बीकानेर के 7 सरकारी समाचार

B.R.GAWALA, IPS

जल उपयोग दक्षता प्रबन्धन पर कृषक दम्पती जिला स्तरीय प्रशिक्षण का आयोजित
बीकानेर, 10 जनवरी। उद्यानिकी विभाग द्वारा सूक्ष्म सिंचाई योजना पीडीएमसी के तहत उद्यानिकी नवाचार व जल उपयोग दक्षता प्रबन्धन पर शुक्रवार को लूणकरणसर के कृषि विज्ञान केन्द्र सभागार मेंकृषक दम्पति जिला स्तरीय प्रशिक्षण का आयोजन किया गया। प्रशिक्षण कार्यक्रम उपनिदेशक (उद्यानिकी) रेणु वर्मा की अध्यक्षता में आयोजित हुआ।
तकनीकी सत्र में केन्द्रीय शुष्क बागवानी संस्थान बीकानेर के प्रधान वैज्ञानिक डॉ रामकेश मीना ने खजूर की उन्नत किस्मों, प्रबंधन एवं सम्पूर्ण प्रसंस्करण प्रकिया की जानकारी दी। सीआईएएच के डॉ हनुमान डूडी ने संरक्षित खेती पाॅली हाउस-शेडनेट हाउस में उद्यानिकी फसलों की खेती पर व्याख्यान दिया।
स्वामी केशवानन्द राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय के शस्य वैज्ञानिक डॉ. एस पी सिंह ने पाले से फसलों का बचाव व प्रबन्धन से सम्बन्धित बिन्दुओं पर विस्तार से चर्चा की। कार्यक्रम का संचालन करते हुए कृषि अधिकारी मुकेश गहलोत ने किसानों को कृषि एवं उद्यानिकी विभाग द्वारा देय विभिन्न योजनाओं के बारे में जानकारी दी। लूणकरणसर कृषि विज्ञान केन्द्र के प्रभारी डॉ आर के सिवरान ने कृषि विज्ञान केन्द्र द्वारा किए जा रहे अनुसंधान कार्यों के बारे में विस्तार से बताया।
एसकेआरएयू के सूक्ष्म सिंचाई विशेषज्ञ डॉ जितेन्द्र गौड़ ने बूंद-बूंद सिंचाई का उपयोग के बारे में किसानों को अवगत करवाया। कार्यशाला में लूणकरणसर उद्यान विभागीय अधिकारी तथा 60 से अधिक प्रगतिशील किसान दम्पती उपस्थित रहे। प्रशिक्षण में आयोजित प्रश्नोत्तरी के आधार पर प्रथम स्थान पर सारिका विश्नोई, द्वितीय स्थान पर भगवाना राम विश्नोई व तृतीय स्थान विष्णु आत्मा राम कड़वासरा का चयन कर उन्हें सम्मानित किया गया। कार्यशाला में डॉ भगवती, शक्ति सिंह, मोनिका, धर्मपाल इत्यादि उपस्थित रहे।

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जल उपयोग दक्षता प्रबन्धन पर कृषक दम्पती जिला स्तरीय प्रशिक्षण का आयोजित*
बीकानेर, 10 जनवरी। उद्यानिकी विभाग द्वारा सूक्ष्म सिंचाई योजना पीडीएमसी के तहत उद्यानिकी नवाचार व जल उपयोग दक्षता प्रबन्धन पर शुक्रवार को लूणकरणसर के कृषि विज्ञान केन्द्र सभागार मेंकृषक दम्पति जिला स्तरीय प्रशिक्षण का आयोजन किया गया। प्रशिक्षण कार्यक्रम उपनिदेशक (उद्यानिकी) रेणु वर्मा की अध्यक्षता में आयोजित हुआ।
तकनीकी सत्र में केन्द्रीय शुष्क बागवानी संस्थान बीकानेर के प्रधान वैज्ञानिक डॉ रामकेश मीना ने खजूर की उन्नत किस्मों, प्रबंधन एवं सम्पूर्ण प्रसंस्करण प्रकिया की जानकारी दी। सीआईएएच के डॉ हनुमान डूडी ने संरक्षित खेती पाॅली हाउस-शेडनेट हाउस में उद्यानिकी फसलों की खेती पर व्याख्यान दिया।
स्वामी केशवानन्द राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय के शस्य वैज्ञानिक डॉ. एस पी सिंह ने पाले से फसलों का बचाव व प्रबन्धन से सम्बन्धित बिन्दुओं पर विस्तार से चर्चा की। कार्यक्रम का संचालन करते हुए कृषि अधिकारी मुकेश गहलोत ने किसानों को कृषि एवं उद्यानिकी विभाग द्वारा देय विभिन्न योजनाओं के बारे में जानकारी दी। लूणकरणसर कृषि विज्ञान केन्द्र के प्रभारी डॉ आर के सिवरान ने कृषि विज्ञान केन्द्र द्वारा किए जा रहे अनुसंधान कार्यों के बारे में विस्तार से बताया।
एसकेआरएयू के सूक्ष्म सिंचाई विशेषज्ञ डॉ जितेन्द्र गौड़ ने बूंद-बूंद सिंचाई का उपयोग के बारे में किसानों को अवगत करवाया। कार्यशाला में लूणकरणसर उद्यान विभागीय अधिकारी तथा 60 से अधिक प्रगतिशील किसान दम्पती उपस्थित रहे। प्रशिक्षण में आयोजित प्रश्नोत्तरी के आधार पर प्रथम स्थान पर सारिका विश्नोई, द्वितीय स्थान पर भगवाना राम विश्नोई व तृतीय स्थान विष्णु आत्मा राम कड़वासरा का चयन कर उन्हें सम्मानित किया गया। कार्यशाला में डॉ भगवती, शक्ति सिंह, मोनिका, धर्मपाल इत्यादि उपस्थित रहे।
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नेशनल मिशन ऑन एडिबल ऑयल तिलहन योजना’ के तहत जिले में तेल उत्पादन को दिया जाएगा बढावा, आयोजित किए जाएंगे विशेष प्रशिक्षण
योजना के तहत देशभर के 347 विशिष्ट जिलों में बीकानेर भी शामिल

CHHAJER GRAPHIS

बीकानेर, 10 जनवरी। कृषि विभाग द्वारा केंद्र सरकार की योजना ‘नेशनल मिशन ऑन एडिबल ऑयल तिलहन योजना’ के तहत तेल उत्पादन को बढावा देने के लिए देशभर के 347 विशिष्ट जिलों में बीकानेर को भी शामिल किया गया है। संयुक्त निदेशक (कृषि) कैलाश चौधरी ने बताया कि मिशन का उद्देश्य तिलहन की खेती के रकबे में अतिरिक्त हैक्टेयर की वृद्धि व उत्पादन को बढ़ना है। इसके लिए 347 विशिष्ट जिलों में 600 से अधिक मूल्य श्रृंखला क्लस्टर विकसित किए जाएंगे, जो सलाना 10 लाख हैक्टेयर से अधिक क्षेत्र को कवर करेंगे। इसमें बीकानेर जिला भी शामिल है। जिले में सरसों व मूंगफली का उत्पादन बढ़ाने के लिए प्रशिक्षण दिए जाएंगे तथा तेल उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए अन्य गतिविधियां आयोजित की जाएंगी। इससे सरसों व मूंगफली के उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा। इस संबंध में कृषि आयुक्तालय द्वारा गाइडलाइन जारी की गई है। उन्होंने बताया कि इन क्लस्टरों का प्रबंधन एफपीओ, सहकारी समितियों और सार्वजनिक या निजी संस्थाओं जैसे मूल्य श्रृंखला भागीदारों द्वारा किया जाएगा। इन क्लस्टरों में किसानों को उच्च गुणवता वाले बीज, अच्छी कृषि पद्धतियों का प्रशिक्षण तथा मौसम और कीट प्रबंधन पर सलाहकार सेवा प्राप्त करने की सुविधा मिलेगी। इसके अलावा मिशन सूचना, शिक्षा और संचार (आईईसी) अभियान के जरिए खाद्य तेलों के लिए अनुशंसित आहार संबंधी दिशा-निर्देशों के बारे में जागरूकता को बढावा दिया जाएगा।

मिट्टी की जांच कराने के बाद वैज्ञानिक देंगे सलाह
कृषि अधिकारी मुकेश गहलोत ने बताया कि योजना के तहत सबसे पहले उत्पादन की क्षमता के बाद भी उतना उत्पादन नही होने वाले क्षेत्रों का चयन कर उत्पादन के गेप को कम किया जाएगा। इसके लिए किसानों का चयन कर उनको पांच साल में नई वैरायटी के आए बीज उपलब्ध करवाए जाएंगे।

मिशन का उद्देश्य खाद्य तेलों में आत्मनिर्भर बनाना

मिशन का उद्देश्य घरेलू तिलहन उत्पादन को बढाना तथा खाद्य तेलों में आत्मनिर्भरता के लक्ष्य को हासिल करना है। इस मिशन के जरिए कम पानी के उपयोग, मिट्टी के बेहतर स्वास्थ्य और फसल के परती क्षेत्रों के उत्पादक उपयोग के रूप में महत्वपूर्ण पर्यावरणीय लाभ भी मिलेगा। योजना के सफल क्रियान्वयन व समय पर पूर्ण करने के लिए टाइम लाइन भी तय की गई है। योजना के तहत 15 जनवरी तक वेल्यू चैन पार्टनर्स का चिन्हीकरण किया जाएगा तथा 15 फरवरी तक किसानों का प्रथम चरण का प्रशिक्षण एवं मृदा परीक्षण किया जाएगा।

10 टन तेल निकालने की इकाई लगाने पर मिलेगा 9.90 लाख का अनुदान
सहायक निदेशक भैराराम गोदारा ने बताया कि योजना के तहत जिले में 10 टन तेल निकालने की इकाई लगाने पर 9.90 लाख रुपए का अनुदान भी मिलेगा। इस तरह की इकाई विकसित होने से जिले के लोगों को शुद्ध और वाजिब दर पर तेल उपलब्ध होगा। वहीं इकाई लगाने वाले को जिले के अलावा बाहर सप्लाई कर व्यवसाय बढ़ाने का अवसर भी मिलेगा। केंद्र सरकार की योजना के तहत भूमि और भवन के लिए सहायता नहीं दी जाएगी। परियोजना की लागत की गणना के समय भूमि और भवन की लागत पर विचार नहीं किया जाएगा।
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राजस्थान पुलिस का पेपर लीक माफिया पर शिकंजा पेपर लीक पर एसआईटी का पहरा, सरकार में युवाओं का विश्वास हुआ गहरा
जयपुर, 10 जनवरी। प्रदेश में वर्ष 2023 तक विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में पेपर लीक की घटनाओं के कारण युवाओं में व्याप्त निराशा को दूर करने के लिए राज्य सरकार के निर्देश पर राजस्थान पुलिस की ‘स्पेशल इंवेस्टिगेशन टीम'(एसआईटी) ने विगत एक साल के दौरान एक के बाद एक अनेक प्रभावी कार्रवाइयों को अंजाम देकर नई नजीर पेश की है।

मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा ने प्रदेश में नई सरकार का नेतृत्व संभालने के तुरंत बाद 16 दिसम्बर 2023 को हताश युवाओं के विश्वास को लौटाने की दिशा मे पेपर लीक से सम्बंधित प्रकरणों की गहन जांच एवं नकल गिरोह से जुड़े आरोपियों की धरपकड़ करने के लिए अतिरिक्त महानिदेशक पुलिस, एटीएस एवं एसओजी के नेतृत्व में ‘एसआईटी’ के गठन का निर्णय लिया था। एसआईटी ने प्रदेश में पेपर लीक की रोकथाम के लिए इस सम्बन्ध में दर्ज मामलों में न केवल जाँच को त्वरित तरीके से आगे बढ़ाया है, बल्कि दोषियों के विरूद्ध सख्त से सख्त एक्शन से जताया है कि राज्य सरकार युवाओं को न्याय दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है।

एक साल में आरपीएससी की 145 एवं आरएसएसबी की 25 परीक्षाएं बिना पेपर लीक के आयोजित

पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) श्री उत्कल रंजन साहू ने बताया कि राजस्थान पुलिस की ‘एसआईटी’ ने पिछले एक साल के अंतराल में पेपर लीक के अनेकानेक अपराधियों और पेपर लीक के मामलों में सम्मिलित गैंग के सरगनाओं की गिरफ्तारी से यह स्पष्ट संदेश दिया है कि प्रदेश में कानून के साथ खिलवाड़ किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने बताया कि ‘एसआईटी’ की निर्णायक कार्रवाईयों से बने माहौल के बीच प्रदेश में गत एक साल में राजस्थान लोक सेवा आयोग (आरपीएससी) की 145 एवं राजस्थान अधीनस्थ सेवा बोर्ड (आरएसएसबी) की 25 परीक्षाएं बिना पेपरलीक पारदर्शी तरीके से आयोजित की गई है।

सरगना, सहयोगी और गलत तरीकों से लाभान्वित परीक्षार्थी सलाखों के पीछे

डीजीपी श्री साहू ने बताया कि प्रदेश में जेईएन पेपर लीक एवं उप निरीक्षक पुलिस एवं प्लाटून कमान्डर भर्ती परीक्षा—2021 के पेपर लीक में सम्मिलित मुख्य गैंग सरगनाओं के साथ-साथ उनके सहयोगी तथा गलत तरीके से लाभान्वित हुए परीक्षार्थियों को भी गिरफ्तार किया गया है, जिनमें से अनेक आरोपी वर्तमान में भी सलाखों के पीछे हैं। उन्होंने बताया कि ‘एसआईटी’ द्वारा परीक्षाओं में गड़बड़ी और अनियमितताओं के बारे में अलग—अलग स्रोतों से प्राप्त शिकायतों के आधार पर 2300 से अधिक परिवादों की जांच की जा रही है। अब तक 94 एफआईआर दर्ज की गई है, वहीं पेपर लीक मामलों में 244 आरोपियों की गिरफ्तारी हुई है, इनमें से 176 आरोपी मौजूदा समय में जेल में है।

डमी कैंडिडेट्स के सहारे चयन के आरोपी भी आए गिरफ्त में

अतिरिक्त महानिदेशक (एडीजी) पुलिस, एटीएस और एसओजी तथा ‘एसआईटी’ के प्रमुख श्री वीके सिंह ने बताया कि प्रदेश में कैलेंडर वर्ष 2024 के दौरान एसओजी के थाने पर पेपर लीक, डमी अभ्यर्थियों के सहारे चयन तथा प्राइवेट विश्वविद्यालयों द्वारा फर्जी डिग्री सर्टिफिकेट थोक में जारी करने और इनका बड़े स्तर पर इस्तेमाल करते हुए सरकारी नौकरियां प्राप्त करने से जुड़ी 91 एफआईआर रजिस्टर की गई। उन्होंने बताया कि एसआईटी की जांच में विभिन्न भर्ती परीक्षाओं में डमी अभ्यर्थी बैठाकर अनुचित साधनों के प्रयोग से चयनित होने वालों की संख्या बहुत अधिक होने का खुलासा हुआ। यह भी एक पेपर लीक जैसी गम्भीर समस्या थी, जो कि अब तक दबी हुई थी। एसआईटी ने इसे उजागर कर परीक्षा प्रणाली में सुधार करवाए हैं।

ईओ—आरओ परीक्षा में पेपर लीक एवं अनुचित साधनों के उपयोग का पर्दाफाश

एडीजी एसओजी एवं एटीएस श्री सिंह ने बताया कि एसआईटी ने आरपीएससी द्वारा आयोजित अधिशाषी अधिकारी एवं राजस्व अधिकारी(ईओ/आरओ) भर्ती परीक्षा—2023 की जांच कर 20 आरोपियों को गिरफ्तार करते हुए इनमें पेपर लीक एवं अनुचित साधनों के उपयोग का पर्दाफाश भी किया है, राजस्थान लोक सेवा आयोग द्वारा इस परीक्षा को निरस्त कर पुनः आयोजन की घोषणा की गई है। इसके साथ ही बेकरिया पेपरलीक प्रकरण में दिसम्बर 2022 में राजस्थान लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित द्वितीय श्रेणी शिक्षक भर्ती परीक्षा-2022 के सिलसिले में थाना बेकरिया जिला उदयपुर में गिरफ्तारशुदा 06 मुल्जिमों की जमानत याचिका माननीय राजस्थान उच्च न्यायालय, जोधपुर पीठ द्वारा सुनवाई के बाद अगस्त 2024 में खारिज की गई। ये मुल्जिम वर्ष 2023 से न्यायिक अभिरक्षा में है।

फर्जी डिग्री देने और लेने वालों पर कसा शिकंजा

सिंह ने बताया कि एसआईटी की जांच में ज्ञात हुआ कि पेपर लीक द्वारा बिना योग्यता वाले अभ्यर्थियों का अनुचित साधनों से चयन करवा दिया जाता था। परीक्षा का फार्म भरते समय उनके द्वारा यह घोषणा की जाती थी कि कि वे अमुक विश्वविद्यालय से अंतिम वर्ष के विद्यार्थी हैं किन्तु वे वास्तव में विद्यार्थी नहीं हो कर चयनित होने पर किसी प्राईवेट यूनिवर्सिटी से फर्जी डिग्री लाकर एवं अनुचित तरीकों से बड़ी संख्या में सरकारी नौकरी प्राप्त कर लेते थे। एसआईटी द्वारा ऐसे विश्वविद्यालयों के खिलाफ गहनता से छानबीन बाद मुकदमा दर्ज किया गया है एवं जाँच प्रगति पर है। ऐसे प्राईवेट विश्वविद्यालय के पदाधिकारियों, दलालों एवं कई लाभार्थियों को गिरफ्तार किया गया है और वे अभी भी जेल में बन्द है। साथ ही एसओजी ने खेलों में फर्जी प्रमाण पत्र का कारनामा गोरखधंधा उजागर कर इसमें संलिप्त आरोपितों को भी गिरफ्तार किया है।

हेल्पलाइन पर आमजन से मिल रही सटीक सूचनाएं

एडीजी एसओजी एवं एटीएस श्री सिंह ने बताया कि एसआईटी की टीम ने गत एक साल में जिस प्रकार रात दिन एक करते हुए पेपर लीक के मामलों में लगातार तत्परता से ठोस कार्रवाई की है, उससे युवाओं के साथ—साथ आमजन में भी सिस्टम के प्रति भरोसा कायम हुआ है। एसआईटी द्वारा जारी हेल्पलाइन पर आमजन सजग प्रहरी के रूप में लगातार परीक्षाओं में अनुचित साधनों का प्रयोग कर चयनित लाभार्थियों के बारे में सटीक सूचना बढ़—चढ़कर साझा कर रहे है। एक तरह से एसआईटी हेल्पलाइन ने जनता को पुलिस की भूमिका में लाकर खड़ा कर दिया है। ।
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पांच दिवसीय उद्यमिता विकास कार्यक्रम (ईडीपी) आयोजित
बीकानेर, 10 जनवरी। राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान द्वारा 3 से 9 जनवरी तक पांच दिवसीय उद्यमिता विकास कार्यक्रम (ईडीपी) का आयोजन किया गया। महाप्रबंधक जिला उद्योग एवं वाणिज्य केंद्र मंजू नैण गोदारा तथा नाबार्ड के रमेश तांबिया ने प्रशिक्षण में विस्तार से विषय आधारित जानकारी दी।
संस्थान प्रधान कैलाश शर्मा (उपनिदेशक, प्रशिक्षण) ने बताया सरकार के संकल्प प्रोजेक्ट के तहत उद्यमिता के उदेश्य , अर्थ के बारे में बताया गया। इस दौरान वर्किंग केपीट्ल तथा अकाउंटस की विभिन्न विधियों, बैंकों से ऋण प्राप्त करने की प्रक्रियाओं , विभिन्न उद्यमिता प्रोत्साहन योजनाओं एवं व्यापार को प्रारंभ करने के लिए आवश्यकताओं, विषय विशेषज्ञों द्वारा प्रशिक्षण दिया गया। आर.एस.एल.डी.सी के विवके शर्मा, जिला कौशल सम्नवयक ने आर.एस.एल.डी.सी द्वारा संचालित विभिन्न कौशल योजनाओं के बारे में जानकारी प्रदान की। इस कार्यक्रम के सफल क्रियान्वयन के लिए राजेंद्र कुमार (कॉर्डिनेटर), समूह अनुदेशक, विजय सुथार, समूह अनुदेशक तथा श्रुति संदल, कनिष्ठ अनुदेशक का सहयोग रहा।
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श्रीडूंगरगढ़ उपजिला अस्पताल में मजबूत होगी स्वास्थ्य सेवाएं, मिला स्टाफ
विधायक सारस्वत के प्रयासों से अस्पताल और ट्रोमा सेंटर को मिले 35 नर्सिंग आफिसर
बीकानेर, 10 जनवरी। श्रीडूंगरगढ़ विधायक श्री ताराचंद सारस्वत के प्रयासों से श्रीडूंगरगढ़ उपजिला अस्पताल में अब नर्सिग अधिकारियों के समस्त पदों पर नियुक्ति मिल सकी है। विधायक सारस्वत ने बताया कि उपजिला अस्पताल तथा ट्रोमा सेंटर हेतु 35 नए नर्सिंग ऑफिसर्स की नियुक्ति दी गई है। रिक्त पदों पर स्टॉफ मिलने से श्रीडूंगरवासियों को अब उप जिला अस्पताल में गुणवत्तापरक चिकित्सा सेवाएं मिल सकेगी। श्री सारस्वत ने बताया कि चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी आदेश में यह नियुक्तियां दी गई है। उपजिला अस्पताल को यह सौगात मिलने पर श्री सारस्वत ने मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा एवं चिकित्सा एवं गजेंद्र सिंह खींवसर का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि इस अस्पताल, ट्रोमा सेंटर सहित शहरी पीएचसी में स्टाफ की नियुक्ति के लिए काफी समय से प्रयास किए जा रहे थे। राज्य सरकार से उप जिला अस्पताल के रिक्त पदों को भरने की मांग की गई थी। इस पर राज्य सरकार द्वारा ये नियुक्ति जारी की गई है। 35 नर्सिंग कार्मिकों के उपलब्ध होने से श्रीडूंगरगढ़वासियों व आसपास के ग्रामीणों को बहुत सहूलियत मिल सकेगी तथा उपजिला अस्पताल में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करवाई जा सकेगी। उन्होंने कहा कि उपजिला अस्पताल के उन्न्यन के अनवरत प्रयास किए जाएंगे। अस्पताल में चिकित्सकों के रिक्त पदों को भरवाने की दिशा में भी प्रयास किए जाएंगे। साथ ही आवश्यकता के अनुसार नए उपकरण लगावाने के माध्यम से भी चिकित्सा सुविधाएं बढ़ाई जाएंगी। उन्होंने बताया कि अस्पताल में निर्माण कार्य भी शीघ्र पूर्ण करवाया जाएगा।
अस्पताल प्रभारी डॉ एस के बिहाणी ने बताया कि समस्त नव नियुक्त कार्मिक शनिवार तक ज्वाइन करेंगे। स्टाफ नियुक्ति से विभिन्न चिकित्सा यूनिट को चलाने में आसानी होगी, साथ ही चिकित्सा सेवाओं की गुणवता में भी बढ़ोतरी हो सकेगा। डॉ बिहानी ने बताया कि श्रीडूंगरगढ़ अस्पताल में इतना स्टॉफ एक साथ पहली बार नियुक्त किया गया है इसका पूरा श्रेय विधायक ताराचंद सारस्वत को जाता है । क्षेत्र वासियों ने भी इस कार्य के लिए विधायक सारस्वत को बधाई दी और आभार प्रकट किया ।
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एसकेआरएयू के गोद लिए हुए गांव पेमासर में प्रक्षेत्र दिवस का आयोजन

सरसों की वैरायटी आरएच -725 के प्रथम पंक्ति प्रदर्शन के तहत प्रक्षेत्र दिवस का आयोजन

बीकानेर, 10 जनवरी। स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय के गोद लिए गांव पेमासर में शुक्रवार को सरसों की वैरायटी आरएच -725 के प्रथम पंक्ति प्रदर्शन के तहत प्रक्षेत्र दिवस का आयोजन किया गया। प्रसार शिक्षा निदेशालय की ओर से प्रगतिशील किसान तेजा राम कूकणा के खेत पर आयोजित कार्यक्रम के मुख्य अतिथि अतिरिक्त संभागीय आयुक्त जसवंत सिंह थे। विशिष्ट अतिथि सरपंच प्रतिनिधि पेमा राम कूकणा, तेजाराम कूकणा एवं प्रगतिशील किसान रामकुमार थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता कुलपति डॉ अरूण कुमार ने की।

अतिरिक्त संभागीय आयुक्त जसवंत सिंह ने कहा कि किसान कृषि वैज्ञानिकों के द्वारा बताई जा रही कृषि की नई तकनीक और अच्छी वैरायटी का बीज इस्तेमाल करे ताकि आय बढ़े। सरसों की किस्म आरएच-725 की अब मार्केट में डिमांड बहुत ज्यादा है। प्राइवेट कंपनियों के बीज से कहीं सस्ता ये बीज सरकार उपलब्ध करवा रही है।
कुलपति डॉ अरूण कुमार ने कहा कि जिला प्रशासन के सहयोग से कृषि विश्वविद्यालय गांव में जिस तरह से विभिन्न कार्यक्रम आयोजित कर रहा है। अब वो दिन दूर नहीं जब पेमासर गांव एक आदर्श गांव के रूप में जाना जाएगा। उन्होने कहा कि राज्यपाल महोदय का बीकानेर आने का कार्यक्रम जल्द बन रहा है अगर गांव के लोग चाहेंगे तो यहां किसान मेला और किसान प्रदर्शनी का आयोजन किया जाएगा।

अनुसंधान निदेशक डॉ विजय प्रकाश ने कहा कि सरसों की किस्म आरएच-725 बहुत कम पानी में बंफर पैदावार देती है। इसमें 2-3 पानी या फंव्वारे से केवल 4 पानी देने की आवश्यता होती है। इससे पूर्व कार्यक्रम की शुरूआत स्नातकोत्तर अधिष्ठाता डॉ राजेश कुमार वर्मा ने स्वागत भाषण देते हुए बताया कि पेमासर गांव में सरसों की वैरायटी आरएच-725 के कुल 36 प्रदर्शन लगाए गए हैं।

प्रगतिशील किसान रामकुमार ने कहा कि इस किस्म में रोग न के बराबर आता है। कम पानी में अच्छी फसल होती है। किसान अर्जुन राम ने कहा कि किसान कृषि वैज्ञानिकों की बात सुनते तो हैं लेकिन कई बार अपनी मनमर्जी कर देते हैं इससे किसानों को नुकसान होता है। कार्यक्रम के आखिर में कृषि महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ पी.के.यादव ने धन्यवाद ज्ञापित किया।

कार्यक्रम के बाद सभी ने सरसों की किस्म आरएच-725 के खेत में लगे प्रदर्शन देखे। कार्यक्रम में सरपंच प्रतिनिधि पेमाराम कूकणा, प्रसार शिक्षा निदेशक और कुलपति के ओएसडी डॉ योगेश कुमार शर्मा, केवीके बीकानेर के वरिष्ठ वैज्ञानिक व अध्यक्ष डॉ दुर्गा सिंह समेत कृषि विश्वविद्यालय के सभी डीन डायरेक्टर, पेमासर गांव के गणमान्य लोग बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। मंच संचालन डॉ सुशील कुमार ने किया।

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