विज्ञापन से पहले अधिप्रमाणन अनिवार्य, नियमों की अवहेलना पर होगी कार्रवाई
इलेक्ट्रॉनिक, सोशल मीडिया, वेब न्यूज पोर्टल्स, यूट्यूब चैनल, एफ एम चैनल, सिनेमा,केबल नेटवर्क, ई पेपर, ओडियो विजुअल वैन, बल्क एसएमएस पर विज्ञापन -जिला निर्वाचन अधिकारी ने दिए स्पष्ट निर्देश
बीकानेर, 7 नवंबर। विधानसभा आम चुनाव के तहत अभ्यर्थी व राजनीतिक को इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों पर प्रसारण से पूर्व समस्त विज्ञापनों का अनिवार्य रूप से अधिप्रमाणन करवाना होगा।
जिला निर्वाचन अधिकारी भगवती प्रसाद कलाल ने बताया कि इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों में समस्त प्रकार के टीवी चैनल, एफएम चैनल केबल नेटवर्क, सिनेमा ,सार्वजनिक स्थानों पर दृश्य श्रव्य ऑडियो विजुअल तथा ऑडियो विजुअल्स वैन , बल्क एसएमएस , वाईज शामिल किए गए हैं। सोशल मीडिया श्रेणी में फेसबुक, ट्विटर , इंस्टाग्राम, यूट्यूब तथा वेबसाइट शामिल हैं।
मतदान और मतदान के 1 दिन पूर्व प्रिंट मीडिया पर भी अधिप्रमाणन अनिवार्य
भगवती प्रसाद कलाल ने बताया कि राजनीतिक दलों और अभ्यर्थियों को राजनीतिक विज्ञापनों के प्रिंट मीडिया में मतदान तथा मतदान के एक दिन पूर्व प्रकाशन के लिए विज्ञापन अधिप्रमाणन का सर्टिफिकेट लेना होगा।
सोशल मीडिया पर इन्हें प्रमाण से छूट
जिला निर्वाचन अधिकारी भगवती प्रसाद ने बताया कि सेल्फ अकाउंट, ब्लॉग या व्यक्तिगत वेबसाइट पर कंटेंट के अधिप्रमाणन की आवश्यकता नहीं है। सोशल मीडिया के व्यक्तिगत पेज पर मैसेज ,कमेंट, फोटो , वीडियो पोस्ट, ब्लॉग तथा सेल्फ अकाउंट्स वेबसाइट्स को भी अधिप्रमाणन से छूट दी गई है।
ई पेपर में राजनीतिक विज्ञापन को भी अभ्यर्थी और दल द्वारा अधिप्रमाणित करवाना होगा। इन समस्त माध्यमों से विज्ञापन प्रसारित करवाने से पूर्व अभ्यर्थी तथा राजनीतिक दल को मीडिया मॉनिटरिंग एंड सर्टिफिकेशन समिति द्वारा पूर्व अधिप्रमाणन प्रमाण पत्र अनिवार्य रूप से प्राप्त करना होगा। उन्होंने बताया कि ऐसा नहीं होने की स्थिति में संबंधित अभ्यर्थी द्वारा निर्वाचन आयोग की निर्देशों की अवहेलना माना जाएगा।
जिला निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर प्रसारित होने वाले समस्त विज्ञापनों की निगरानी के लिए इलेक्ट्रॉनिक मीडिया मॉनिटरिंग सेंटर काम कर रहा है , जहां सोशल मीडिया, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया और समस्त वेब पोर्टल्स यूट्यूब चैनल, एफ एम चैनल्स आदि सोशल मीडिया की निगरानी की जा रही है ।
यदि नियमों की अवहेलना की शिकायत मिलती है अथवा ऐसा प्रकरण संज्ञान में आता है तो नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। जिला निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि एफ एस टी, एस एस टी और सेक्टर ऑफिसर्स सहित विभिन्न एजेंसियों से भी इन सबके बारे में इनपुट लिया जा रहा है और किसी भी स्तर पर नियमों की अवहेलना स्वीकार नहीं की जाएगी।
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