बीकानेर के साहसियों ने रचा इतिहास परिवार के पांच सदस्यों में 19 माह की आरू ने एवरेस्ट के आधार शिविर पर रखे कदम
- बिस्सा परिवार की तीन पीढी एक साथ खुंबू ग्लेशियर पार कर आधार शिविर पहुंची
बीकानेर , 24 मई। नेशनल एडवेंचर फाउन्डेशन, नई दिल्ली की कार्यकारिणी सदस्य डा. सुषमा बिस्सा, पुत्र रोहिताश्व बिस्सा व ओजस्वी बिस्सा, पुत्रवधू श्रीमती अनामिका व्यास बिस्सा व एवरेस्टर मगन बिस्सा-डा. सुषमा बिस्सा की पौत्री आरोही टीम के साथ आज नेपाल स्थित मा. एवरेस्ट के आधार शिविर 5368 meter (17598 ft) पहुंची तथा इतिहास रच दिया। जिसमें 19 माह की आरू संभवतः विश्व की पहली सबसे कम आयु की लड़की है जो एवरेस्ट आधार शिविर पर अपने कदम रखे ।
इसके अलावा एक परिवार के पांच सदस्य जिसमें तीन पीढ़ी एक साथ आधार शिविर पहुंची है । संस्थान के आर के शर्मा ने बताया कि आज सवेरे गोरखशेप से रवाना होकर विश्व के सबसे खतरनाक खुम्बु ग्लेशियर को पार कर आधार शिविर पहुंचे तथा वहां केम्प लगा कर बैठे अनेक देशों के एवरेस्ट अभियान दल के सदस्यों को शुभकामनाएं देकर वापस गोरखशेप पहुंचे ।
वर्ष 1984 में भारत के एवरेस्ट अभियान दल ने एवरेस्ट शिखर आरोहण कर इतिहास रचा था जब देश की पहली एवरेस्ट विजयिनी सुश्री बचेन्द्री पाल के कदम सागरमाथा तक पहुंचे थे । इसी इतिहास की 40वीं वर्षगांठ पर उसी अभियान दल के सदस्य 5 मई को नई दिल्ली से काठमांडू पहुंचे ।
इस दल की महिला सदस्यों की टीम सुश्री बचेन्द्री पाल के नेतृत्व में बीकानेर के साहसी भी शमिल हुए तथा जिरी से 17 दिन की पदयात्रा कर सागरमाथा के चरणों तक पहुंचे । इस यात्रा के दौरान डा. सुषमा बिस्सा अपनी पौत्री को प्रारंभ से ही साथ लेकर पदयात्रा पर निकली तथा अभियान को सफल कर ही दम लिया । बीकानेर से रवानगी से पूर्व संभागीय आयुक्त श्रीमती वंदना सिंघवी ने शुभकामनाएं देकर विदा किया था ।