गए हैं। दोनों देशों को बधाई।’ भारत के विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने भी 42 सैकण्ड की प्रेस कॉनफ्रेंस में इसकी पुष्टि कर दी है।
पाकिस्तान के मंत्री का भी आया बयान
डोनाल्ड ट्रंप के दावे की पाकिस्तानी विदेश मंत्री इशाक डार ने भी पुष्टि की है। इशाक डार ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर लिखा, ‘पाकिस्तान और भारत ने तत्काल प्रभाव से युद्ध विराम पर सहमति जताई है। पाकिस्तान ने हमेशा अपनी संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता से समझौता किए बिना क्षेत्र में शांति और सुरक्षा के लिए प्रयास किया है!




पाकिस्तान के मंत्री का भी आया बयान


अमेरिका ने पहले ही की थी मध्यस्थता की पेशकश
इससे पहले अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने भारत विदेश मंत्री एस. जयशंकर और पाकिस्तानी उप-प्रधानमंत्री व विदेश मंत्री इशाक डार के साथ अलग-अलग बात की थी। विदेश विभाग के प्रवक्ता टैमी ब्रूस ने शनिवार की सुबह एक बयान में यह जानकारी दी थी। दरअसल, 7 मई को पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर भारत के ऑपरेशन सिंदूर और उसके बाद पाकिस्तान की ओर से 15 भारतीय शहरों को निशाना बनाए जाने के बाद दोनों के बीच तनाव काफी बढ़ गया था। ऐसे में रुबियो ने इस बात पर जोर दिया कि दोनों पक्षों को तनाव कम करने और सीधा संवाद फिर से स्थापित करने के तरीकों को तलाशने की कोशिश करें। रुबियो ने चर्चाओं को सुविधाजनक बनाने में अमेरिकी समर्थन का प्रस्ताव दिया था। डार के साथ बातचीत में रुबियो ने दोहराया था कि दोनों पक्षों को मौजूदा स्थिति को कम करने के तरीके खोजने चाहिए।
असीम मुनीर और शहबाज शरीफ से की थी बात
पाकिस्तान के विदेश मंत्री से बात करने से पहले अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने पाकिस्तानी सेना प्रमुख असीम मुनीर से भी बात की थी। रुबियो ने शहबाज शरीफ से भी बात की थी। इससे पहले शुक्रवार को व्हाइट हाउस ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष को जितनी जल्दी हो सके कम होते देखना चाहते हैं।
सीजफायर (Ceasefire) का मतलब
भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम (Ceasefire) हो गया है। इस बीच यह शब्द अचानक चर्चा में आ गया है। ऐसे में आपको बताते हैं कि आखिर सीजफायर होता क्या है। सीजफायर (Ceasefire) का मतलब होता है युद्ध या संघर्ष को अस्थायी या स्थायी रूप से रोकना. यह तब लागू किया जाता है जब दो या अधिक पक्ष (जैसे देश, सेना या समूह) आपसी सहमति से गोलीबारी, हमले और सैन्य कार्रवाई रोकने पर तैयार होते हैं.
संघर्ष कर रहे दो देश जब भी बॉर्डर पर आक्रामक कार्रवाई रोकने के लिए तैयार हो जाते हैं और वादा करते हैं कि इसे रोक दिया जाएगा तो इसे दो देशों के बीच हुआ सीजफायर माना जाता है। सीजफायर के हमेशा ही औपचारिक तौर पर किसी संधि की जरूरत नहीं होती है। दो देश अपनी सहमति के आधार पर भी यह फैसला ले सकते हैं। ये समझौता पूरा होने के बाद भी अगर कोई देश बॉर्डर पर अपने एक्शन जारी रखता है तो इसे सीजफायर का उल्लंघन माना जाता है।
भारत और पाकिस्तान की बात की जाए तो जब 1947 में कश्मीर के लिए दोनों देशों के बीच जंग हुई। इस युद्ध को रोकने के लिए यूनाइटेड नेशन बीच में आया। यूएन के हस्तक्षेप के बाद 1949 में भारत-पाकिस्तान ने अपनी सहमति से जम्मू-कश्मीर पर एक लाइन स्थापित की, जिसे सीजफायर लाइन माना गया। इस लाइन पर सहमति बनाने के लिए भारत और पाकिस्तान के तब के आर्मी चीफ ने बैठक भी की थी।
लाइन ऑफ कंट्रोल (LOC) पर बने बैरियर्स समझौते के मुताबिक दोनों देशों की सरकारों ने इस बात पर सहमति जताई थी कि वे एक-दूसरे के खिलाफ दुष्प्रचार रोकने कोशिश करेंगी। दोनों ही देश इंटरनेशनल बॉर्डर तैनात की गई सेना को हटा लेंगे। हालांकि, भारत और पाकिस्तान के बीच हुए सीजफायर समझौते का कोई असर तब से लेकर अब तक नजर नहीं आया। पाकिस्तान की तरफ से कई बार इस सीजफायर समझौते का उल्लंघन किया जा चुका है।