बीजेपी विधायक ने 7 BJP कार्यकर्ताओं पर दर्ज कराई FIR

  • बहराइच हिंसा में दंगा और उपद्रव करने के आरोप

बहराइच , 21 अक्टूबर। जिले के महसी विधानसभा क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के विधायक सुरेश्वर सिंह ने जिले में हाल में हुई सांप्रदायिक हिंसा के सिलसिले में दंगा और उपद्रव करने के आरोप में अपनी पार्टी की युवा शाखा के नगर अध्यक्ष समेत सात नामजद और अन्य अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई है। पुलिस ने सोमवार को यह जानकारी दी। पुलिस के अनुसार, महराजगंज हिंसा मामले में अब तक दर्ज यह 12वीं प्राथमिकी है।

indication
L.C.Baid Childrens Hospiatl

अधिकारियों के मुताबिक, विधायक सिंह की तहरीर पर पुलिस ने बहराइच नगर के भारतीय जनता युवा मोर्चा के अध्यक्ष अर्पित श्रीवास्तव, अनुज सिंह रैकवार, शुभम मिश्रा, कुशमेन्द्र चौधरी, मनीष चंद्र शुक्ल, पुंडरीक पांडेय और सुधांशु सिंह राणा के अलावा अज्ञात लोगों के खिलाफ नगर कोतवाली में 18 अक्टूबर को संबंधित धाराओं में प्राथमिकी की गई है।

pop ronak

प्राथमिकी के अनुसार, आरोपियों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 191 (दो), (साधारण दंगे का अपराध), 191 (तीन) (गैर कानूनी सभा में घातक हथियार से हमला), तीन (पांच) (अपराध का सामूहिक उत्तरदायित्व), 109 (1) (किसी की हत्या के इरादे से हमला), 324 (2) (शरारत), 351 (तीन) (व्यक्ति को चोट और संपत्ति को नुकसान पहुंचाना), 352 (जानबूझकर किसी का अपमान करना) और 125 (लोगों की जान और सुरक्षा को खतरे में डालना) के तहत मामला दर्ज किया गया है।

CHHAJER GRAPHIS

जिन लोगों पर मुकदमा दर्ज किया गया है उनमें बहराइच के महसी क्षेत्र निवासी एवं श्रावस्ती में तैनात एक सरकारी शिक्षक भी शामिल है।

विधायक की यह प्राथमिकी 13 अक्टूबर को बहराइच के महराजगंज कस्बे में सांप्रदायिक हिंसा में मारे गये राम गोपाल मिश्र (22) के शव को लेकर हुए उपद्रव के संबंध में दर्ज की गई है।

महाराजगंज में 13 अक्टूबर को दुर्गा प्रतिमा विसर्जन जुलूस के दौरान तेज आवाज में संगीत बजाने को लेकर हुए विवाद में राम गोपाल मिश्रा (22) नामक युवक की गोली लगने से मौत हो गई थी। इस घटना के बाद सांप्रदायिक हिंसा भड़क उठी थी, जिसके बाद आगजनी और तोड़फोड़ की घटनाएं हुईं।

विधायक ने प्राथमिकी में आरोप लगाया है जब 13 अक्टूबर को राम गोपाल मिश्रा के शव को बहराइच मेडिकल कॉलेज के समक्ष गेट पर रखकर भीड़ प्रदर्शन कर रही थी, तो वह अपने अंगरक्षकों व अन्य सहयोगियों के साथ वहां पहुंचे और उसके पश्चात वरिष्ठ अधिकारियों से वार्ता के बाद शव को मुर्दाघर ले जाया जाने लगा, तभी कुछ उपद्रवी मुर्दाबाद के नारे लगाने लगे एवं गाली गलौज करने लगे।

उन्होंने बताया कि इनमें अर्पित श्रीवास्तव, अनुज सिंह रैकवार, शुभम मिश्रा, कुशमेन्द्र चौधरी, मनीष चंद्र शुक्ल, पुंडरीक पांडेय (अध्यापक श्रावस्ती), सुधांशु सिंह राणा समेत अन्य लोग शामिल थे।

विधायक ने तहरीर में आरोप लगाया, ”हम लोगों ने शव मुर्दाघर में किसी तरह रखवाया। फिर लोगों ने उपद्रव करना शुरू कर दिया।” उन्होंने कहा कि यह सारी घटना 13 अक्टूबर की रात आठ से 10 बजे के बीच की है।

सिंह की तहरीर पर दर्ज प्राथमिकी के अनुसार, वे और जिलाधिकारी जब मुर्दाघर से निकलकर गेट के बाहर पहुंचे और उनकी गाड़ी मुड़ने लगी, तभी उपरोक्त लोगों ने गाड़ी को रोकने की कोशिश की तथा अन्य लोगों ने पथराव किया। सिंह ने आरोप लगाया, ”उसी समय भीड़ से एक गोली चलाई गई जिससे गाड़ी का एक शीशा टूट गया और मेरा बेटा अखण्ड प्रताप सिंह बाल बाल बचा।”

विधायक ने कहा कि घटना रात्रि आठ से 10 बजे के मध्य की है, सी.सी.टी.वी. फुटेज में सारी घटना स्पष्ट होगी। भारतीय जनता पार्टी के एक अधिकारिक सूत्र ने बताया कि मुख्य आरोपी अर्पित श्रीवास्तव भारतीय जनता युवा मोर्चा, बहराइच शहर के अध्यक्ष हैं।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *