बीकानेर नगर निगम पर 81,200 रुपये की बकाया राशि चुकाने में लापरवाही, कोर्ट ने दी कुर्की की अनुमति


- कोर्ट का सख्त आदेश – सांड के हमले में महिला की मौत पर नहीं मिला पूरा मुआवजा, निगम आयुक्त का फर्नीचर होगा कुर्क
बीकानेर, 11 जुलाई। शहर में आवारा सांड की टक्कर से महिला की मौत के मामले में मुआवजा राशि का पूरा भुगतान नहीं करने पर अदालत ने नगर निगम आयुक्त कार्यालय का फर्नीचर कुर्क करने का आदेश दिया है। क्या है मामला? प्रकरण 5 अगस्त 2019 की शाम का है, जब धन्नाराम की पत्नी संतोष देवी गजनेर रोड स्थित कोठारी अस्पताल के पास पैदल चल रही थीं। तभी एक आवारा सांड और गाय ने उन्हें अचानक टक्कर मारी और पैरों से कुचल डाला। गंभीर रूप से घायल संतोष देवी को पहले कोठारी अस्पताल और फिर पीबीएम रेफर किया गया, जहां 6 अगस्त को उन्होंने दम तोड़ दिया। चिकित्सकीय रिपोर्ट में मृत्यु का कारण सांड द्वारा कुचला जाना बताया गया।




परिवार को मिला आंशिक मुआवजा
मृतका के पति धन्नाराम ने स्थायी लोक अदालत में नगर निगम और सरकार के खिलाफ मुआवजे की मांग करते हुए वर्ष 2020 में परिवाद प्रस्तुत किया। 2 अगस्त 2023 को अदालत ने नगर निगम को आदेश दिया कि वह 3 लाख रुपये एकमुश्त, 6% वार्षिक ब्याज के साथ मानसिक पीड़ा व परिवाद व्यय हेतु 10,000 रुपये अतिरिक्त भुगतान करे।


अब तक मिला भुगतान
10 मार्च 2025 को निगम ने 3,28,800 रुपये अदा किए, लेकिन अभी 81,200 रुपये की राशि बकाया है। इस वसूली के लिए 5 अप्रैल 2024 को इजराय प्रार्थना-पत्र दाखिल किया गया।
अब कुर्की की कार्रवाई
मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने सुनवाई के बाद आदेश जारी किया कि निगम आयुक्त कार्यालय का फर्नीचर कुर्क किया जाए। कोर्ट सेल अमीन को निर्देशित किया है कि वह कुर्की की कार्रवाई कर 16 जुलाई को पालना रिपोर्ट पेश करे।
सवालों के घेरे में नगर निगम की जवाबदेही
यह मामला न सिर्फ प्रशासन की लापरवाही को उजागर करता है, बल्कि यह भी बताता है कि शहरी क्षेत्रों में आवारा पशुओं की समस्या कितनी जानलेवा हो सकती है। अब देखने वाली बात यह होगी कि निगम इस आदेश पर समय रहते कार्रवाई करता है या फिर कानूनी शिकंजा और कसता है।
यह फैसला प्रशासन के लिए चेतावनी है – जनजीवन की सुरक्षा में लापरवाही अब भारी पड़ सकती है।