बीकानेर वासियों ने आसमान में एयरफोर्स का खतरनाक स्टंट देखे

  • सूर्यकिरण टीम ने आसमान में जमकर स्टंटबाजी की

बीकानेर , 1 फ़रवरी । भारतीय वायुसेना की शक्ति और राष्ट्र निर्माण में उसके योगदान को प्रदर्शित करने के लिए भारतीय वायु सेना द्वारा 01 फरवरी 2024 को नाल (बीकानेर) में एक “वायु जागरूकता अभियान” आयोजित किया गया था।

indication
L.C.Baid Childrens Hospiatl

बीकानेर के नाल एयरफोर्स स्टेशन पर एयर शो के दूसरे दिन गुरुवार को सूर्यकिरण टीम ने आसमान में जमकर स्टंटबाजी की। टीम ने दिल दहलाने वाली परफॉर्मेंस दी। “रेड लाइनिंग” वाले फाइटर प्लेन सुबह करीब दो घंटे तक कलाबाजियां करते नजर आए। न सिर्फ कलाबाजी बल्कि जोश और जज्बे का प्रदर्शन किया।

mmtc
pop ronak

भारतीय वायुसेना की अद्वितीय नौ विमान निर्माण एरोबेटिक्स टीम, ‘सूर्य किरण एरोबेटिक टीम’ (एसकेएटी) ने अभियान के दौरान विभिन्न संरचनाओं में उड़ान भरकर और एरोबेटिक युद्धाभ्यास करते हुए एक रोमांचक प्रदर्शन किया।

khaosa image changed
CHHAJER GRAPHIS

सुबह 11:30 बजे एसकेएटी के हवाई प्रदर्शन को बड़ी संख्या में लोगों ने देखा। प्रदर्शन की पूरी अवधि के दौरान दर्शकों को मंत्रमुग्ध रखने के लिए प्रोफ़ाइल को विशेष रूप से तैयार और क्यूरेट किया गया था। टीम ने कई चुनौतीपूर्ण युद्धाभ्यास किए जिनके लिए पूर्ण सटीकता, सिंक्रनाइज़ेशन और बहुत उच्च स्तर की पेशेवर क्षमता की आवश्यकता होती है।

एयरफोर्स और जिला प्रशासन की ओर से नाल एयरफोर्स स्टेशन के अंदर और आस-पास के गांवों के लोगों की भी नजर आसमान पर रही। एक के बाद एक फाइटर प्लेन आगे बढ़ते और फिर लौटकर आते। आने-जाने के बीच कुछ मिनट का ही अंतर होता। टीम ने विमान से अलग-अलग स्टंट कर दर्शकों को चकित कर दिया।

आकाश गंगा और तेजस और सुखोई -30 एमकेआई विमानों द्वारा निम्न स्तर के एरोबेटिक्स का मंत्रमुग्ध और रोमांचकारी प्रदर्शन भी देखा।

चार सौ किलोमीटर प्रति घंटे स्पीड से विमानों को दौड़ाया

फाइटर प्लेन आसमान में एक आकृति बनाते हुए आगे बढ़ते चले गए। वहीं प्लेन के पीछे छूट रहे सफेद धुएं से भी आकृति बना देते। टीम के सदस्यों ने करीब 10 फाइटर प्लेन के साथ चार सौ किलोमीटर प्रति घंटे स्पीड से आसमान में दौड़ लगाई। कभी एकदम टॉप पर तो कभी तेज स्पीड से जमीन की तरफ लुढ़कते नजर आए। एसकेएटी प्रदर्शन के अलावा, दर्शकों ने भारतीय वायु सेना की स्काई डाइविंग टीम – आकाश गंगा और तेजस और सुखोई -30 एमकेआई विमानों द्वारा निम्न स्तर के एरोबेटिक्स का मंत्रमुग्ध और रोमांचकारी प्रदर्शन भी देखा।

रोमांचक हवाई प्रदर्शन को लगभग 20,000 दर्शकों ने देखा, जिनमें कई स्कूल जाने वाले बच्चे भी शामिल थे।

आम नागरिक देखने आए एयर शो
वर्तमान में, टीम का नेतृत्व भारतीय वायु सेना के लड़ाकू पायलट ग्रुप कैप्टन जीएस ढिल्लों कर रहे हैं। रोमांचक हवाई प्रदर्शन को लगभग 20,000 दर्शकों ने देखा, जिनमें कई स्कूल जाने वाले बच्चे भी शामिल थे। यह शो युवा पीढ़ी को सशस्त्र बलों में शामिल होने के लिए प्रेरित करने और भारतीय वायु सेना में अदम्य भावना और अनुशासन की विशेषताओं को प्रदर्शित करने के दोहरे इरादे से आयोजित किया गया था।

एयर शो देखने के लिए गुरुवार को आम आदमी आए। इस दौरान मोबाइल और भोजन सामग्री अंदर ले जाने की छूट नहीं थी। इससे पहले बुधवार को स्कूल स्टूडेंट्स एयर शो देखने आए थे।

क्या है सूर्य किरण

सूर्यकिरण विमान एयरफोर्स की एयरोबेटिक्स टीम का हिस्सा है, जिसका इस्तेमाल सेना में प्रशिक्षण के लिए किया जाता है। इसकी रफ्तार 450 से 500 किलोमीटर प्रति घंटे तक होती है। देशभर में जगह-जगह सूर्य किरण एयर शो करती है, ताकि स्कूल स्टूडेंट्स का एयरफोर्स के प्रति आकर्षण बन सकें।

SKAT का गठन वर्ष 1996 में किया गया था और स्क्वाड्रन का आदर्श वाक्य “सदैव सर्वोत्तम” है जिसका अर्थ है “हमेशा सर्वश्रेष्ठ”। शुरुआत में किरण मार्क-II विमान उड़ाने के बाद, SKAT को वर्ष 2015 में हॉक एमके-132 विमान से फिर से सुसज्जित किया गया। टीम ने पूरे भारत के साथ-साथ चीन, श्रीलंका, म्यांमार, थाईलैंड,सिंगापुर और संयुक्त अरब अमीरात में 600 से अधिक हवाई प्रदर्शन किए हैं।

bhikharam chandmal

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *