कलश यात्रा के साथ गोपेश्वर- भूतेश्वर महादेव मंदिर में भागवत कथा आरंभ हुयी
जगह-जगह पुष्पवर्षा से हुआ स्वागत, सजीव झांकी ने मन मोहा
बीकानेर , 29 सितम्बर। पितृ पक्ष (श्राद्ध पक्ष) अवसर पर ,मिती भादवा सुदी पूर्णिमा से आसोज बदी अमावस्या तक श्रीमद् भागवत कथा पाक्षिक ज्ञान यज्ञ का आयोजन गोपेश्वर बस्ती स्थित गोपेश्वर भूतेश्वर महादेव मंदिर में किया जा रहा है।
श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ का शुभारंभ शुक्रवार को कलश यात्रा के साथ हुआ। कलश यात्रा नगर सेठ लक्ष्मीनाथ जी मंदिर से आरंभ होकर विभिन्न मार्गों से होती हुयी गोपेश्वर बस्ती स्थित गोपेश्वर मंदिर प्रांगण कथा स्थल पर पहुंची, जहां विधि- विधान के साथ कथा वाचक सींथल पीठाधीश्वर श्री श्री 1008 महन्त श्री क्षमाराम जी महाराज ने कथा का वाचन आरंभ किया।
आयोजन समिति के गोपाल अग्रवाल ने बताया कि कथा आरंभ से पूर्व सुबह 9. 30 बजे लक्ष्मीनाथ जी मंदिर से कथा स्थल तक भव्य शोभायात्रा निकाली गई। जिसमें भगवान श्री राम सहित भरत, शत्रुघ्र और लक्ष्मण सजीव झांकी के रूप में घोड़ों पर सवार होकर आगे- आगे चल रहे थे। वहीं अन्य रथ में भगवान श्री कृष्ण बाल रूप में, राधा और कृष्ण एवं गोपियां अन्य रथ पर तथा सुदामा भी साथ थे। महिलाओं ने केसरिया साड़ी और सर पर कलश धारण किये, वहीं पुरुषों ने पीला चोला और सफेद पायजामा तथा राधे-राधे और जय श्री कृष्ण का दुपट्टा गले में डाले साथ चले।
भगवान राम की धुन, कृष्ण भजन और जयकारों के साथ कलश यात्रा का जगह-जगह भव्य स्वागत किया गया। यात्रा में शामिल महिलाओं व पुरुषों ने श्रीमद् भागवत को सर पर धारण कर पुण्य लाभ कमाया। वहीं राह में साथ चल रहे कथा वाचक क्षमाराम जी महाराज का पुष्प हार पहनाकर स्वागत किया और चरण वंदन कर आशीर्वाद लिया।
यात्रा में शामिल धर्म प्रेमी बंधुओ और महिलाओं के लिए शीतल पेय के साथ केशर-पिस्ता युक्त दूध, गुलाब शर्बत, कोल्ड ड्रिंक की सेवाएं दी गई।
आयोजन समिति के गोपाल अग्रवाल ने बताया कि कथा को लेकर शहर ही नहीं आसपास के क्षेत्र में भी उत्साह और उत्सुकता बनी हुई है। प्रथम दिन कथा आरंभ पर भारी जनसमूह कथा श्रवण का लाभ लेने पहुंचा। जिनके लिए समिति की ओर से बसों की व्यवस्था भी की गई। कथा स्थल पर कथा आरंभ से पूर्व क्षमाराम जी महाराज ने गोपेश्वर मंदिर पहुंचकर भगवान से आशीर्वाद लिया और देश दुनिया में सुख- शांति की कामना करते हुए कथा के सफल आयोजन की कामना की।
गोपाल अग्रवाल ने बताया कि कथा नियमित रूप से ठीक 12. 15 बजे शुरू हो जाएगी। बसें श्रद्धालुओं के लिए रूट पर 11. 15 बजे उपलब्ध रहेगी।