मंत्रालयिक संवर्ग की मांगों को लेकर बाबू एकता मंच ने भेजा ज्ञापन, 15 जुलाई तक अधिसूचना जारी करने की मांग


बीकानेर, 28 जून। राजस्थान के मंत्रालयिक संवर्ग के कर्मचारियों/अधिकारियों की विभिन्न लंबित मांगों को लेकर अखिल राजस्थान बाबू एकता मंच, बीकानेर के प्रदेश संयोजक कमल नारायण आचार्य ने राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े, मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल, उपमुख्यमंत्री एवं वित्त मंत्री दिया कुमारी, मुख्य सचिव सुधांश पंत (आई.ए.एस.), प्रमुख शासन सचिव, वित्त विभाग वैभव गालरिया (आई.ए.एस.) और शासन सचिव, कार्मिक एवं प्रशासनिक सुधार विभाग के.के. पाठक (आई.ए.एस.) को ईमेल और रजिस्टर्ड पत्र भेजा है।




ज्ञापन में आचार्य ने अवगत कराया कि मंत्रालयिक संवर्ग के निदेशालय के गठन की घोषणा के बाद भी आदेश जारी न होने और ग्रेड पे 3600 सहित अन्य प्रमुख मांगों पर निर्णय न होने के कारण राजस्थान के मंत्रालयिक संवर्ग में चिंता और निराशा का माहौल है। मंच ने सरकार से 15 जुलाई 2025 तक निर्णय लेकर आदेश जारी करने की मांग की है।


आचार्य ने बताया कि प्रमुख मांगों में शामिल हैं:
- स्टेट पैरिटी के आधार पर राजस्थान के अधीनस्थ विभागों, सचिवालय, लोक सेवा आयोग, सरकारी, अर्द्धसरकारी, स्वायत्तशासी विभागों, आयोगों, निकायों, निगमों, बोर्डों में कार्यरत मंत्रालयिक संवर्ग के कनिष्ठ सहायक/लिपिक ग्रेड-द्वितीय की शैक्षिक योग्यता स्नातक करते हुए ग्रेड-पे 3600 (एस-10) की अधिसूचना जारी करना।
- मुख्यमंत्री द्वारा घोषित मंत्रालयिक संवर्ग हेतु अलग से राज्य स्तरीय मंत्रालयिक सेवा निदेशालय गठन की अधिसूचना अविलंब जारी करना।
- राजस्थान मंत्रालयिक सेवा (RMS) कैडर घोषित करना और प्रशासनिक अधिकारी, संस्थापन अधिकारी, सहायक शासन सचिव, शासन उपसचिव, वरिष्ठ शासन उपसचिव एवं उपनिदेशक (प्रशासनिक) (ग्रेड पे-8700 में नया पद सृजित कर) जैसे नवीन पद सृजित करते हुए राजस्थान मंत्रालयिक संवर्ग के लिए नए नियम बनाकर अधिसूचित करना।
- मंत्रालयिक संवर्ग के पदों के पदनामों में संशोधन करना।
- पदोन्नति हेतु वर्तमान प्रावधानों में संशोधन करना और कैडर रिव्यू कर पदों में वृद्धि तथा सभी पदों को पदोन्नति से भरने के संबंध में वर्ष 2025-26 के लिए दो वर्ष का शिथिलीकरण एवं आवश्यकतानुसार एक बारीय 100 प्रतिशत छूट देने हेतु प्रावधानों में संशोधन कर अधिसूचनाएं जारी करना।
- अनुकम्पा पर नियुक्त कनिष्ठ सहायकों को सेवा का परिलाभ देने हेतु टंकण परीक्षा/कंप्यूटर टंकण परीक्षा नियमों में छूट सहित अन्य प्रावधान करना।
आचार्य ने अपने पत्र में स्पष्ट किया है कि प्रशासन की रीढ़ की हड्डी कहे जाने वाले मंत्रालयिक संवर्ग के कर्मचारियों/अधिकारियों की इन वाजिब एवं तथ्यपूर्ण मांगों को अविलंब स्वीकार कर 15 जुलाई 2025 तक आदेश जारी करने से मुख्यमंत्री और राज्य सरकार का यश बढ़ेगा। साथ ही, मंत्रालयिक संवर्ग में सकारात्मकता और आशा का भाव जागृत होगा और भविष्य में आंदोलन जैसी अप्रिय स्थितियों को टालने में भी मुख्यमंत्री एवं शासन सफल होंगे।