सरकारी कर्मचारियों के आरएसएस गतिविधियों में भाग लेने पर लगा प्रतिबंध हटा – कांग्रेस का दावा

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नयी दिल्ली , 22 जुलाई। कांग्रेस ने पिछले सप्ताह जारी एक कथित आधिकारिक आदेश का हवाला देते हुए दावा किया कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की गतिविधियों में सरकारी कर्मचारियों के भाग लेने पर लगा ‘‘प्रतिबंध’’ हटा लिया गया है।

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कांग्रेस नेताओं द्वारा ‘एक्स’ पर पोस्ट किए गए कथित आधिकारिक आदेश की सत्यता का फिलहाल पता नहीं चल सका है, लेकिन भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के आईटी विभाग के प्रमुख अमित मालवीय ने भी आदेश का स्क्रीनशॉट साझा किया और कहा कि 58 साल पहले जारी एक ‘‘असंवैधानिक’’ निर्देश को नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने वापस ले लिया है।

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कांग्रेस महासचिव (संचार) जयराम रमेश ने कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय द्वारा नौ जुलाई को जारी एक कार्यालय ज्ञापन साझा किया, जो आरएसएस की गतिविधियों में सरकारी कर्मचारियों की भागीदारी से संबंधित है।

आदेश में कहा गया है, ‘‘उपर्युक्त निर्देशों की समीक्षा की गई है और यह निर्णय लिया गया है कि 30 नवंबर 1966, 25 जुलाई 1970 और 28 अक्टूबर 1980 के संबंधित कार्यालय ज्ञापनों से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का उल्लेख हटा दिया जाए।’’

आदेश की तस्वीर के साथ एक पोस्ट में रमेश ने कहा, ‘‘फरवरी 1948 में गांधीजी की हत्या के बाद सरदार पटेल ने आरएसएस पर प्रतिबंध लगा दिया था। इसके बाद अच्छे आचरण के आश्वासन पर प्रतिबंध को हटाया गया। इसके बाद भी आरएसएस ने नागपुर में कभी तिरंगा नहीं फहराया।’’

उन्होंने पोस्ट में कहा, ‘‘1966 में आरएसएस की गतिविधियों में भाग लेने वाले सरकारी कर्मचारियों पर प्रतिबंध लगाया गया था और यह सही निर्णय भी था। यह 1966 में प्रतिबंध लगाने के लिए जारी किया गया आधिकारिक आदेश है।’’

रमेश ने कहा, ‘‘चार जून 2024 के बाद स्वयंभू नॉन बायोलॉजिकल प्रधानमंत्री और आरएसएस के बीच संबंधों में कड़वाहट आई है। नौ जुलाई 2024 को 58 साल का प्रतिबंध हटा दिया गया जो अटल बिहारी वाजपेयी के प्रधानमंत्री के कार्यकाल के दौरान भी लागू था।’’ रमेश ने कहा, ‘‘मेरा मानना है कि नौकरशाही अब निक्कर में भी आ सकती है।’’

कांग्रेस नेता ने यह बात आरएसएस की खाकी निक्कर वाली पोशाक की ओर इशारा करते हुए कही, जिसे 2016 में भूरे रंग की पतलून से बदल दिया गया।

नौ जुलाई के आदेश को टैग करते हुए भाजपा नेता अमित मालवीय ने कहा, ‘‘58 साल पहले 1966 में जारी असंवैधानिक आदेश, जिसमें सरकारी कर्मचारियों के आरएसएस की गतिविधियों में भाग लेने पर प्रतिबंध लगाया गया था, मोदी सरकार द्वारा वापस ले लिया गया है।’’ भाजपा नेता ने कहा कि मूल आदेश को पहले ही पारित नहीं किया जाना चाहिए था।


RSS ने सरकार के आदेश का किया स्वागत
इस मामले में आरएसएस का बयान भी सामने आया है। आरएसएस के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने कहा, ‘राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ गत 99 वर्षों से सतत राष्ट्र के पुनर्निर्माण एवं समाज की सेवा में संलग्न है। राष्ट्रीय सुरक्षा, एकता-अखंडता एवं प्राकृतिक आपदा के समय में समाज को साथ लेकर संघ के योगदान के चलते समय-समय पर देश के विभिन्न प्रकार के नेतृत्व ने संघ की भूमिका की प्रशंसा भी की है। अपने राजनीतिक स्वार्थों के चलते तत्कालीन सरकार द्वारा शासकीय कर्मचारियों को संघ जैसे रचनात्मक संगठन की गतिविधियों में भाग लेने के लिए निराधार ही प्रतिबंधित किया गया था।शासन का वर्तमान निर्णय समुचित है और भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था को पुष्ट करने वाला है।’

 

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