लोकसभा चुनाव से पहले मोदी सरकार का बड़ा फैसला
पांच साल तक के लिए बढ़ाई गरीबों के लिए मुफ्त राशन योजना
बढ़ा दिया गया है।
PMGKAY Scheme Extended For 5 Years :नयी दिल्ली , 29 नवम्बर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कैबिनेट ने बुधवार को बड़ा फैसला लिया है। अब अगले पांच साल तक गरीबों को राशन मुफ्त दिया जाएगा। 01 जनवरी 2024 से एक बार फिर से योजना को लागू किया जाएगा। फिलहाल दिसंबर 2023 तक यह योजना जारी है। देश में चिंहित परिवारों को इस योजना के तहत 35 किलोग्राम अनाज मुफ्त में मिलता रहेगा। इस समय 81 करोड़ भारतीय योजना का लाभ ले रहे हैं। इस योजना पर सरकार अगले पांच सालों में 11 लाख 80 हजार करोड़ रुपए का खर्च होगा। गौरतलब है कि 2024 में ही लोकसभा चुनाव होने जा रहा है। ऐसे में मोदी सरकार इस योजना को बंद कर कोई जोखिम नहीं लेना चाहती है।
अनुराग ठाकुर ने बताया- कितना आएगा खर्च
मंत्री ने कहा कि अगले पांच वर्षों में योजना पर करीब 11.8 लाख करोड़ रुपये का खर्च आएगा। पीएमजीकेएवाई को 2020 में वैश्विक महामारी राहत उपाय के रूप में पेश किया गया था।इसमें राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) के तहत पांच किलोग्राम सब्सिडी वाली खाद्य सामग्री के अलावा प्रति लाभार्थी को हर महीने पांच किलोग्राम मुफ्त खाद्यान्न प्रदान किया जाता है। कई विस्तारों के बाद दिसंबर 2022 में PMGKAY योजना को मुफ्त राशन प्रदान करने वाले NFSA के अधीन लाया गया।
16वें वित्त आयोग के लिए जरूरी शर्तों को दी मंजूरी
सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने बुधवार को कहा कि सरकार ने 16वें वित्त आयोग (16th Finance Commission) के लिए जरूरी शर्तों को मंजूरी दे दी है। यह केंद्र और राज्यों के बीच कर राजस्व के बंटवारे पर निर्णय करने से संबंधित है। ठाकुर ने कहा कि प्रधामंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाले 16वां वित्त आयोग अक्टूबर 2025 तक अपनी रिपोर्ट सौं पसौं देगा।फारिशें अप्रैल 2026 से पांच साल तक के लिए वैध रहेंगी।
संविधान के अनुच्छेद 280 के तहत स्थापित वित्त आयोग की मुख्य जिम्मेदारी केंद्र तथा राज्य सरकारों की वित्तीय स्थिति का मूल्यांकन करना है। इसके अलावा उनके बीच टैक्स के बंटवारे की सिफारिश करना और राज्यों के बीच इन करों (टैक्स) के वितरण का निर्धारण करने वाले सिद्धांतों तय करना है।
18 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के 75 समुदायों को विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों (पी वीटीजी) के रूप में वर्गीकृत किया गया है। सरकार ने कहा कि ये पीवीटीजी सामाजिक, आर्थिक और शिक्षा क्षेत्रों में कमजोर समझे जाते हैं। आयुष मंत्रालय मौजूदा मानदंडों के अनुसार आयुष कल्याण केंद्र स्थापित करेगा और मोबाइल मेडिकल यूनिट के जरिये आयुष सुविधाओं का दायरा पीवीटीजी बस्तियों तक बढ़ाया जायेगा। कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय इन समुदायों के उपयुक्त कौशल के अनुसार पीवीटीजी बस्तियों, बहुउद्देश्यीय केंद्रों और छात्रावासों में कौशल तथा व्यावसायिक प्रशिक्षण की सुविधा प्रदान करेगा।
महिलाओं को ड्रोन ट्रेनिंग
पीएम मोदी कैबिनेट ने ड्रोन सखी योजना पर भी मोहर लगा दी है। महिलाओं को खेतों में उर्वरक और कीटनाशक दवाओं का छिड़काव ड्रोन से करना सिखाया जाएगा। महिला स्वयं सहायता समूहों को इस योजना में ड्रोन उड़ाने की ट्रेनिंग और ड्रोन दिया जाएगा। इसके माध्यम से समूह को आय होगी। यही आय लखपति दीदी बनने में मदद करेगी। इसमें अगले दो सालों तक 15-15 हजार महिलाओं को ट्रेनिंग दी जाएगी।
13.5 करोड़ लोग गरीबी रेखा से बाहर
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कैबिनेट फैसलों की जानकारी देते हुए बताया कि पिछले पांच सालों में करीब साढ़े 13.5 करोड़ भारतीय गरीबी रेखा से बाहर आए हैं। गौरतलब है कि कोविड काल में मोदी सरकार प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना लाई गई थी। इसके तहत प्रत्येक परिवार को 35 किलो अनाज दिया जा रहा है।