भंवरी देवी का संथारा में चौविहार प्रत्याख्यान में समाधि मरण
जैन संस्कार विधि से अंतिम संस्कार
गंगाशहर \ बीकानेर , 30 सितम्बर।संथारा साधिका श्रीमती भंवरी देवी मालू धर्मपत्नी स्व. श्री सुरेंद्रकुमार मालू, गंगाशहर निवासी (मूलत: भीनासर निवासी) का आज सुबह 10 . 30 बजे समाधि मरण हो गया। श्रीमती भंवरी देवी तथा उनके पारिवारिक जनों द्वारा संथारे की भावना निवेदन करने पर पूज्य गुरुदेव महाश्रमण जी की आज्ञा से दिनांक 26 सितंबर 2023 मंगलवार को शाम 4:21 बजे मुनि श्री श्रेयांश कुमार जी द्वारा तिविहार संथारे का प्रत्याख्यान करवाया गया था । भंवरी देवी के पांच पुत्रियां व एक पुत्र का भरा पूरा परिवार है। सभी पुत्रियों की शादी हो चुकी है। भंवरीदेवी मालू रासीसर के मूलचन्द जी चोरड़िया की पुत्री थी।
आज सुबह साध्वीश्री ललित कला जी ने आचार्यश्री महाश्रमण जी की आज्ञा से चौविहार का प्रत्याख्यान करवाया था। श्रावक-श्राविकाएं संथारा साधिका के दर्शन का लाभ लेने उनके निवास स्थान पहुंचे ।
प्रयाण यात्रा को तेरापंथ के आगे मुनिश्री श्रेयांश कुमार जी व विमल विहारी जी ने मगल पाठ सुनाया। यात्रा में शामिल लोग जैन गीतिकाएं गए रहे थे। तेरापंथी सभा , महिला मंडल , युवक परिषद् , किशोर मंडल व कन्या मंडल के सदस्यगण शामिल हुए। परिजन व श्रावक समाज केशर का टिका लगाया हुए थे। बैण्ड बाजा के साथ आनन्द उत्साह के साथ संथारा साधिका का अंतिम संस्कार किया गया।
जैन संस्कार विधि से अंतिम संस्कार
तेरापंथी सभा, गंगाशहर के अध्यक्ष अमर चन्द सोनी बताया कि उनके निवास स्थान “मां कृपा” (श्री दुलीचंद जी बैद का मकान) रांका चौपड़ा मोहल्ला, नई लाइन, गंगाशहर से प्रयाण यात्रा रवाना होकर तेरापंथ भवन गंगाशहर से महावीर चौक , मुख्य बाजार होते हुए भीनासर ओसवाल पंचायती के शमशान घाट पहुंची। जहां जैन संस्कार विधि से अंतिम संस्कार किया गया । जैन संस्कार की विधि पवन छाजेड, रतनलाल छलाणी, देवेन्द्र डागा, विपिन बोथरा ने सम्पन्न करवायी। सहयोगी के रूप में अरुण नाहटा, महावीर फलोदिया, मांगीलाल बोथरा, चैतन्य रांका, दिलिप सिरोहिया रहे।
संथारा साधिका भंवरी देवी मालू के पुत्र संदीप मालू ने मुखाग्नी दी तथा कहा मां अमर हो गयी हैं।