बीकानेर में आने वाले जल संकट से मुकाबले के लिए जनता से अपील


- प्रस्तावित नहरबंदी के दौरान जल संरक्षण और इसके सदुपयोग में सहयोग दें
- जलदाय विभाग के अधीक्षण अभियंता ने की अपील
बीकानेर, 9 अप्रैल। प्रस्तावित नहरबंदी के दौरान पेयजल उपलब्धता में कमी के मद्देनजर जलदाय विभाग के अधीक्षण अभियंता खेमचंद सिंगारिया ने उपभोक्ताओं से पानी की बचत और जल संरक्षण में योगदान की अपील की है। उन्होंने कहा है कि आमजन छोटी-छोटी बातों का ध्यान रख और अपनी आदतों में बदलाव कर जल संरक्षण कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि यदि किसी घर में टपकता हुआ नल हो, तो इसे ठीक करवाएं क्योकि एक टपकता नल दिनभर में करीब अस्सी लीटर पानी बर्बाद करता है।



नहाते वक्त शॉवर की बजाय बाल्टी में पानी भरकर नहाएं। ऐसा करके प्रतिदिन एक परिवार तकरीबन सौ लीटर पानी की बचत कर सकता है। उन्होंने कहा शेव करते समय मग में पानी लेकर प्रयोग करें, जिससे नल से बहते हुए पानी को रोका जा सके। कूलर में उतना ही पानी प्रयोग करें, जितनी जरूरत हो। उन्होंने कहा कि आमतौर पर देखा गया है कि लोग गर्मी में अपने घर की छतों और घर के बाहर अनावश्यक पानी छिड़काव करते हैं। ऐसा न करके हम प्रतिदिन सैेकडों लीटर पानी की बचत कर सकते हैं। इसी तरह सार्वजनिक पानी स्टैण्ड, पीएसपी का भी उचित प्रयोग करें और वहां बहता पानी न छोडकर, बहते जल का नल बंद कर दें। अपने शौचालयों में भी पानी का प्रयोग मितव्ययता से करें। घरों में आरओ से निकले अनुपयोगी पानी को अपने शौचालयों में प्रयोग कर जल बचत कर सकते हैं। इस तरह आमजन विभाग का सहयोग करें तो नहरबंदी के दौरान जल संकट के हालात पैदा नहीं होेंगे और लीकेज की समस्या को तुरंत अवगत करवाएं, जिससे समय रहते दुरूस्त किया जा सके।



उन्होंने विश्वास जताया कि आमजन पानी के प्रति सजग रहकर नहरबंदी के दौरान विभाग का सहयोग करेंगे। उन्होंने कहा कि जल के अपव्यय को रोकने तथा पेयजल से संबंधित समस्या के निदान हेतु विभाग का कंट्रोल रूम 24 घण्टे लगातार कार्य कर रहा है। जिसका दूरभाष नम्बर 0151-2226454 है। विभाग द्वारा अवैध जल संबंध हटाने का अभियान 22 मार्च से आरम्भ है। अभियान के अंतर्गत अब तक 439 अवैध जल संबंध विच्छेद किए हैं। अभियान के अंतर्गत सभी सहायक अभियंता अपने क्षेत्र में नियमित रूप से अवैध जल संबंधों को चिन्हित कर रहे हैं। विभागीय निर्देशों की अनुपालना में अवैध जल संबंध पाये जाने पर एफआईआर कर दी जाएगी, जिसमें विभागीय सम्पत्ति को नुकसान करना तथा जल चोरी की मात्रा के आंकलन अनुसार शास्ती आरोपित की जाएगी।