मंत्रालयिक संवर्ग के केडर की मांगों की उपेक्षा से आक्रोश , सरकार को लिखा पत्र


- कमल नारायण आचार्य प्रदेश संयोजक अखिल राजस्थान बाबू एकता मंच बीकानेर द्वारा आगामी बजट सत्र में निर्णय कर अधिसूचना/आदेश जारी करने की मांग की गई
बीकानेर, 25 जनवरी । अखिल राजस्थान बाबू एकता मंच, बीकानेर के प्रदेश संयोजक कमल नारायण आचार्य ने बताया कि भजनलाल शर्मा , मुख्यमंत्री, दिया कुमारी , उप मुख्यमंत्री एवं वित्त मंत्री, सुधांश पंत (आई.ए.एस.), मुख्य सचिव शासन अखिल अरोड़ा (आई.ए.एस.), अतिरिक्त मुख्य सचिव, वित्त विभाग, के.के. पाठक , (आई.ए.एस.) शासन सचिव, कार्मिक एवं प्रशासनिक सुधार (क-5) विभाग, शासन सचिवालय, जयपुर को पत्र भिजवाकर सरकार द्वारा प्रकाशित की गई खेमराज कमेटी की रिपोर्टों में मंत्रालयिक संवर्ग के केडर की मांगों के तथ्यों को जानने के बावजूद वांछित लाभों से वंचित रखने तथा इसके कारण पूरे प्रदेश के मंत्रालयिक संवर्ग में भारी आक्रोश व्याप्त होने की जानकारी देते हुए खेमराज कमेटी का पुरजोर विरोध किया गया है।



प्रदेश संयोजक कमलनारायण आचार्य ने बताया कि मुख्यमंत्री सभी संवर्गों के प्रति संवेदनशील होने की मंशा रखते हैं। अतः मंत्रालयिक कर्मचारियों के हितों में अखिल राजस्थान बाबू एकता मंच के द्वारा पूर्व में दिये गये पांच मांग पत्रों पर आगामी बजट सत्र जो कि 31 जनवरी 2025 से प्रारम्भ हो रहा है उसमें होने वाली बैठकों में निर्णयात्मक कार्यवाही करते हुए अधिसूचना/आदेश जारी करने की मांग की गई है।


आचार्य ने बताया कि मांगों में स्टेट पैरिटी के आधार पर कनिष्ठ सहायक/लिपिक गे्रड-ाा की योग्यता स्नातक करते हुए ग्रेड पे 3600 (एल-10) देने, राजस्थान मंत्रालयिक सेवा (आर.एम.एस.) केडर घोषित करने, मंत्रालयिक संवर्ग के लिए स्वतंत्र निदेशालय का गठन करने, मंत्रालयिक संवर्ग के पद नामों में संशोधन करने, पदौन्नति में दो वर्ष का शिथिलन एवं आवश्यकतानुसार शत प्रतिशत एक बारीय छूट देने, अनुकम्पा नियुक्त कनिष्ठ सहायकों को सेवा का परिलाभ देने हेतु नियमों में छूट सहित अन्य प्रावधान करने एवं संस्थापन एवं प्रशासनिक अधिकारी की पदौन्नति हेतु डीपीसी कमेटी में संशोधन करने की मांगे शामिल है।
आचार्य ने बताया कि पत्र में पुनः मुख्यमंत्री महोदय से पुरजोर निवेदन है किया गया प्रशासन के रीड की हड्डी कहे जाने वाले मंत्रालयिक संवर्ग के कर्मचारियों/अधिकारियों की वाजिब एवं तथ्यपूर्ण मांगों को स्वीकार करने से आपका सुयश बढ़ेगा , वहीं मंत्रालयिक संवर्ग में सकारात्मक एवं आशा का भाव जाग्रत होगा तथा भविष्य में आन्दोलन जैसी अप्रिय स्थितियां को टालने में भी आप सफल होंगे।