कला ही कलाकार को पहचान देती है – सन्नू

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बीकानेर, 31 मई। अजित फाउण्डेशन द्वारा आयोजित चित्रकला शिविर में मुख्य संदर्भ व्यक्ति के रूप में पधारे सुप्रसिद्ध चित्रकार हरिगोपाल हर्ष ‘सन्नू’ ने कहा कि चित्रकला एक ऐसा माध्यम है जिसमें हम अपनी अभिव्यक्ति रेखाओं एवं रंगों के जरिए अभिव्यक्त कर सकते है।

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हर्ष ने कहा कि जीवन में सौन्दर्य बोध हर जगह काम आता है। सौन्दर्य बोध के द्वारा ही कला की पूर्णता मानी जा सकती है। उन्होंने कहा कि कला कलाकार को पहचान देती है बेशर्ते वह उस कला के प्रति अपना पूर्ण समर्पण भाव रखे।

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सन्नू हर्ष ने पहले दिन प्रकृति चित्रण को बनाना बताया। हर्ष ने रंगों संयोजन एवं रेखाओं के अंकन से किस प्रकार चित्र का निर्माण किया जा सकता है उसके बारे में प्रायोगिक तथा सैद्धान्तिक दोनो पक्षों के बारे में बताया।

कार्यक्रम में युवा चित्रकार राम भादाणी ने कहा कि कला हमें बौद्धिक क्षमता के साथ भावनाओं को अभिव्यक्त करने का सषक्त रास्ता देती है जिसमें हम मानवीय क्षमताओं के साथ-साथ अपना कौषल विकास भी कर सकते है।
इसी क्रम में युवा चित्रकार गणेश रंगा ने कहा कि चित्रकला के द्वारा हम रंगों के साथ खेल सकते है। अपनी अभिव्यक्ति के प्रदर्शन में रंगों का बहुत बड़ा महत्त्व होता है। गणेश रंगा ने बच्चों को चित्र बनाने तथा उसमें आ रही समस्याओं को हल करने हेतु अपनी सेवाएं दे रहे है।
कार्यक्रम के आरम्भ में नन्ही चित्रकार अवनी श्रीमाली ने सरस्वती वन्दना गा कर सबका मन मोह लिया।

कार्यक्रम के आरम्भ में संस्था समन्वयक संजय श्रीमाली ने चित्रकला शिविर के आयोजन एवं संस्था की गतिविधियों की जानकारी देते हुए कहा कि इस तरह के शिविर से ही बच्चों में रचनात्मकता का विकास होता है तथा बच्चों की मानसिक सोच का दायरा बढ़ता है। शिविर में 40 प्रतिभागी बढ़चढ कर हिस्सा ले रहे है।

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