सांडों ने मार डाला था, कोर्ट ने मृतक के परिजनों को 33 लाख 22 हजार रुपए मुआवजा देने का आदेश दिया
- बीकानेर कोर्ट ने राज्य सरकार और पंचायत समिति को दोषी माना
बीकानेर , 6 फ़रवरी। बीकानेर में 2 सांडों के हमले में युवक की मौत के मामले में डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने राज्य सरकार और पंचायत समिति को दोषी माना है। कोर्ट ने मृतक के परिजनों को 33 लाख 22 हजार रुपए मुआवजा देने का आदेश दिया है। 21 मई 2018 को बीकानेर के केसरदेसर जाटान गांव के रहने वाले आसाराम सुथार (40) घर जा रहे थे। इसी दौरान 2 सांडों ने बीच सड़क पर आसाराम पर हमला कर दिया था, जिसके बाद उनकी मौत हो गई थी। इस मामले पर बुधवार को सुनवाई हुई थी।
2018 में हुई थी मौत, परिवार के 6 सदस्य आश्रित थे
आशाराम सुथार की 21 मई 2018 को मौत हुई थी। वह राज मिस्त्री थे। साथ ही, खेतीबाड़ी भी करते थे। इससे सालाना 2.89 लाख रुपए तक कमा लेते थे। उन पर उनकी पत्नी, तीन बच्चे और माता-पिता सहित 6 लोग आश्रित थे।
कोर्ट ने सरकार-पंचायत समिति को दोषी माना
कोर्ट ने कहा कि आवारा पशुओं को गौशालाओं में डालकर आमजन की सुरक्षा करना जिम्मेदारों का दायित्व था, जिसमें वे विफल रहे। इसलिए राज्य सरकार और पंचायत समिति को दोषी माना गया है। कोर्ट ने दोनों जिम्मेदारों (राज्य सरकार और पंचायत समिति) को संयुक्त या अलग-अलग मुआवजे का भुगतान करने का आदेश दिया है।
मासिक आय के आधार पर तय हुआ मुआवजा
कोर्ट ने आशाराम सुथार की मासिक आय 24,093 रुपए मानी। इसमें से आशाराम के खर्च के रूप में 6,023 रुपए घटाकर आश्रितों के लिए 18,070 रुपए की गणना की। इसी आधार पर कुल 33.22 लाख रुपए का मुआवजा तय किया गया। सरकार की ओर से एडवोकेट कमल नारायण पुरोहित और आशाराम सुथार (मृतक) के परिवार की ओर से एडवोकेट बच्छराज कोठारी व रामचन्द्र मारू ने पैरवी की।